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कलम और शब्द अपने पर गुमान किये बैठे है । उन्हें क्या पता यहाँ सभी प्यार किये बैठे है । हर कोई गुजरा है दर्द-ए-महोब्बत से । इसीलिए कई गुलजार तो कई ग़ालिब हुए बैठे है।
वो लौटकर आया तो था, पर वैसा नहीं आया, उसकी आँखों में कुछ था जो मेरे नाम का नहीं था।
"दायरे में रहकर लिखने का हुनर मुझमें नहीं मैं वो भी लिख दूँगा जो उस से पढ़ा ना जाएगा"
मेरे टूटे हुए दिल को अभी और टूटना होगा, अभी तो उसको किसी और के साथ देखना होगा ।
मुझे पसंद है रातें सर्दियों की वक़्त ज़्यादा मिलता है तन्हाई में सुकून से रोने का
If I find the word, do I find you? If I find you, do I lose the word?
जब कोई अपना छोड़ कर जाता है ना तो वो पेन recover नहीं होता है आप उसे कभी नहीं भूल सकते हो पर आगे बढ़ जाते हो जिंदगी तो चलती रहती हैं वो आते है जाते हैं सब कुछ होता लेकिन जिसको पलट पलट के देखने की आदत होती हैं ना बस वही नहीं होता
"उसने जाते जाते बद-दुआ दी है मुझे, ख़ुदा करे, फिर कभी न मिलेगा सुकून मुझे।" क़बूल है हर बद दुआ तेरी शायद इनमें मैं सुकून ढूँढ लूँगा ।
तुम्हारी बाते ख़रीदने का मन करता है लेकिन उतना मैं अमीर नहीं तुम्हारी दुआ ही मिल जाए भीख में लेकिन मैं फ़क़ीर भी नहीं। Good Morning
विश्वास पे दुनिया कायम है शायद इसलिए बैंक वाले पेन बांधकर मेडिकल वाले कैंची बांधकर ज़ेरॉक्स वाले स्टेपलर बांधकर पियाऊ वाले ग्लास बांधकर कचहरी में वकील कुर्सी बांधकर रेलवे वाले टॉयलेट में मग बांधकर बड़े बड़े घर वाले कुत्ता बांधकर लड़कियां मुंह बांधकर घरवाली पति को बांधकर किसी को किसी पर भरोसा नहीं है फिर भी दुनिया भरोसे पर कायम है
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