कहते हैं स्त्रियाँ पैसों की भूखी होती हैं—ठीक है, मान लिया।
लेकिन क्या पुरुषों की इच्छाएँ कम होती हैं?
वे भी तो दूसरी स्त्रियों को निहारकर कहते हैं—
“देखो उसका स्टाइल… उसका ड्रेसिंग सेंस…
वह कितनी सुंदर लगती है… उसका मेकअप, उसकी साड़ी, उसके बाल!”
तो क्या यह सब बिना पैसों के होता है?
खूबसूरत दिखने के लिए मेहनत भी चाहिए और पैसा भी।
सोचिए—
एक तरफ एक सीधी-सादी औरत,
सर पर पल्लू, साधारण सस्ती साड़ी,
20 रुपये की बिंदी, 20–30 रुपये की चूड़ियाँ,
हल्का-सा साधारण मेकअप—बस जितना जरूरी हो।
और दूसरी तरफ—
एक हाई-क्लास तैयार औरत,
6000–8000 की महंगी साड़ी,
महंगे प्रोडक्ट वाला मेकअप,
स्टाइलिश हेयरस्टाइल, चमकदार जूलरी—
सबकुछ पैसे से सजा हुआ।
अब बताइए—
पुरुष किस ओर आकर्षित होता है?
सीधी-सादी स्त्री की ओर…
या उस ओर, जिसे चमक-दमक के लिए पैसे लगाए गए हों?
हम स्त्रियों को तो शौक नहीं कि फिजूल खर्च करें।
अगर पुरुष हमें सिंपल, साधारण रूप में स्वीकार कर ले,
तो हमें भी कोई आपत्ति नहीं—हम वैसे ही खुश हैं।
लेकिन अगर उन्हें “बेहतरीन सुंदरता”,
महंगे प्रोडक्ट, महंगे कपड़े, और परफेक्ट स्टाइल चाहिए—
तो फिर खर्च भी वही करवाएंगे।
क्योंकि हम पर पैसा खर्च करने की इच्छा भी उन्हीं की होती है,
और अपेक्षा भी उन्हीं की होती है।
स्त्री को पैसों की भूखी कहने से पहले
पुरुषों की इच्छाओं की कीमत भी समझनी चाहिए
तो सभी स्त्रियों से निवेदन है
कि पुरुष की पसंद कौन सी होगी ?
कमेंट में बताएं।