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ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़

ज़ख्मी__दिल…सुलगते अल्फ़ाज़

@loveguruaashiq.661810


🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__
इतनी सी बात थी मगर आँसू
              छलक पड़े.
ख़्वाबों की बारात थी मगर आँसू
             छलक पड़े,

उम्रभर करता रहा हूं मैं जिसका
               इन्तज़ार.
उससे हुई मुलाक़ात मगर आँसू
              छलक पड़े,

एक लफ़्ज़ भी न कह पाया
            उसके सामने.
रोक़ा बहुत ज़ज़्बात मगर आँसू
             छलक पड़े,

समझाता रहा अपने दिल को मैं
              बार-बार.
न बयां हो अपने हालात मगर
         आँसू छलक पड़े,

इतनी मिली खुशियाँ न पलकों
            में समा पाए.
मिल गई क़ायनात मगर आँसू
          छलक पड़े...🔥
╭─❀💔༻ 
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  ♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
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🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__
पास जाऊं तो भी नहीं पहचानती है
वो पगली मेरी चाहत नहीं जानती है,

देखा था पहली दफ़ा उसे ख़्वाबों में
फूल लगे थे उसके घनेरे बालों में,

नजरों से जैसे कुछ वो बता रही थी
उसकी हर अदाएं मुझे सता रही थी,

पर तारीफ़ करूं तो बुरा मानती है
वो पगली मेरी चाहत नहीं जानती है,

उसकी गलियों से हर रोज गुजरता हूं
मिल जाए कहीं शायद यही सोचता हूं,

एक रोज़ मिली थी उसकी मेरी नज़र
नहीं बयां कर सकता वो हसीं मंज़र,

जाने क्यों गैरों को अपना मानती है
वो पगली मेरी चाहत नहीं जानती है,

कल ही आई थी रोते हुए मेरे पास
मिलना था उससे जो है उसका खास,

उसकी धड़कन गैर के लिए धड़कती है
पर मेरी चाहत उसके लिए तड़पती है,

उसे वो अपना रब व खुदा मानती है
वो पगली मेरी चाहत नहीं जानती है,

जाने भी दो अब क्या बयां करूं उससे
कैसे कह दूँ की मुझे मोहब्बत है तुझसे,

उसकी आरजू का कहीं और ठिकाना है
ना तो मुझे अपनी चाहत को जताना है,

उसकी मोहब्बत मेरी जुदाई मांगती है
वो पगली मेरी चाहत नहीं जानती है.🥀
╭─❀💔༻ 
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♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
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🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__
एक बार फिर से आज़ सदियों से चल
रही प्रथा निभाएगें,
राम रावण का युद्ध करवा कर रावण
का पुतला जलाएगें,
बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न
मनाएगें"

पर क्या सच में बुराई का रावण मार
पाएगें" क्या सच में आज की सीता
का मान बचा पाएगें,

क्या सच में भाई भाई में प्रेम जगा
पाएगें" क्या रिश्तों को कंलकित होने
से बचा पाएगें" क्या सच में कुल की
मर्यादा बनाए रख पाएगें,

सवाल यही है सत्य की वनवास यात्रा
को रोक पाएगें या फिर अंदर जो बैठा
है बुराई का रावण उसको जला पाएगें
या देखेगें तमाशा रावण दहन का और
जश्न मनाएगें,

जब तक ये कलयुग का रावण नहीं
मरेगा राम रावण के युद्ध का अभिनय
निरंतर चलेगा,

सीता की अस्मत को तार तार किया
जाएगा" इंसान के व्यक्तित्व पर ही
कलंक लग जाएगा" बुराई रूपी रावण
का स्वरुप लगातार बढ़ता जाएगा,

अब न कोई राम का अवतार लेगा न
ही कोई रावण का वध करेगा" सत्य
तो अब वनवास जा ही चुका है" झूठ
का अंधियारा चारों ओर छा चुका है,

सत्य की लौ को अब जलाना होगा
अंदर बैठे रावण को मिटाना होगा
चारों ओर खुशीयों को फैलाना होगा
तब जाके सफल विजय दशमी का
पर्व मनाना होगा..🔥
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दशहरा विजय दशमी का तात्पर्य
सदा सत्य की जीत" गढ़ टूटेगा
झूठ का करें सत्य से प्रीत" आप
सभी को विजय दशमी पर्व की
शुभकामनाएं.!🌺🙏🏻

#𝐉𝐀𝐈_𝐒𝐇𝐑𝐄𝐄_𝐑𝐀𝐌 ..🚩
╭─❀💔༻ 
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♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
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जय माता दी..🌺😇🙏🏻

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🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__
आ गई नवरात्रि है" भगतों जन्म संवारो है
सिंह सवार आई जगदंबे" चरण पखारो है

बंदनवार सजाओ भक्तों मंगल कलश
सज़ालो करो अगवानी ज़गज़ननी की
आरती थाल सज़ा लो"

सत्यलोक से आई भवानी" घर पधारो है
आ गई नवरात्रि है" भगतों जन्म संवारो है
सिंह सवार आई जगदंबे" चरण पखारो है

दीप जलाओ मंगल गाओ, सुंदर वाद्य
बजाओ रक्त पुष्प की माला बनाओ,
चंदन तिलक लगाओ"

प्रेम की भूखी मैया मेरी" तन मन वारो है
त्राहि-त्राहि हे माँ जगदंबे, संकट भक्तन
की हरो अवलम्बे" करुणामयी हे
मात भवानी"

जय जय जय जय हे अम्बे मातु मनाओ
बड़ा सुख पाओ, कष्ट मिटा लो
आ गई नवरात्रि है" भगतों जन्म संवारो है
सिंह सवार आई जगदंबे" चरण पखारो है,
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वन्दे वांच्छित लाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम्‌।
वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्‌॥

शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिवस की
          हार्दिक शुभकामनाएं.!!🌺
मां शैलपुत्री की कृपा आप सभी पर
              सदैव बनी रहे..🙌

नवरात्र के नए आगमन के साथ
आपके जीवन में नई उम्मीदें और
सफलता आए..🥰

🌸..जय माता दी.🙏
╭─❀💔༻ 
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♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
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🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__
ए लड़की.मुझमें तू कुछ इस तरह से
  बसी है कि मुझमें मैं रहा ही नहीं,

लबों पर हर लफ़्ज़ तेरे नाम से साँसें
      बे-पनाह तेरी खुशबू लिए हैं,

कितनी ही तो कोशिश की है मैंने तेरी
  यादों से ज़मानत की’ मगर सच तो
दरअसल ये है कि मेरी आवारगी तेरे
           दर पर मुलाज़िम है,

प्यासे की प्यास को जैसे उठी हो दुआ
  तू हासिल मुझे खुदा की 'नज़र' थी,

मैं गंवार ना समझ कभी समझ ही न
सका अहलियत तेरी, तभी तो सोता
रहा हूँ आज़ तक लेकर आँखें भरी,

मैं रच भी दूँ नयी नदियां तेरी विरह
  में क्या ये कीमत मुनासिब होगी
            तुझे पाने को...🥀
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तुम लिक्खी जा चुकी हो लकीरों
            में मेरे दर्द सा"
या अब भी बाक़ी है मेरे अंधेरों में
             रौशनी कहीं,

मेरे ख्याल बे-लगाम तेरे ख्वाबों में
             आज़ भी हैं"
उम्मीदों के समंदर में ये गुमशुदा
         तैराक आज़ भी है,

आज़ भी चाँद मेरा लिए चांदनी
तेरी तलाश में है"
अधूरी ही सही मगर मेरी मोहब्बत
           तू आज़ भी है..💔
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♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
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🦋...𝕊𝕦ℕ𝕠 ┤_★__
ए लड़की.हर रात उतरने देता हूं सीने
में जहर उन बीते लम्हों की"
उन यादों का जिनमें सुकून तुम्हारे
साथ बिताए पलों का है,

जो याद दिलाता है एहसास तुम्हारी
छुअन का’ जो होता था मरहम
मेरे उन घावों का जिन्हें आँखें कभी
देख नहीं सकती थीं,
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हर रात उतरने देता हूँ सीने में ज़हर
उन बीते लम्हों की यादों का जिनमें
शामिल तुम्हारे लबों की वो हंसी भी
है जो अज़ीज़ थी मुझको मेरी साँसों
से भी ज्यादा,

सोचता था अक्सर देख कर आंखें
तुम्हारी कि कितने गहरे उतर चुके थे
हम अपनी मोहब्बत के समंदर में,
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हर रात उतरने देता हूँ सीने में ज़हर
उन बीते लम्हों की यादों का जिनमें
खनकती गूंज हमारे किए वादों
की भी है"

जो ज़िन्दा है मुझमें बनकर सांसें
नहीं देती है बिखरने मुझको,

कहीं मैं भी तेरी तरह" अनसुनी कर
धुन धड़कनों की,
शोर में दुनिया के गुम ना हो जाऊं,
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और हर रात उतरने देता हूं सीने में
ज़हर उन बीते लम्हों की यादों का
क्यूंकि ये ज़हर इस बात की गवाह
भी है कि"

मुद्दतों कामिल जो दुआ होती है
उसकी क़ीमत बेहिसाब और जो
ना कर सके अदा तो सज़ा भी
लाजवाब होती है..🔥
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♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
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🦋...SuNo ┤_★__
वो किसी ग़ैर के पैगामे-निकाह
पे इतना रोई कि"

उसने अपनी झील सी आँखों
को समंदर कर दिया..🥀
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गर उसे इतनी ही मोहब्बत थी
मुझसे" तो फिर क्यूँ,

सरकारी रिश्ता देखकर सरेंडर
कर दिया..🔥💔
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♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
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🦋...SuNo ┤_★__
ए लड़की.तेरा ज़िक्र भी मैंने सिर्फ़
ख़ुद से ही किया है..🥀

देख आज़ भी कितने पर्दे में तुझे
रखा है मैंने...💔
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♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
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🦋...SuNo ┤_★__
तुमने उस "शख्स" को खो दिया
मोहतरमा,
जो खुदा से तुम्हारी बातें किया
करता था..🥀
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और तुम्हारे बाद मैंने साथ बैठकर
दिल से किसी से दिल की बात
नहीं करी..💔
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♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
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