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फागुन के रंग में रंगा संसार हर ओर रंग हर ओर बहार सतरंगी रंग से रंगी दुनिया सारी कान्हा के रंग से रंगी राधा की (साड़ी) सारी. ---डॉ अनामिका----
कुछ नहीं है कहने के खातिर सब मौन हैं... तैयारी अब बहारों के जाने की पुरजोर से.. आनेवाला है पतझड़ धरा में उजाड़ सब.. ---डॉ अनामिका---- #हाइकू #काव्य_पंक्तियाँ #हिंदी_का_विस्तार #हिंदुस्तान
आखिरकार वसंत ऋतु जाएगी ही.. पतझड़ जो राह में पलकें बिछाए खडा़ है. ---डॉ अनामिका----
गुले गुलिस्ताँ गुलज़ार रहा हर ओर बहार रहा.. --- उस वक्त हो या इस वक़्त कमजर्फ जमाने की ---- साज़िशों का वह हर वक़्त शिकार रहा ---- ---डॉ अनामिका----
जीवन का सृजन करने वाली सृष्टि को रचने वाली --- प्रलय की विषम परिस्थितियों में पुनः सृजन करने वाली अक्षम कुछ भी नहीं ---- इनकी मौजूदगी भर से किलक उठता संसार.. --- ऐसी महिला शक्ति को मेरा कोटि कोटि प्रणाम. ---डॉ अनामिका---- महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ🙏
वरक़ के पन्ने अपनी कहानी सुना गए गुज़रा कल महज़ इत्तेफ़ाक़ था, बता गए. ---डॉ अनामिका----
सपने दिखने क्या बंद हुए!! हक़ीक़त ने नाता तोड़ लिया. ---डॉ अनामिका----
"आंखों से बयां करना दुख, जो आसान होता बगैर कहे ही सबके सामने सरेआम होता" ----डॉ अनामिका----
आप,सामनेवाले पर जितना विश्वास करते हैं जरूरी नहीं,सामने वाला भी आप पर उतना ही विश्वास करता हो" -----डॉ अनामिका------
अपमान और सम्मान में बस थोड़ा ही फर्क है. अपमान कभी भी,कहीं भी,और कैसे भी किया जा सकता है.परंतु सम्मान के लिए महत्वपूर्ण अवसर तलाशने की आवश्यकता पड़ती है. ---डॉ अनामिका----
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