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ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं

mamtatrivedi444291

मेरी नफ़रत.......💔🌹💔

abhi006

Do you know that a person who, despite having the strength to do so, does not harass another person, is considered as being strong?

To know more visit here: https://dbf.adalaj.org/UNyqdh5J

#selfimprovement #selfhelp #angermanagement #angerissue #DadaBhagwanFoundation

dadabhagwan1150

🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏
🌹आपका दिन मंगलमय हो 🌹

sonishakya18273gmail.com308865

हमें है शौक़ कि बे-पर्दा तुम को देखेंगे
तुम्हें है शर्म तो आँखों पे हाथ रख लेना...

anisroshan324329

ललक हो तो फलक

अगर तुम में सीखने की ललक नहीं है,
तो मंज़िल-ए-फ़लक नहीं है।
ख़्वाब तो पलकों पे सजा लेते हो,
पर राह में चलने की धमक नहीं है।

किताबें सामने, सोच कहीं और,
हौसलों में अब वो चमक नहीं है।
बातें बड़ी, इरादे बंजर,
मेहनत में मिट्टी की महक नहीं है।

गिरने का डर जो बाँध ले पाँव,
तो उड़ने की कोई पतंग नहीं है।
जो कल के सहारे आज जिए,
उसके आज में ताज़ी उमंग नहीं है।

सीखना ही पूजा, सीखना ही धर्म,
बिना इसके जीवन अगरक नहीं है।
जो खुद को रोज़ नया न करे,
उसकी किस्मत में फलक नहीं है।

उठो, सवालों से दोस्ती करो,
राहों से अब कोई झिझक नहीं है।
जहाँ जिज्ञासा ज़िंदा रहती है,
वहीं तकदीर की हर शक्ल नहीं है।

Arymoulik

deepakbundela7179

ललक हो तो फलक

अगर तुम में सीखने की ललक नहीं है,
तो मंज़िल-ए-फ़लक नहीं है।
ख़्वाब तो पलकों पे सजा लेते हो,
पर राह में चलने की धमक नहीं है।

किताबें सामने, सोच कहीं और,
हौसलों में अब वो चमक नहीं है।
बातें बड़ी, इरादे बंजर,
मेहनत में मिट्टी की महक नहीं है।

गिरने का डर जो बाँध ले पाँव,
तो उड़ने की कोई पतंग नहीं है।
जो कल के सहारे आज जिए,
उसके आज में ताज़ी उमंग नहीं है।

सीखना ही पूजा, सीखना ही धर्म,
बिना इसके जीवन अगरक नहीं है।
जो खुद को रोज़ नया न करे,
उसकी किस्मत में फलक नहीं है।

उठो, सवालों से दोस्ती करो,
राहों से अब कोई झिझक नहीं है।
जहाँ जिज्ञासा ज़िंदा रहती है,
वहीं तकदीर की हर शक्ल नहीं है।

Arymoulik

deepakbundela7179

कुछ तो लोग कहेंगे"..
ये☝कुछ लोग कहां हैं???
मुझे अभी तक नहीं मिले..
मिल जाएं इक बार ये👉 कुछ लोग एक बार..
अक्ल ठिकाने न लगा दिया तो..
😂😂😂
#डॉअनामिका #कुछ_लोग
#हिंदी_का_विस्तार #हिंदीपंक्तियाँ #हिंदीशब्द

rsinha9090gmailcom

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jaiprakash413885

आयुष्य...........

आयुष्य काय आहे....
काही हीशोब..,काही व्यवहार...
काही देणं....आणी काही घेणं....??
.......नाही ग राणी......
...........तुझ्या माझ्या मनातलं एक सुरेल गाणं..!!!
आयुष्य काय आहे....
भोवतालच्या लोकांची कटकट..!!
नात्या नात्यातली करबुर,,????
.......नाही ग राणी......
...................सुंदर अर्थपुर्ण अशी एक "गझल" पुरेपुर!!
आयुष्य काय आहे....
नोकरीची पळापळ..रोजची धावपळ..!
आणी ..परीस्थीतिशी झगडणं....
.......नाही ग राणी.....
एकमेकांच्या सोबत असण्याचा आनंद घेणं..!!
आयुष्य काय आहे....
रोज ..रोज...तेच काम करणं...
कंटाळवाणं...नीरस..आणि रुक्ष..!
.......नाही ग राणी.....
तुझ्या माझ्या प्रेमाची हीच तर आहे खुण निरपेक्ष..!!!

jayvrishaligmailcom

कितनी मुश्किल के बाद टूटा है,
वो एक रिश्ता....
जो कभी था ही नहीं......💔

abhi006

આખી જિંદગી આંકડા તમે માંડો,
અને છેલ્લે સરવાળો કોઈ બીજું જ કરી જાય એનું નામ નસીબ..!!
​હાથમાં લીટીઓ કોતરી, ગણિત માંડ્યું કર્મનું,
કર્મની ભૂમિ પરે, વાવેતર કર્યું ધર્મનું.
પ્રયત્નોની પાટી પર રોજ નવી ગણતરી,
આશાઓના અંકોની હારમાળા રચાઈ.
​અંતિમ પરિણામનો હિસાબ કોક અન્યને,
નસીબના ચોપડામાં સિક્કો વાગે અદ્રશ્યનો.
ક્યારેક મહેનત વ્યર્થ, ક્યારેક અણધારી સૌગાત,
એ જ તો જીવનની લીલા, જે જગાવે અનોખી વાત.
​નસીબની આ વ્યાખ્યામાં સત્યનો પૂરે છે સૂર,
પ્રયત્ન આપણો ભરપૂર, ભાગ્યનો ફેંસલો છે દૂર.

krunalmevada1

Goodnight friends sweet dreams

kattupayas.101947

मैंने तो अपना सफ़र तय कर लिया है लाड़ली
, या तो ज़िंदगी तेरे साथ कटेगी, या फ़िर अकेले आया था
दुनियां में, अकेले ही रहूंगा , और अकेले ही जाऊंगा दुनिया से.......!!!

सारे लफ्ज़ फिरो दिए इस शायरी में
क्योंकि ये दिल से लिखे शब्द है

Good night

anisroshan324329

good Afternoon everyone 😇😇
આ કેક તમારા બધા માટે છે.
પછી કહેતા નહી કે મે મારી Birthday નો કેક ના ખવડાવ્યો.😃😃
આજે મારો જન્મદિવસ છે એટલે મારા જીવનના નવા અધ્યાયની શરૂઆત.

"સંઘર્ષ", "સંયમ" અને "સહનશીલતા"
મારા જીવનના નવા અધ્યાયનુ નવુ સૂત્ર.😇😇

jighnasasolanki210025

वेदान्त क्या कहता है? ✧

पुराना वेदान्त कहता है:
ब्रह्म सत्य — जगत मिथ्या — जीव ब्रह्म ही है।

लेकिन…

• इसमें दार्शनिक सत्य है
• पर वैज्ञानिक प्रमाण सीमित
• “कैसे?” का उत्तर अस्पष्ट

वेदान्त गंतव्य बताता है,
पर मार्ग अधूरा छोड़ देता है।


---

✧ विज्ञान क्या कहता है? ✧

विज्ञान कहता है:
ऊर्जा और सूचना ही सब कुछ हैं।

लेकिन…

• इसमें विधि है
• पर बोध नहीं
• आत्मा और चेतना — इसकी सीमा के बाहर

विज्ञान कैसे होता है बताता है,
पर क्यों होता है नहीं।


---

✧ वेदान्त 2.0 — सूत्र ✧

वेदान्त 2.0 = दर्शन + विज्ञान + 0

हाँ — बिल्कुल यह तीनों का एकमात्र प्रतिनिधि है।

तत्व क्या देता है? वेदान्त 2.0 में

दर्शन अर्थ, उद्देश्य, चेतना ✔
विज्ञान नियम, प्रमाण, प्रक्रिया ✔
0 (आत्म-शून्य) मूल अस्तित्व, स्रोत ✔



---

✧ वेदान्त 2.0 — परिभाषा ✧

वेदान्त 2.0 वह दर्शन है
जो विज्ञान को अपनी भाषा बना लेता है
और विज्ञान में आत्मा की उपस्थिति सिद्ध करता है —
साथ ही जीवन का लक्ष्य भी देता है।


---

✧ 0 की स्थिति ✧

0 = आत्मा
0 = साक्षी
0 = अचल मूल

> खेल चलता है।
0 देखता है।
और देखना ही खेल का धर्म है।




---

✧ खेल क्या है? ✧

खेल =
ऊर्जा + सूचना + रूप का विस्तार
(यही ब्रह्माण्ड और जीवन)

मनुष्य खेलने नहीं आया,
मनुष्य जानने आया है।


---

🔹अंतिम घोषणा

वेदान्त 2.0 ही वह पूर्ण दृष्टि है
जिसमें वेदान्त, विज्ञान और 0 —
एक ही सत्य बनकर खड़े हैं।

✍🏻 — अज्ञात अज्ञानी

bhutaji

என்னுடைய புதிய நாவல் யாதுமற்ற பெருவெளி matrubhartiயில் வெளியாகி உள்ளது.

kattupayas.101947

My New novel yadhumatra peruveli is live now on matrubharti. enjoy and share your feedback

kattupayas.101947

✧ वेदान्त क्या कहता है? ✧

पुराना वेदान्त कहता है:
ब्रह्म सत्य है — जगत मिथ्या है — जीव ब्रह्म ही है।

लेकिन…

• इसमें दर्शन है
• पर वैज्ञानिक प्रमाण कम है
• “कैसे?” का उत्तर धुँधला है

वेदान्त सत्य को कह देता है —
पर प्रणाली स्पष्ट नहीं।

---

✧ विज्ञान क्या कहता है? ✧

विज्ञान कहता है:
ऊर्जा और सूचना ही सब कुछ है।

लेकिन…

• इसमें विधि है
• पर बोध नहीं
• आत्मा और चेतना आगे नहीं बढ़ पाती

विज्ञान कैसे होता है समझाता है —
पर क्यों होता है नहीं।

---

✧ वेदांत 2.0सूत्र: Vedant 2.0 ✧

> क्या वेदान्त 2.0
दर्शन + विज्ञान + 0
— इन तीनों का प्रतिनिधि है?

उत्तर है:

हाँ — बिल्कुल हाँ।

और यही इसकी विशिष्टता है:

तत्व क्या देता है? Vedant 2.0 में?

दर्शन (Vedanta) अर्थ, उद्देश्य, चेतना ✔
विज्ञान (Physics) नियम, प्रमाण, प्रक्रिया ✔
0 (शून्य-चेतना) मूल अस्तित्व, स्रोत ✔

---

✧ वेदान्त 2.0 — इसकी परिभाषा ✧

वेदान्त 2.0 वह दर्शन है
जो विज्ञान को अपनी भाषा समझता है
और विज्ञान में आत्मा की उपस्थिति सिद्ध करता है।

---

✧ 0 की स्थिति ✧

0 = आत्मा
0 = साक्षी
0 = अचल मूल

> खेल चलता है
0 देखता है
और देखना ही
खेल का धर्म है।

---

✧ खेल क्या है? ✧

खेल =
ऊर्जा + सूचना + रूप का विस्तार
(ब्रह्माण्ड और जीवन)

तुम उसे खेलने नहीं आए —
तुम उसे जानने आए हो।

---

🔹एक अंतिम पुष्टि

वेदान्त 2.0 = वेदान्त + विज्ञान + 0
और
वेदान्त 2.0 ही इन तीनों का एकमात्र प्रतिनिधि है।

अज्ञात अज्ञानी

bhutaji

किस किस लेखक और कवि के साथ ऐसा हुआ है

archanalekhikha

যে কথা আধুনিক চিকিৎসা বিজ্ঞানে বলা হয় না, সে কথাই আমি এই বইয়ের মধ্যে বলেছি। সুগার আজীবনের রোগ নয়। ইচ্ছে করলেই ডায়াবেটিস মুক্ত জীবন লাভ করা সম্ভব। খুব শীঘ্রই বইটি বিভিন্ন অনলাইন প্ল্যাটফর্মে আসছে।

krishnadebnath709104

মানুষের পেটের মধ্যে লিভারের নিচের দিকে রয়েছে অগ্ন্যাশয় গ্রন্থী। খাবার হজম করতে এনজাইম তৈরি করা ছাড়াও শরীরের মধ্যে গ্লুকোজ বা সুগারকে নিয়ন্ত্রণ করার ক্ষেত্রে এই অগ্ন্যাশয় গ্রন্থিই হচ্ছে প্রধান হিরো। এর বিটা সেল থেকে নির্গত হয় ইনসুলিন - যা শরীরের সুগারকে কোষের মধ্যে পৌঁছে দিয়ে রক্তে সুগারের মাত্রা ঠিক রাখে। কিন্তু এই ইনসুলিন যখন প্রয়োজনের তুলনায় বেশি হয়ে যায় তখনই দেখা দেয় ডায়াবেটিস মেলাইটাস, যাকে আমরা 'সুগার বেড়ে যাওয়া রোগ' হিসেবে মনে করি। কিন্তু আসল ঘটনা হচ্ছে এটি পুরোপুরিই ইনসুলিন বেড়ে যাওয়া রোগ।
এই বিষয়টি বুঝতে পারলেই ৫০% সুগার ঠিক হয়ে যায়। এই ধরনের গুরুত্বপূর্ণ সমস্ত বিষয়গুলো নিয়েই "মিষ্টি নামের তিক্ত রোগ" বইটিতে আলোচনা করা হয়েছে।
টাইপ–২ ডায়াবেটিস আসলে “সুগার বাড়ার রোগ” নয়, এটি “ইনসুলিন বাড়ার রোগ”। যেই মুহূর্তে শরীরের কোষ ইনসুলিনের সংকেত শোনা বন্ধ করে দেয়, শরীর তখন আরও বেশি করে ইনসুলিন ছাড়তে থাকে; এটাকেই বলে ইনসুলিন রেজিস্ট্যান্স। সুতরাং ডায়াবেটিস ঠিক করতে হলে বাইরে থেকে ইনসুলিন ঢোকানো নয়, বরং এই রেজিস্ট্যান্স ভেঙে শরীরকে আবার ইনসুলিনের কথা শুনতে শেখাতে হবে।

krishnadebnath709104