खामोशी को तोड़कर सवाल उसने किया,
कही चले बाहर,
3 दिनों की छुट्टी जो आ रही है।
मैंने भी हां में सिर्फ मुंडी हिलाई,
बस फिर क्या था,
सर्च सुरू कर दी होटलों की,
कोन सी जगह जाए,
क्या क्या देखना है।
कब घर से निकलना है,
घर की चाबी किसको देकर जाना है,
कब वापिस आयेंगे।
उसके चेहरे पर एक गजब का उत्साह था।
मानो मेरे सिर हिलाने का ,
वो कही वर्षो से इंतजार कर रही थी।
मेरे कपड़ों से लेकर सब कुछ तयार था,
मेरे ऑफिस से लोटने से पहले।
अगले दिन हम चले उदयपुर की शेर करने,
रास्ते में कहा गाड़ी रोककर खाना खाना,
कहा पेट्रोल भरवाना,
कोन से रास्ते से जाना मानो वो पहले कही बार गई हो उस रास्ते थे।
इतनी जानकारी ,इतनी तयारी ,
इतना उत्साह उसकी आंखो में पहले कभी नहीं देखा था।
होटल पहचाने के बाद अगले दिन कहा कहा घूमना है कोन कोन सी जगह पास है ।
सब कुछ गूगल बाबा से पता करती ,
तीन दिन पूरे होने पर वापिस घर को लोट आए,
पर इन तीन दिनों में जो पाया ,
शायद बहुत ,बहुत ज्यादा पाया है मैने ,
मेरे जीवन की यात्रा के साथी से,
मेरे हमसफर से ,
तो उसके लिए एक थैंक्यू तो बनता है ।
So thank you 💕asha💕
भरत (राज)💓