✤┈SuNo ┤_★_🦋
मैंने कई बार और कई ऐसी जगह भी
अंकुरण देखा है,
जैसे दो पत्थरों के बीच से अंकुर को
फूटते हुए देखा है,
ऊंची ऊंची दीवारों पर पीपल को भी
उगते हुए देखा है,
मेरी नजर में ये मिलन है बस यही
कहता है"
जंहा जरा सी मिट्टी को मैंने देखा है"
जहां जरा सी धूप को मैंने देखा है,
जहां जरा सी नमी को मैंने देखा है"
वहां एक अंकुर के अस्तित्व को
मैंने देखा है,
जहां भी मिटटी, धूप और पानी को,
एक साथ देखा है,
स्त्री को मिट्टी, पुरुष को धूप प्रेम को
पानी होते हुए देखा है..❤️🔥
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☞@motivatforself😊°
⎪⎨➛•ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी°☜⎬⎪
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