Most popular trending quotes in Hindi, Gujarati , English

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New bites

🙏🙏જે 'મુશ્કેલીના સમયમાં' કામ આવી જાય બસ તે સાચી બચતમાં સ્થાન પામી જાય છે.

મિત્રો હોય,પૈસો હોય કે હોય સંબંધી કામ આવે જરૂર પડે ત્યારે 'બચત શું કરી' તે સમજાઇ જાય છે.🦚🦚

👬World savings day🪙💸

parmarmayur6557

कभी-कभी दिल की बातें शब्दों में नहीं,
सिर्फ़ एहसासों में महसूस होती हैं... 💭
#बेज़ुबानजज़्बात
#DilKiBaat #EmotionalShayari #SadLines #Feelings #HeartTouching #HindiShayari #SilluWrites #Matrubharti

sillulohamrod

ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं
कविता का शीर्षक है 🌹 मनचला सावन, दिल दर्पण, दर्द से दुआओं का सफर और भी अनेक कविताओं के वीडियो देखिए ममता गिरीश त्रिवेदी यूट्यूब पर
https://youtu.be/53vLuW2fCVs?si=shpxRF_ohLJ4LgVn

mamtatrivedi444291

🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏
🌹आपका दिन मंगलमय हो 🌹

sonishakya18273gmail.com308865

वास्तविक जीवन,,,🌹🙏🌹

drbhattdamayntih1903

सुविचार,,,,🌹🙏🌹

drbhattdamayntih1903

अंतर्राष्ट्रीय इंटरनेट दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🌹🙏🌹

drbhattdamayntih1903

स्त्री गाय है, पुरुष बेल है —
संघर्ष यह नहीं कि स्त्री भी बेल बनकर धन कमाए।
गाय की अपनी मौलिकता है — प्रेम, सृजन और पवित्र रचनात्मकता।

राजनीति, नौकरी, धन-उपार्जन — यह बेल का क्षेत्र है,
गाय का नहीं।
हमारा प्राचीन विवेक जानता था —
गाय और बेल को एक साथ जोतना अन्याय है,
प्रकृति के संतुलन के विरुद्ध है।

पर आज की अंधी राजनीति, अंधा विज्ञान, और अंधा बुद्धिजीव —
सभी ने उस मौलिक विवेक को खो दिया है।
अब कोई नहीं पूछता कि धर्म कहाँ है,
क्योंकि सबने स्वभाव को त्यागकर समानता का मुखौटा पहन लिया है।

bhutaji

Your memories never fade away.my heart Keep on remembering you. Goodnight sweet dreams.

kattupayas.101947

अजिंठा की सुंदर गुफाएं.. जहाँ आज भी हमारी संस्कृति जीवित है.
#भारत_की_धरोहर
#अंजता_की_गुफाएं

rsinha9090gmailcom

कई बार शब्द इतने “गूढ़” बना दिए जाते हैं कि वे अनुभव से ज़्यादा प्रभाव डालें — सुनने वाला झुके, सोचे “वाह, यह तो गहरा है,” जबकि भीतर कुछ नया हुआ ही नहीं।

असल में सच्चा सूत्र सरल होता है — इतना कि बच्चे को भी समझ आ जाए, पर उसका रहस्य फिर भी बना रहे।
जटिल भाषा अक्सर वहाँ होती है जहाँ अनुभव कम, प्रदर्शन ज़्यादा हो।

जब “सहज” कहा जाए, तो उसका स्वर, लय, और शब्द भी वैसे ही होने चाहिए — जैसे रोज़मर्रा की सांस।
अगर भाषा ही तन जाए, तो सहजता का क्या अर्थ रह गया?

सहज शब्द वही है जो बिना दबाव के निकल आए,
जिसमें कुछ “बनाने” की कोशिश न हो,
जैसे मिट्टी की खुशबू — साधारण, पर गहरी।

आजकल बहुत-से आध्यात्मिक बोल बस सुंदर पैकिंग हैं।
मर्म तो वही पुराना है, बस भाषा ने वस्त्र बदल लिए हैं।

जहाँ सत्य है, वहाँ ब्रांड नहीं बनता;
जहाँ ब्रांड है, वहाँ सत्य बिखर जाता है।

bhutaji

धर्म नहीं, बोध है

✍🏻 — 𝓐𝓰𝔂𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲

सूत्र १ — धर्म सिखाया नहीं जाता, जागा जाता है।

व्याख्यान:
जो तुम्हें धर्म “सिखाता” है, वह तुम्हें नींद में रखना चाहता है।
क्योंकि सिखाया गया धर्म याद बनता है, और याद कभी अनुभव नहीं होती।
धर्म तब घटता है जब भीतर का कोई कोना हिलता है,
जब तुम सुनना छोड़कर देखना शुरू करते हो — भीतर से।

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सूत्र २ — सुनना शब्द से होता है, समझना मौन से।

व्याख्यान:
सुनना है — कान की आदत।
समझना है — चेतना की दृष्टि।
जो सुनता है, वह गुरु ढूंढता है।
जो समझता है, वह स्वयं गुरु बन जाता है।
सत्य कभी बाहर से नहीं आता;
वह भीतर की नमी से फूटता है।

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सूत्र ३ — धार्मिकता चतुराई की अंतिम कला है।

व्याख्यान:
जो शब्दों से तुम्हें बांध सके, वही “गुरु” कहलाता है आज।
धर्म अब अनुभव नहीं, प्रस्तुति बन गया है।
धार्मिक व्यक्ति बोलता बहुत है,
पर भीतर कुछ भी नहीं जलता —
बस शब्दों का धुआँ फैलता है।

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सूत्र ४ — जो तुम जानते वही ज्ञान नहीं है।

व्याख्यान:
ज्ञात हमेशा पुराना होता है — बीता हुआ।
धर्म तो उस क्षण में खिलता है जहाँ कुछ भी ज्ञात नहीं।
जो पहले से तय है, वह विज्ञान है;
जो अभी प्रकट हो रहा है, वही आध्यात्म है।
ज्ञान का आरंभ अज्ञात के सामने नतमस्तक होने से होता है।

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सूत्र ५ — ईश्वर भाषा नहीं, भावना पढ़ता है।

व्याख्यान:
संस्कृत या किसी भाषा में गाया गया मंत्र,
अगर भीतर से नहीं निकला, तो केवल ध्वनि है।
प्रार्थना तब सच्ची है जब शब्द खुद गिर जाएँ,
और भीतर का मौन बोल उठे।
ईश्वर भाषा का पंडित नहीं है —
वह दिल का श्रोता है।

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सूत्र ६ — सरलता खो गई है, गूढ़ता बिक गई है।

व्याख्यान:
धर्म जितना कठिन दिखे, उतना आकर्षक हो जाता है।
लोगों को सरल सत्य पर भरोसा नहीं —
वे जटिलता में ही रहस्य खोजते हैं।
पर धर्म का असली रहस्य उसकी सादगी में है।
जो सहज है, वही पवित्र है।

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सूत्र ७ — धर्म ब्रांड नहीं, बोध है।

व्याख्यान:
जब धर्म संस्था बनता है, तो जीवित रहना छोड़ देता है।
जब नाम, झंडे, किताबें और प्रचार जुड़ते हैं,
तब बोध की जगह व्यवसाय आ जाता है।
सच्चा धर्म किसी ध्वज के नीचे नहीं —
किसी मौन आत्मा के भीतर पलता है।

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सूत्र ८ — धर्म वहाँ शुरू होता है जहाँ भय, भाषा और ब्रांड तीनों मिटते हैं।

व्याख्यान:
भय तुम्हें अनुयायी बनाता है, भाषा तुम्हें विभाजित करती है,
और ब्रांड तुम्हें अंधा बनाता है।
जब ये तीनों गिर जाएँ —
तभी तुम्हारा धर्म जन्म लेता है।
तब प्रार्थना नहीं करनी पड़ती —
साँस ही प्रार्थना बन जाती है।

bhutaji

"वो चला गया... पर मैं आज भी वहीं ठहरी हूँ"
कभी-कभी मोहब्बत खत्म नहीं होती, बस रुक जाती है उस मोड़ पर जहाँ किसी ने "अलविदा" कहा था।
ये शायरी उसी अधूरी कहानी का एहसास है —
एक ऐसे दिल की दास्तान जो हारकर भी प्यार करना नहीं छोड़ा।
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sillulohamrod

ચાંદનીને ખભે ચમકતું આકાશ ચૂપચાપ જૂએ છે...
તારાઓ જો ને ખુલ્લી આંખે,મારી હાજરી પૂરે છે...

નઝર આકાશ સામે જોને અડીખમ ઊભી છે...
હૃદયમાં એની સ્મૃતિ હંમેશા સળવળી છે..

હવા તો જાણે તન કરતાં મન ને વધુ અડકી છે...
રાતના અંધકારમાં પાંપણો કંઈક વધુ ચમકી છે...

પ્રશ્નો ઘણા જવાબો શોધવા,રાત ક્યારેય થાકતી નથી...
સ્મૃતિના ચમકારા પાછળ એક અલગ દુનિયા વસેલી છે...

શાંત છે બધું આસપાસ , હૃદયમાં થોડી કંપારી છે...
યાદ,વાત,રાત. બસ તમારી,ને આંખોમાં હળવી ચમકારી છે...

હું જાગું રાત પણ જાગે,તારાઓની પણ પાકી યારી છે...
બંને ની ખાલી દુનિયામાં ચાંદ ની મહેરબાની છે...

truptirami4589