....छोड़ दिया अब उसने
जब साथ आगे बढ़ना था दोनों को, तब साथ बढ़ना ही छोड़ दिया अब उसने, जब हाथ पकड़ के चलना था दोनों को, तब हाथ पकड़ना ही छोड़ दिया अब उसने, जब बात करके सुलझ सकता था सब, तब मुलाकात करना ही छोड़ दिया अब उसने,
फिर नयी शुरुआत कर संवर सकता था जब सब, ढंग से बात करना ही छोड़ दिया अब उसने, गुरूर था या घटता विश्वास, इसका सच बताना ही छोड़ दिया अब उसने..
.... छोड़ दिया अब उसने
दिल की मंशा बताना तो दूर, आँखों में आंखे डाल समझाना ही छोड़ दिया अब उसने, हूं मैं अब भी खास, या ढूंढ रही है किसी और का साथ, बताकर सुकून देना ही छोड़ दिया अब उसने, भेजती थी दिन दिन भर रील्स जिसको, उसको मैसेज करना ही छोड़ दिया अब उसने,
मिलता था उसको जिस चीज में सबसे सुकून, साथ चिपक कर सोना ही छोड़ दिया अब उसने, साथ सपने देखे थे उसने जिसके, सपने उसके देखना ही छोड़ दिया अब उसने...
.... छोड़ दिया अब उसने
दिन भर की हर बात बताने की आदत थी जिसे उसको, उसको हर बात बताना ही छोड़ दिया अब उसने, दो-तरफा चलती खूबसूरत कहानी एकतरफ़ा बन गयी कब, इसका राज़ बताना ही छोड़ दिया अब उसने,
था जो कभी पूरी दुनिया में सबसे खास, उसको अपना बताना ही छोड़ दिया अब उसने, सुबह से शाम मोहब्बत करने की आदत थी जिससे उसको, उससे मोहब्बत करना ही छोड़ दिया अब उसने...