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वो मसरूफ़ क्या हुआ सभी मग़रूर गए वो फुरक़त में रहा लोग उससे दूर हो गए.. ---डॉ अनामिका--- #हिंदी_का_विस्तार #हिंदीशब्द #हिंदीपंक्ति #ऊर्दूअल्फ़ाज़
जाने कहाँ खो गए सभी आत्मीय रिश्ते जिनके आने भर के संदेशे से घर में खुशियाँ दौड़ जाया करती थी.. मेहमान आने की सूचना पूरे गांव में फैल जाया करती थी.. अब न रहे गांव,न रही आत्मीयता खो गया सबकुछ चकाचौंध में खो गए लोग दुनिया की भीड़ में.. -डॉ अनामिका-
तुम्हारी नज़र जब भी ख़फा होगी बरसाती मौसम की याद ताजा होगी मुझे आज भी याद है गुस्से से भरा चेहरा तुम्हारा बात न करना, बारिश आने पर भूल कर मेरे छाते में आकर छिपाना वाह क्या मुलाकात थी.. अब कब ऐसी मुलाकात होगी... ---डॉ अनामिका--- - DrAnamika
बरसाती मेढ़क चहूँओर बोलने लगे हैं जिनकी हैसियत नहीं है वह भी डोलने लगे हैं. कोई तो बताओ उन्हें खुशामदखोरी ज्यादा अच्छी नहीं जिंदगी लीज़ की है कोई रिश्ता सरकारी नौकरी नहीं. --डॉ अनामिका--
जिंदगी भी प्रकृति की ही तरह हसीन है उसे हम अपनी आदतों से खराब कर देतें हैं, इसलिए आदतों को ख़त्म कीजिए, जिंदगी को नहीं. -डॉ अनामिका-
कहते हैं कुछ रिश्ते खास होते हैं दूर रहते हैं फिर भी हृदय के पास होते हैं. डॉ अनामिका- #काव्यपंक्ति #हिंदी_का_विस्तार #हिंदीशब्द #बज़्म
इतिहास को संरक्षित करना है तो वर्तमान सुदृढ़ बनाना होगा. डॉ अनामिका-
जिंदगी बहुत ही खूबसूरत है बस देखने का हुनर चाहिए. --डॉ अनामिका--
अध्ययन ,अध्यापन एवं अध्यापक का सबसे बड़ा सम्मान प्रगतिशील होना है जिससे ही प्रगतिशील भविष्य का निर्माण संभव है. --डॉ अनामिका---
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