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डॉ अनामिका

डॉ अनामिका Matrubharti Verified

@rsinha9090gmailcom
(97)

"अष्टमी तिथि
रोहिणी नक्षत्र में
हर्षण योग
----
जन्मे हरि
मधुर सुहावन
बेला रजनी
---
सुंदर सब
लड्डू गोपाल का
स्वागत है
---
सुंदर मुख
दधि युक्त चेहरा
त्रिलोक पूरा
---
जन मानस
मना रहे त्यौहार
खुश गोपाल.

--डॉ अनामिका--
--विधा हाइकु--
--दिनांक २६/०८/२०२४

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"लोग अक्सर
सुधरे इंसान को
सुधारते हैं
--
अभद्र लोग
उनके फेहरिस्त
के चाटूकार हैं
--
बाजार वाद
के हमाम में सब
नि:वस्त्र हैं "

--डॉ अनामिका--
विधा हाइकु
दिनांक २४-०८-२०२४

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पैदा होते ही
मारने को तैयार
कैसा व्यापार
--
आसमां छूती
उम्मीद से आगे
ख्वाहिश है
--
खुद मिटकर
जगाती संसार को
जननी है वो
---
होती शिकार
बलात्कारी संसार
लिंग काट दो
--
जिन हाथों से
मर्यादा को मरोड़ा
काटो उनको
----
सजा देने का
अधिकार हमे दो
मसला हल.

--डॉ अनामिका--
--विधा -- हाइकु--
दिनांक २३-०८-२०२५

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"अजीब कुछ
माहौल बना यहाँ
हौसले टूटे
----
बेजार से वो
जिम्मेदारी ओढे
तथ्यहीन
------
सुरक्षित है
कैसे लोग यहाँ भी
बताओ तुम"
-------
---डॉ अनामिका---
दिनांक २३/०८/२४
(विधा हाइकु)

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" बेटी सुरक्षा
पर असुरक्षित
सवाल छाया"
-----
"सहमे लोग
अस्मिता घायल
बेकार तंत्र"
---

"उठो तुम तो
प्रचंड जोश भर
अकेले लडो़"
---
"समाजिकता
का आवरण फेंको
करो फैसला"
विधा---हाइकु हाइकु
--डॉ अनामिका---
दिनांक २१/०८/२०२४

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जगत देख
रोया मन मेरा भी
बेचैन मन
---
तलाश जारी
बढा पीर मन में
आजादी नहीं
---
इस कदर
हताशा के विस्मृत
क्षण करीब "
--डॉ अनामिका --
-- विधा---हाइकु --
दिनांक-२१/०८/२०१४

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"वक्त गुजरा
सावन की तरह
पंख विहीन
----
बरसात में खेत
सूख गए तलैया
बगै़र पानी, "

(विधा-- हाइकु)
डॉ अनामिका
दिनांक २०-०८-२०२४

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कुछ तो बोलो
स्पंदन है बाकी
चले जाना है
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छोड़ संसार
जीवन की कहानी
बस इतनी.
--डॉ अनामिका--
(विधा - हाइकु)
१७/०८/२०२४

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"देश के खातिर तत्पर रहना, हम सभी का काम है
संस्कृति,सभ्यता,व सनातन हमसब का अभिमान है"
हर घर तिरंगा घर घर तिरंगा
--डॉ अनामिका--

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वक्त की सिलवटें
आज भी पुकार रही हैं