Hindi Quote in Poem by Hemant Parmar

Poem quotes are very popular on BitesApp with millions of authors writing small inspirational quotes in Hindi daily and inspiring the readers, you can start writing today and fulfill your life of becoming the quotes writer or poem writer.

*" मैं हैरान हूँ "*
— महादेवी वर्मा,
(इतिहास में छिपाई गई एक कविता)

👉' मैं हैरान हूं यह सोचकर ,
किसी औरत ने क्यों नहीं उठाई उंगली ..??
तुलसी दास पर ,जिसने कहा ,
"ढोल ,गंवार ,शूद्र, पशु, नारी,
ये सब ताड़न के अधिकारी।"

👉मैं हैरान हूं ,
किसी औरत ने
क्यों नहीं जलाई "मनुस्मृति"
जिसने पहनाई उन्हें
गुलामी की बेड़ियां .??

👉मैं हैरान हूं ,
किसी औरत ने क्यों नहीं धिक्कारा ..??
उस "राम" को
जिसने गर्भवती पत्नी सीता को ,
परीक्षा के बाद भी
निकाल दिया घर से बाहर
धक्के मार कर

किसी औरत ने लानत नहीं भेजी
उन सब को, जिन्होंने
" औरत को समझ कर वस्तु"
लगा दिया था दाव पर
होता रहा "नपुंसक" योद्धाओं के बीच
समूची औरत जाति का चीरहरण ..??
महाभारत में ?

👉मै हैरान हूं यह सोचकर ,
किसी औरत ने क्यों नहीं किया ..??
संयोगिता अंबा -अंबालिका के
दिन दहाड़े, अपहरण का विरोध
आज तक !

👉और मैं हैरान हूं ,
इतना कुछ होने के बाद भी
क्यों अपना "श्रद्धेय" मानकर
पूजती हैं मेरी मां - बहने
उन्हें देवता - भगवान मानकर..??

👉मैं हैरान हूं,
उनकी चुप्पी देखकर
इसे उनकी सहनशीलता कहूं या
अंध श्रद्धा , या फिर
मानसिक गुलामी की पराकाष्ठा .??

*महादेवी वर्मा जी की यह कविता, किसी भी पाठ्य पुस्तक में नहीं रखी गई है,क्यों कि यह भारतीय संस्कृति पर गहरी चोट करती है..!*

Hindi Poem by Hemant Parmar : 111964497
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now