Quotes by pooja in Bitesapp read free

pooja

pooja Matrubharti Verified

@piku
(55)

बढ़ती दरारों का क्या करें
डूबते किनारों का क्या करें
बाँध बनते नहीं
उफनती नदियों पर ढहती दीवारों का क्या करें....

क्या करें मरती ख्वाहिशों का
रेत होते वुजूद का क्या करें
कहां से लाएं हौसला गिरती मीनारों का क्या करें.

मद्धिम होती जा रही है आवाज धड़कनों की कंठ में घुटती जा रही पुकारों का क्या करें....

दस्ताने पहन लिए उसने हाथों में कोई निशां न रह जाए कहीं रेत से दरकते इन सहारों का क्या करें...

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एक प्रश्न
जन्म मिथ्या है
क्योंकि उस पर मृत्यु का प्रश्नचिह्न है
प्रेम मिथ्या है
क्योंकि वह घृणा की पीड़ा से छिन्न है
सृजन मिथ्या है
क्योंकि वह ध्वंस के उत्सव से अभिन्न है,
तो क्या यहाँ मिथ्या ही सत्य है?
- pooja

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सुदूर देश से आए सारस उतरने लगे हैं
हवा में ठंडक घुलने लगी है
हल्की धुंध से ढकी झील मेहमानों के पाँवों तले चुपचाप सोई है....

अफ़सोस !

इस निस्तब्धता का हिस्सा नहीं मैं !
कोलाहल का हूँ
- pooja

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hello friends ✨✨✨

आशा करती हूं आप सब लोग अच्छे होंगे ✨
मेरा नाम पूजा है मैं ऑनलाइन काम करती हूं
घर पर रहकर ही

यदि कोई भी हाउसवाइफ कोई भी स्टूडेंट गर्ल हो या बॉयज हो
या फिर कोई भी सर्विस मैन
यदि प्रतिदिन दो से ढाई घंटे काम करके side by side
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करना चाहता है घर पर रहकर ही तो मुझसे कांटेक्ट कर सकते हैं
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9812443212
काम के रिगार्डिंग किसी के भी कोई क्वेश्चन है तो वह मुझे मेरे कांटेक्ट नंबर पर कॉल करके क्लियर कर सकता है



- pooja

- pooja

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माँ कहती थीं दिन में कहानी न सुनना जंगल में राहगीर, राह भूल जाते हैं...

वो हर दिन अपनी कहानी सुनाता है लोग सुनते हैं, और कोई उस तक पंहुच नहीं पाता....
- pooja

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अपनी ही मुट्ठी में कैद स्त्री कब तक अपनी शिराओं को खोल खोल उस एक कतरे को ढूंढती रहोगी जो इस क़ायनात का हिस्सा है ही नहीं

हर वो ज़मीन बंजर निकलेगी जिसमें तुप अपने स्नेह की बीज बोओगी इसकी फसल को श्राप लगा है कब समझोगी

या तो तुम्हारे बीज दूषित हैं या हवा में जहर है या ज़मीं पथरीली है

किसी ऊंचे शिखर पर खड़े होकर ये बीज हवा में उछाल दो अब ये किसी काम के नहीं हैं इनसे पंछियों के पेट भरेंगे या ये पेड़ों पर जा गिरेंगे

पंछियों और पेड़ों से बड़ा कोई हमदर्द नहीं स्त्री !
- pooja

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किताबें बताती हैं मेरे जन्म से बहुत पहले एक शहंशाह ने,
मुहब्बत की ख़ातिर मकबरा बनवाया....

तमाम मुहब्बतें ! तमाम नफ़रतें !
कितने आंसू ! कितने दर्द !
किताबों में दर्ज हैं....

मकबरे तो ये हैं शहंशाह !
वो तो ज़ाहिरी
इश्क़ का मुजस्समा है....
- pooja

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✨✨✨
- pooja


- pooja