The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
मुस्कुराना आदत है हमारी, वर्ना ज़िन्दगी तो हमसे भी नाराज़ हैं । - Soni shakya
जरूरत से ज्यादा बातचीत, जरूरत से ज्यादा लगाव, जरूरत से ज्यादा भरोसा, और ... जरूरत से ज्यादा उम्मीद, इंसान को अंत में बहुत ज्यादा "कष्ट" देता है। - Soni shakya
बेशक ! तुने दिल दुखाया है, फिर भी ये दिल, तुझपर ही आया है, हमने हर दर्द हंसकर सहे..! तेरे लिए प्रार्थनाओं में दिप जलाएं, तुझे हर महफिल में जगह मिले चाहे हम तन्हाइयों में खो जाए..!! - Soni shakya
शायद...मेरे शब्दों में वजन नहीं था, लेकिन मेरा मौन ...! तुम्हें पीड़ा देगा...!! - Soni shakya
""चांद के समान.. कभी घटता कभी बढ़ता ही रहा, सदा.... तुम्हारा प्रेम कभी पूर्णिमा के समान.. अत्यंत तो कभी....अमावस्या के समान विलुप्त..! और मैं.... हमेशा आकाश बन तुम्हारी प्रतीक्षा में लीन रही...!! - Soni shakya
"दरारें" न जीने देती है न मरने इससे बेहतर है ..! शीशा टुटे और टुटकर बिखर जाऐ...!! - Soni shakya
""रोज़ निकल आते हैं नये पत्ते, तमन्नाओं के वृक्षों मै क्यों पतझड़ नहीं होते.. - Soni shakya
""देखने को कायनात पड़ी है, पर सुकुन सिर्फ, तुम्हें देखने से मिलता है...!!
बेशक.! उसने की होगी दिल्लगी, हमने तो 'दिल' लगाया था...!! - Soni shakya
"वो लम्हे अब भी सीने में जलते हैं .. तेरे बिन वो रास्ते भी वीरान लगते है.. ! ऐसे टूटे हैं कि अब जुड़ नहीं पाते... तेरे बाद किसी और से 'दिल' नहीं लगते...!! - Soni shakya
Copyright © 2025, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser