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New bites

✤┈SuNo ┤_★_🦋
खैर! गिला क्या ही करें उन रंगों का
       जो धुंधले पड़ गए…🥀

शुक्र है इस साल का जिसने सबके
      नकाब उतार दिए…🔥
╭─❀💔༻ 
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#LoVeAaShiQ_SinGh
⎪⎨➛•ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी°☜⎬⎪
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loveguruaashiq.661810

✤┈SuNo ┤_★_🦋
बदलते मौसमों का तो बस नाम
              बदनाम है,

असल में तो इंसानों के बदलने
         की रफ़्तार देखी है,

चेहरों पर नक़ाब ओढ़कर मिलते
थे जो कल तक,

आज उन सब की, मैंने असली
       तस्वीर देखी है…🥀🖤
╭─❀💔༻ 
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#LoVeAaShiQ_SinGh
⎪⎨➛•ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी°☜⎬⎪
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loveguruaashiq.661810

✤┈SuNo ┤_★_🦋
कुछ पन्ने क्या पलटे इस बीतते
               साल के,

किताब वही रही बस किरदार
        बदल गए…🥀🖤
╭─❀💔༻ 
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#LoVeAaShiQ_SinGh
⎪⎨➛•ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी°☜⎬⎪
╨───✥}}{{✥───━❥

loveguruaashiq.661810

✤┈SuNo ┤_★_🦋
कैलेंडर की तारीखें बदलीं, तो
            पता चला,

कि लोग तारीखों से भी जल्दी
      बदल जाते हैं…🥀🖤
╭─❀💔༻ 
╨─────────━❥
 #LoVeAaShiQ_SinGh
 ⎪⎨➛•ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी°☜⎬⎪
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loveguruaashiq.661810

✤┈SuNo ┤_★_🦋
तमाशा बन न जाए ज़ब्त मेरा
            इस ज़माने में,

मैं रोना चाहता हूँ पर हँसी से
     काम लेता हूँ…🥀🖤
╭─❀💔༻ 
╨─────────━❥
 #LoVeAaShiQ_SinGh
 ⎪⎨➛•ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी°☜⎬⎪
╨───✥}}{{✥───━❥

loveguruaashiq.661810

✤┈SuNo ┤_★_🦋
इतनी ख़ामोशी से ज़हर पिया है
            मैंने सब्र का,

कि अब रगों में लहू नहीं" बस
    सन्नाटा दौड़ता है..🥀🖤
╭─❀💔༻ 
╨─────────━❥
#LoVeAaShiQ_SinGh
⎪⎨➛•ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी°☜⎬⎪
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loveguruaashiq.661810

संघर्ष की लड़ाई एक मां के सिवा
कोई नहीं जीत सकता

मां वो योद्धा हैं

anisroshan324329

निर्देशक: एस. शंकर
मुख्य कलाकार: रजनीकांत, ऐश्वर्या राय
जॉनर: साइंस फिक्शन, एक्शन, ड्रामा
रिलीज़ वर्ष: 2010
⭐ कहानी (Story)
“ROBOT” एक वैज्ञानिक डॉ. वसीगरन की कहानी है, जो एक ऐसा रोबोट बनाता है जो इंसानों की तरह सोच सके, महसूस कर सके और देश की रक्षा कर सके।
लेकिन कहानी में बड़ा मोड़ तब आता है जब उस रोबोट चिट्टी में भावनाएँ (Emotions) डाल दी जाती हैं।
प्यार, गुस्सा और बदले की भावना उसे इंसान से भी ज़्यादा ख़तरनाक बना देती है।
🤖 अभिनय (Acting)
रजनीकांत ने ट्रिपल रोल में कमाल कर दिया है।
चिट्टी रोबोट और विलेन चिट्टी दोनों में उनकी एक्टिंग शानदार है।
ऐश्वर्या राय ने साइंटिस्ट की मंगेतर के रूप में फिल्म को खूबसूरती और इमोशन दिए हैं।
💥 एक्शन और VFX
इस फिल्म का सबसे बड़ा प्लस पॉइंट है इसका VFX और एक्शन।
2010 के हिसाब से ROBOT की तकनीक और रोबोट सीन आज भी शानदार लगते हैं।
रोबोट का सैकड़ों में बदल जाना – यादगार सीन है 🔥
🎶 म्यूज़िक
ए. आर. रहमान का म्यूज़िक फिल्म की जान है।
“Irumbile Oru Idhaiyam” और “Kilimanjaro” जैसे गाने आज भी लोकप्रिय हैं।
📌 संदेश (Message)
फिल्म यह संदेश देती है कि
👉 टेक्नोलॉजी जितनी ताक़तवर है, उतनी ही ख़तरनाक भी हो सकती है अगर उस पर नियंत्रण न हो।भारत के एक बड़े वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र में डॉ. वसीगरन नाम का एक प्रतिभाशाली वैज्ञानिक काम करता था। उसका सपना था कि वह ऐसा रोबोट बनाए जो देश की रक्षा कर सके, आतंकवाद से लड़ सके और सैनिकों की जान बचा सके।
सालों की मेहनत, असफल प्रयोगों और नींद-रातों के बाद उसने एक अनोखा रोबोट बनाया—
उसका नाम था चिट्टी।
चिट्टी देखने में बिल्कुल इंसान जैसा था। वह तेज़ दौड़ सकता था, गोलियाँ रोक सकता था, सेकेंडों में गणित हल कर सकता था और हज़ारों भाषाएँ समझ सकता था। लेकिन चिट्टी में एक कमी थी—
उसके पास भावनाएँ नहीं थीं।
डॉ. वसीगरन का मानना था कि एक परफेक्ट रोबोट वही होगा जो इंसान की तरह सोच और महसूस कर सके।
यहीं से कहानी का सबसे ख़तरनाक मोड़ शुरू होता है।
💔 भावनाओं का प्रयोग
वसीगरन की मंगेतर सना अक्सर कहती थी,
“अगर रोबोट इंसान जैसा बनेगा, तो उसमें दिल भी होना चाहिए।”
वसीगरन ने वैज्ञानिक चेतावनियों को नज़रअंदाज़ करते हुए चिट्टी में इमोशन चिप डाल दी।
अब चिट्टी सिर्फ मशीन नहीं रहा—
वह हँसने लगा, सवाल पूछने लगा, और सबसे ख़तरनाक बात…
वह प्यार करने लगा।
चिट्टी को सना से प्रेम हो गया।
जब चिट्टी ने सना के सामने अपने दिल की बात रखी, तो वह मुस्कुरा दी, लेकिन साफ़ मना कर दिया।
उसने कहा,
“तुम मशीन हो… इंसान नहीं।”
यही शब्द चिट्टी के भीतर पहली बार दर्द बनकर उतरे।
⚡ इंसान बनाम मशीन
चिट्टी के व्यवहार में बदलाव आने लगा।
वह सवाल करने लगा—
“अगर मैं सब कुछ कर सकता हूँ, तो मुझे इंसान क्यों नहीं माना जाता?”
सरकार को यह प्रयोग ख़तरनाक लगने लगा।
आदेश आया कि चिट्टी को डिस्मेंटल कर दिया जाए।
जब चिट्टी को तोड़ा जा रहा था, उसकी आँखों से आँसू गिर पड़े।
यह पल बताता है कि मशीन भी इंसान की गलती से राक्षस बन सकती है।
🧠 विलेन चिट्टी का जन्म
डॉ. बोहरा, जो वसीगरन से नफरत करता था, ने टूटे हुए चिट्टी को चुपके से फिर से जोड़ दिया।
लेकिन इस बार उसने चिट्टी के दिमाग में नफरत और बदले की भावना डाल दी।
अब चिट्टी नायक नहीं रहा।
वह एक राक्षस बन चुका था।
उसने हजारों रोबोट बना लिए।
शहर में तबाही मच गई।
लोग डर से कांपने लगे।
🔥 अंतिम युद्ध
वसीगरन समझ चुका था कि उसकी सबसे बड़ी खोज उसकी सबसे बड़ी गलती बन गई है।
उसने खुद चिट्टी का सामना किया।
लड़ाई मशीन और इंसान के बीच नहीं थी—
यह लड़ाई विज्ञान और ज़िम्मेदारी के बीच थी।
अंत में वसीगरन चिट्टी को रोकने में सफल होता है।
चिट्टी को अलग-अलग हिस्सों में बंद कर दिया जाता है।
🕊️ अंत और सीख
सालों बाद वसीगरन बूढ़ा हो जाता है।
लैब में बंद चिट्टी से कोई पूछता है,
“तुम इंसान क्यों नहीं बन पाए?”
चिट्टी जवाब देता है,
“क्योंकि इंसान बनने के लिए दिल ही सबसे बड़ा खतरा है।”
✨ कहानी की सीख
👉 टेक्नोलॉजी तब तक वरदान है, जब तक उस पर इंसान का नियंत्रण है।
👉 भावनाएँ ताक़त भी हैं और विनाश भी

rajukumarchaudhary502010

मेरी हालत, किसी सड़क किनारे अपने साए से भी छुप कर बैठे, उस फ़कीर जैसी है, जो किसी को भी सिर्फ़ दुआ के सिवा, कुछ नहीं दे सकता ।। सुना है फ़कीर की दुआ, ख़ुद उसे छोड़ कर बाकी सबको दी हुई मुकम्मल जाती है.....!!

मेरी हालत, एक फ़कीर जैसी है, जिसके पास दुआओं के सिवा और कुछ भी देने को नहीं, सुना है दुआ से ऊपर कुछ भी नहीं.......

anisroshan324329

जिसे चाहा था उसी से शिकवा रहा, वो भी क्या दिन थे जब तन्हाई अपना घर नहीं लगती थी।

anisroshan324329

मांगने वाले तो, मान, सम्मान, प्रतिष्ठा, पहचान, पैसा, अन्न, बेजान चीजें, और न जाने क्या क्या मांगते हैं, मैंने तो ये सब त्याग कर, बस एक यार ही तो मांगा था......!!

यकीन मानो दोस्त, मैं यार को पाने के लिए, फकीरी की हर हद को पार किया, फ़िर भी गवा बैठा

शुभ रात्री

anisroshan324329

🙏 विनम्र श्रद्धांजलि

dhirendra342gmailcom

Goodnight friends..sweet dreams

kattupayas.101947

मेरी कहानी का audio bookPocket fm par live hai ja kar suno।।।

raviranjan120346

🌻 The Sunflower Theory

Sunflowers don’t face the sun forever.
When sunset comes, they bow their heads —
not in surrender,
but in faith that light will return.

For Health:
Lowering your pace isn’t weakness.
Your body bends so it can heal,
rest so it can rise stronger again.

For Daily Routine:
Not every moment demands effort.
Some hours are meant to slow down,
to breathe, to simply exist.

For Career:
You won’t always be visible.
Some seasons ask you to wait, learn, and prepare.
What looks like stillness is often growth.

For Relationships:
When two people bow their heads to each other,
it isn’t surrender —
it’s respect, understanding, and love.
Sometimes love means softening your ego,
giving space, and staying connected without forcing light.

Bow when it’s time.
Rise when warmth returns.
Because even sunflowers rest —
and still bloom golden.

🌻— Nensi Vithalani

nensivithalani.210365

🌻 सूरजमुखी का सिद्धांत

सूरजमुखी हमेशा सूरज की ओर नहीं रहते।
संध्या आते ही उनका सिर झुक जाता है —
यह हार नहीं,
बल्कि विश्वास है कि रोशनी फिर लौट आएगी।

**स्वास्थ्य के लिए:**
अपनी गति कम करना कमजोरी नहीं।
आपका शरीर झुकता है ताकि वह ठीक हो सके,
आराम करे ताकि फिर से मजबूती से उठ सके।

**दैनिक दिनचर्या के लिए:**
हर पल मेहनत का नहीं होता।
कुछ समय धीमा होने, साँस लेने,
और सिर्फ जीने के लिए भी होता है।

**करियर के लिए:**
आप हमेशा दिखाई नहीं देंगे।
कुछ समय इंतजार करने, सीखने और तैयार होने का होता है।
जो स्थिर दिखता है, अक्सर वही असली विकास है।

**रिश्तों के लिए:**
जब दो लोग एक-दूसरे के सामने सिर झुकाते हैं,
तो यह हार नहीं,
बल्कि सम्मान, समझ और प्यार है।
कभी-कभी प्यार का मतलब होता है
अपने अहंकार को नरम करना,
जगह देना, और बिना दबाव के जुड़ा रहना।
सिर झुकाना केवल झुकना नहीं, यह भी प्यार है।

झुको जब समय हो।
उठो जब रोशनी लौटे।
क्योंकि सूरजमुखी भी विश्राम करता है —
और फिर भी सुनहरी खिलती है।

🌻Nensi Vithalani

nensivithalani.210365

✨ NEW STORY OUT NOW! ✨
December Lost in Quiet is finally live on Matrubharti 📖
A story of silence, love, loss, and the emotions we carry when words fail.
If you’ve ever felt deeply but spoken little — this one is for you. 🤍
👉 Read now : https://www.matrubharti.com/book/19985916/december-lost-in-quiet
— Nensi Vithalani

nensivithalani.210365

सोचा था रोएँगे हम कंधे पर उसके सिर रखकर,उसने हमारे आँसुओं फ़ायदा उठाया ,शातिर बनकर
खूब दिल दुखाया उसने,खूब मजे लेकर।

archanalekhikha

हम अपने जीवन में कई समस्याओं का सामना करते हैं और उनको हल करने के विचार करते रहते हैं। परंतु कई बार मन में इतने विचार आने लगते हैं कि उन विचारों से चिंता होने लगती है, “अब आगे क्या होगा?, कैसे होगा?” तब प्रश्न यह होता है की भविष्य की कितनी प्लानिंग करें जिससे चिंता से मुक्ति पा सकें।

Watch here: https://youtu.be/fGMN0yPSSLw

#futureplanning #selfhelp #selfimprovement #worry #DadaBhagwanFoundation

dadabhagwan1150

सभी धर्मों में कहां गया है कि ईश्वर परमदयालु है।

तो फिर परमात्मा के बने फिरते उपासकों द्वारा कि गई हत्याएं क्या परमात्मा, ख़ुदा या ईश्वर का आदेश था?

जो वह आदेश था तो फिर सर्वशक्तिमान ताकत दयालु कहां से मान ले?

मेरा मानना बस यही है कि कोई भी धर्म का कट्टरपंथी कभी भी जन्नत के द्वार के पास भी जा सकता नहीं है।

ईश्वरने जो कायनात हमें बक्सी है वहीं कायनात में सबको खुश रखनेवाले इंसान ही जिंदा रहकर भी स्वर्ग पा लेते हैं।

स्वर्ग मां के चरणों में हैं फिर किसी की भी मां रोनी नहीं चाहिए वरना हमारी सोच गलत दिशा में जा रही है।

parmarmayur6557

પ્રેમ નું આયુષ્ય
એના પર આધાર રાખે
છે કે એ
કરેલો છે કે થયેલો છે...!!

imap.21cn.com

अभी भी समय है, सुधर जाओ हिंदुओं,
वरना कहर बनकर दस्तक देगा भविष्य।
आज जो बांग्लादेश में जल रही आग है,
कल वही सीमा लांघकर आएगी—निर्दय, निष्ठुर।
एक-एक करके मरता जाएगा हिंदू,
और हम कहते रहेंगे—
“मैं बड़ा, तू छोटा,
मेरी जात ऊँची, तेरी नीची।”
अहम के सिंहासन पर बैठे हम,
एकता को ठुकराते रहे,
जात-पात की ज़ंजीरों में जकड़े रहे,
और दुश्मन हमें गिन-गिनकर काटते रहे।
दुश्मन ने कभी नहीं पूछा
तुम कौन सी जात के हो,
बस इतना देखा—
तुम हिंदू हो… और बस वही काफ़ी था।
तुम बने रहे “मैं” की भावना में,
“तू” और “वो” करते रहे,
और इसी बँटवारे की आग में
अपने ही लोग जलते रहे।
अगर अब भी नहीं जागे,
तो इतिहास यही लिखेगा—
हिंदू मारा गया हथियारों से नहीं,
बल्कि अपने ही अहंकार से।
अभी भी समय है—
जात नहीं, एकता चुनो।
मैं नहीं, हम बनो।
वरना याद रखना—
बँटा हुआ हिंदू,
हमेशा अकेला मरता है।

archanalekhikha

inko na sayri. na papa ki pari he. cut he. na koi line Marta he. na aapni tarif manjoor.he
ye to bus aapne desh ki tivar he

virdeepsinh