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बढ़ती दरारों का क्या करें डूबते किनारों का क्या करें बाँध बनते नहीं उफनती नदियों पर ढहती दीवारों का क्या करें.... क्या करें मरती ख्वाहिशों का रेत होते वुजूद का क्या करें कहां से लाएं हौसला गिरती मीनारों का क्या करें. मद्धिम होती जा रही है आवाज धड़कनों की कंठ में घुटती जा रही पुकारों का क्या करें.... दस्ताने पहन लिए उसने हाथों में कोई निशां न रह जाए कहीं रेत से दरकते इन सहारों का क्या करें...
एक प्रश्न जन्म मिथ्या है क्योंकि उस पर मृत्यु का प्रश्नचिह्न है प्रेम मिथ्या है क्योंकि वह घृणा की पीड़ा से छिन्न है सृजन मिथ्या है क्योंकि वह ध्वंस के उत्सव से अभिन्न है, तो क्या यहाँ मिथ्या ही सत्य है? - pooja
सुदूर देश से आए सारस उतरने लगे हैं हवा में ठंडक घुलने लगी है हल्की धुंध से ढकी झील मेहमानों के पाँवों तले चुपचाप सोई है.... अफ़सोस ! इस निस्तब्धता का हिस्सा नहीं मैं ! कोलाहल का हूँ - pooja
hello friends ✨✨✨ आशा करती हूं आप सब लोग अच्छे होंगे ✨ मेरा नाम पूजा है मैं ऑनलाइन काम करती हूं घर पर रहकर ही यदि कोई भी हाउसवाइफ कोई भी स्टूडेंट गर्ल हो या बॉयज हो या फिर कोई भी सर्विस मैन यदि प्रतिदिन दो से ढाई घंटे काम करके side by side income करना चाहता है घर पर रहकर ही तो मुझसे कांटेक्ट कर सकते हैं my contact number 👉 9812443212 काम के रिगार्डिंग किसी के भी कोई क्वेश्चन है तो वह मुझे मेरे कांटेक्ट नंबर पर कॉल करके क्लियर कर सकता है - pooja - pooja
माँ कहती थीं दिन में कहानी न सुनना जंगल में राहगीर, राह भूल जाते हैं... वो हर दिन अपनी कहानी सुनाता है लोग सुनते हैं, और कोई उस तक पंहुच नहीं पाता.... - pooja
अपनी ही मुट्ठी में कैद स्त्री कब तक अपनी शिराओं को खोल खोल उस एक कतरे को ढूंढती रहोगी जो इस क़ायनात का हिस्सा है ही नहीं हर वो ज़मीन बंजर निकलेगी जिसमें तुप अपने स्नेह की बीज बोओगी इसकी फसल को श्राप लगा है कब समझोगी या तो तुम्हारे बीज दूषित हैं या हवा में जहर है या ज़मीं पथरीली है किसी ऊंचे शिखर पर खड़े होकर ये बीज हवा में उछाल दो अब ये किसी काम के नहीं हैं इनसे पंछियों के पेट भरेंगे या ये पेड़ों पर जा गिरेंगे पंछियों और पेड़ों से बड़ा कोई हमदर्द नहीं स्त्री ! - pooja
किताबें बताती हैं मेरे जन्म से बहुत पहले एक शहंशाह ने, मुहब्बत की ख़ातिर मकबरा बनवाया.... तमाम मुहब्बतें ! तमाम नफ़रतें ! कितने आंसू ! कितने दर्द ! किताबों में दर्ज हैं.... मकबरे तो ये हैं शहंशाह ! वो तो ज़ाहिरी इश्क़ का मुजस्समा है.... - pooja
✨✨✨ - pooja
✨ - pooja
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