*दोहा-सृजन हेतु शब्द--*
*विधान,जहाज,पलक,संदूक,मरुथल*
1 विधान
विधि का यही विधान है, करते जैसा कर्म।
प्रतिफल वैसा ही मिले, जाना हमने मर्म।।
2 जहाज
जीवन एक जहाज है, सुखद लगे उस पार।
सद्कर्मों की नदी में, फँसें नहीं मझधार।।
3 पलक
पलक पाँवड़े बिछ गए, राम-लला के द्वार।
दर्शन के व्याकुल नयन, पहुँच रहे दरबार।।
4 संदूक
पाँच सदी पश्चात यह, आया शुभ दिन आज।
न्यौछावर संदूक हैं, दिखा राम का काज।।
5 मरुथल
नदियों का गठजोड़ यह, दिशा दिखाता नेक।
मरुथल में अब हरितमा, उचित कदम है एक।।
मनोजकुमार शुक्ल " मनोज "
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