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तेरी पलकों के साये में मैं खुद को खोकर आई हूँ न जाने किस मोड़ पर मैं खुद को छोड़ आई हूँ ।। तुझे खुद में बसाकर मैं जहाँ को भूल आई हूँ तेरे संग चार पल में मैं सौ जनम को जी कर आई हूँ। । मीरा सिंह
खुदा का खौफ खा बन्दे तुझे सभी करनी का हिसाब देना होगा। तकलीफें ही लिखी है उसने गर तेरे लिए तो तुझे उसी हाल में जीना होगा।। सुप्रभात मीरा सिंह
मैनें तुमको है चाहा तुम्हारे बिना मैनें हर पल बिताया तुम्हारे बिना मशरूफ रहे तुम यूँ जीवन के जाल में मुझको जीना ना आया तुम्हारे बिना। । मीरा सिंह
कभी आंखों में आंसू तो कभी चेहरे की उदासी छुपाई है तुम्हें क्या मालूम तेरे वापस आने के इंतजार में मैनें कितनी सदियाँ बिताई है।। मीरा सिंह
साहस से जिसने जीना सीखा हार कभी न मानी है हर बच्चें को जिसने शिक्षित करने की अपने मन में ठानी है।। भाषा में जिनके अपनापन है बच्चों के सबसे प्यारे है शिक्षा को सरल बनाते है अपनेपन से सिखलाते है।। शब्दों में जिसके जोड़ नही शिक्षा का कोई मोल नही ये हर बच्चें का अधिकार है जो हर बच्चें की ढाल है।। पटना को स्वर्ग बनाया है जिसने परचम लहराया है पैसों की खातिर न रूकता बच्चों का संसार है।। डाटे भी जिनकी मीठी है ज्यों गुड़ में लगती चीटी है भारत के भविष्य में जिनका बहुत बड़ा योगदान हो।। भारत के प्रसिद्ध शिक्षक खान सर को समर्पित चंद पंक्तियाँ कृपया आप लोग मुझे बताए खान सर की क्लास कौन-कौन देखता है।। मीरा सिंह
अकेली हूँ अकेली ही अकेलेपन से लड़ती हूँ फफक जाता है जब मन मेरा मैं अन्तर्मन से लड़ती हूँ कृष्ण के प्रेम में पड़ी ज्यों मीरा जमाने भर से लड़ती है अकेली हूँ अकेली ही अकेलेपन से लड़ती हूँ सवालों से घिरा जीवन जिसे जीती न मरती हूँ फफक जाता है जब मन मेरा सवालातो से लड़ती हूँ तेरा यूँ छोड़कर जाना तेरा जाना व न आना तुझे बस याद कर साथी मैं जज्बातों से लड़ती हूँ अकेली हूँ अकेली ही अकेलेपन से लड़ती हूँ। । मीरा सिंह
बहुत परेशान हूँ आकर मुझे संभाल लो।। मीरा सिंह
होके भाई-बहन सवार करने सृष्टि का कल्याण आये आये है बाबा स्वयं जगन्नाथ जो है स्वयं काल अवतार भर के हृदय मेें प्रेम अपार बाबा जगन्नाथ आये है काशी वासियों के द्वार होके भाई-बहन सवार शत-शत कोटि तुम्हें प्रणाम करने हम पर ये उपकार देकर प्रेम के मोती अपार आये-आये है बाबा स्वयं जगन्नाथ। । भगवान जगन्नाथ के चरणों में समर्पित मीरा सिंह
जन्मदिन पर तेरे उपहार क्या दूँ खुदा ने दिया है सबकुछ मेरे दोस्त मै तुझे क्या दूँ। खुश रहे तू हमेशा यही दुआ है मेरी इसलिए अपनी जान तेरे नाम कर दूँ ।। जन्मदिन की शुभकामनाएँ मीरा सिंह
वो खुश है किसी और के संग तो मुझे मलाल कैसा मैं उसे खुश भी न देख पाऊँ तो मेरा प्यार कैसा।। मीरा सिंह
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