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"तेरे बिना कुछ भी नहीं"
तेरी आंखों में जो ठहराव है,
वो शहर की भीड़ में मेरा ठिकाना है।
तू जब मुस्कुराती है यूं बेपरवाह,
दिल सोचता है — और क्या चाहिए अब खुदा से?
तेरे बिना जो जिया वो वक़्त नहीं था,
सांसें थीं... पर ज़िंदगी कहीं नहीं थी।
तू साथ हो तो चाय भी कविता लगती है,
तेरे बिना कॉफ़ी भी फीकी लगती है।
तेरे आने से खामोशी में हरकत आई है,
दिल की दीवार पर तेरा नाम लिखा दिखाई देता है।
तू समझता नहीं पर हर बात समझा जाता है,
तेरा चुप रहना भी मेरा हाल बयाँ करता है।
तेरे ज़िक्र से भी फूल खिल जाते हैं,
और लोग कहते हैं, "तू कुछ ज़्यादा मुस्कुराता है आजकल।"
तेरी तस्वीर को देखा हर दिन नए नज़रों से,
जैसे हर बार तू थोड़ी और मेरी हो जाती है।
तेरे बिना जो किताब पढ़ी वो खाली थी,
तू थी तो हर लफ़्ज़ में रौशनी थी।
तेरा नाम जुबां पर आते ही कुछ थम जाता है,
जैसे दिल भी कहता है — बस अब और मत बोल।
तेरे होने से मुकम्मल हूं मैं,
वरना खुद को भी पूरा नहीं समझता था।
-सुहेल अंसारी । सनम
**ग़ज़ल: जुदाई की तड़प**
तेरे बिन सूना सा हर एक मंज़र रहा,
दिल में बस तेरा ही आलम बस्तर रहा।
खामोशी की चादर ओढ़े रातें जागतीं,
चाँद भी तन्हा, जैसे मुझ में बिखर रहा।
वो मुलाकातें, वो बातें, वो हँसी के पल,
अब ख्वाबों में बस धुंधला सा असर रहा।
साँसों में बसी थी जो तेरी खुशबू कभी,
अब आँसुओं का वो समंदर बिखर सा रहा।
गलियों में तेरी याद की सैर करता हूँ,
हर कदम पे दर्द का साया नुमाया सा रहा ।
क्या कहूँ इस जुदाई ने क्या-क्या छीना,
खुद से भी मेरा वजूद अब बे-सहर रहा।
तेरे बिना हर लम्हा इक सजा सा बन गया,
जिंदगी का हर रंग अब जैसे ,बे रंग सा लगा l
कभी नज़रों में थी तुझ से दुनिया सारी,
अब आँखों में बस तेरा ही अक्स रहा।
सुनहरी यादों का मेला दिल में सजता है,
पर हर याद में तेरी दर्द का सैलाब बहता रहा।
कहाँ गए वो वादे, वो कसमें, वो बातें,
अब बस तन्हाई का सफर अकेले ही कट ता रहा।
तू पास नहीं, फिर भी तू हर जगह बस्ता,
दिल का हर कोना तुझ से ही तो बस्तर रहा।
जुदाई की आग में जलता हूँ रात-दिन,
फिर भी तुझ में ही मेरा जीना बसर रहा।
कभी तो आएगा वो लम्हा मुलाकात का,
जो ख्वाबों में हर पल मुझ में संवर रहा।
इस दिल ने चाहा तुझ को हर साँस में बस,
पर जुदाई का दर्द ही अब तक बिखर रहा।
सुहेल अंसारी (सनम)
**तू ही है वो***
**तू ही है वो बात जो लफ़्ज़ों से आगे है,**
दिल में बसी कोई धड़कन की तरह है।
**तेरा हँसना जैसे बारिश की पहली बूँद,**
मन की तपिश पर ठंडी सी राहत है।
**तेरी आँखों में जो खामोशी बसी है,**
वो कहानियों से भरी एक किताब है।
**तू जब पास होता है, सब कुछ ठहर सा जाता है,**
वक्त भी रुककर तुझमें समा जाता है।
**तेरे होने से हर दिन लगे त्योहार सा,**
वरना हर दिन बस एक सा गुज़रता था।
**मैंने तुझमें खुद को देखा है कई बार,**
तू आईना भी है, और तस्वीर भी।
**तेरी आवाज़ की ख़ुशबू में डूबा रहता हूँ,**
हर बात तेरी जैसे कोई गीत हो।
**तेरा नाम जब भी लबों पे आता है,**
दिल बिना वजह मुस्कुरा जाता है।
**तू नहीं होती तो शायद मैं भी अधूरा होता,**
तेरे साथ होने से मुकम्मल हूँ मैं।
**तेरे स्पर्श में जो गर्मी है, वो सूरज सी,**
और जो नर्मी है, वो चाँदनी सी।
**तेरी ख़ामोशियाँ भी बोलती हैं मुझसे,**
और मैं हर बार उन्हें सुन लेता हूँ।
**तू अगर ख्वाब है तो नींदें दुआ बन जाएं,**
तू अगर हकीकत है तो हर रोज़ ईद हो।
**इस मोहब्बत को क्या नाम दूँ, कुछ सूझे नहीं,**
तू मेरा सब कुछ है, पर सब कुछ भी कम लगे।
**तू ही वो अहसास है जो बिन कहे भी जीता है,**
तू ही वो साज़ है जो बिन छुए भी बजता है।
सुहेल अंसारी । सनम
✨
**चाँदनी रात में तुझको पुकारूँ**
चाँदनी रात में तुझको पुकारूँ,
तेरे बिन सजना मन को ना देखूँ।
चाँद की किरनें बिछे रे बिछाने,
तेरे बिन ये रात अधूरी रे देखूँ।
पानी की लहरें करे रे पुकारा,
तेरे बिन ये नदिया सूनसान देखूँ।
सितारे झिलमिल करे रे इशारा,
तेरे बिन ये आकाश उदास रे देखूँ।
गाँव की गलियों में चाँद रे चमके,
तेरे बिन ये गलियाँ खाली रे देखूँ।
हवा की सरगम सुनाये रे गीतवा,
तेरे बिन ये धुनें अधूरी रे देखूँ।
महके रे फूलों की खुशबू हवाओं में,
तेरे बिन ये बगिया बेकार रे देखूँ।
झींगुर की आवाज़ बजे रे रात में,
तेरे बिन ये संगीत फीका रे देखूँ।
पेड़ों की छाँव में सपने रे सजते,
तेरे बिन ये सपने अधूरे रे देखूँ।
अंखियों में तेरा रे चेहरा बसे रे,
तेरे बिन ये नैन तरसते रे देखूँ।
दिल की किताबों में तेरा रे नामवा,
तेरे बिन ये पन्ने खाली रे देखूँ।
चाँदनी रात में तेरा रे इंतज़ार,
तेरे बिन ये लम्हे भारी रे देखूँ।
तेरे संग सजना सजे रे ये रातें,
तेरे बिन ये चाँदनी ठंडी रे देखूँ।
दिल-ए-मोहब्बत ये कहे बेकरारी,
तेरे संग सजना जीना रे देखूँ।
सुहेल अंसारी । सनम
**सुबह तेरा ख्याल**
सुबह 5 बजे, नींद से जागा,
तेरे ख्याल में, दिल ये भागा,
बालकनी में हवा, चुपके से बोले,
तेरे बिन सजना, ये दिल ना डोले।
सुबह तेरा ख्याल, दिल को भाये,
तेरे प्यार का रंग, मन को लाये,
तेरे संग हर पल, जीना है मुझको,
तू है मेरा सपना, तुझसे ही जादू।
कॉफी की चुस्की, तेरे नाम की,
फोन की स्क्रीन पे, तस्वीर तेरी सी,
तेरे मैसेज का, इंतज़ार करता,
तेरे रिप्लाई से, दिल मेरा धड़कता।
सुबह तेरा ख्याल, दिल को भाये,
तेरे प्यार का रंग, मन को लाये,
तेरे संग हर पल, जीना है मुझको,
तू है मेरा सपना, तुझसे ही जादू।
शहर की सड़कों पे, तुझको ढूंढूँ,
लाइट्स की चमक में, तुझको ही पूछूँ,
तेरे प्यार की धुन, हेडफोन में बजती,
तेरे बिन ये धुन, अधूरी सी लगती।
पार्क की बेंच पे, तेरा इंतज़ार,
तेरे कदमों की, सुनूँ मैं पुकार,
तेरे बिन सजना, ये वक्त ना कटे,
तेरे प्यार में ही, मेरा दिल बटे।
तेरे संग बारिश में, सेल्फी लूँ मैं,
तेरे प्यार में डूबके, गीत गुनगुन मैं,
तेरे बिन सजना, ये दुनिया है काली,
तू है मेरा सूरज, तू मेरी लाली।
सुबह तेरा ख्याल, दिल को भाये,
तेरे प्यार का रंग, मन को लाये,
तेरे संग हर पल, जीना है मुझको,
तू है मेरा सपना, तुझसे ही जादू।
तो आ जा पास मेरे, थाम ले ये हाथ,
सुबह की धूप में, करें प्यार की बात,
तेरे बिन सजना, अधूरी कहानी,
तू है मेरा प्यार, मेरी सुबह की रानी।
सुहेल अंसारी । सनम
**तेरे बिन सजना लागे ना मनवा**
(रदीफ़: "लागे ना मनवा", काफिया: "कनवा")
सावन की बूंदें बरसें रे कनवा,
तेरे बिन सजना लागे ना मनवा।
खेतों की माटी महके रे सुनवा,
तेरे बिन ये धरती ठंडी रे कनवा।
पंछी की चहचह गाए रे गीतवा,
तेरे बिन ये धुन अधूरी रे कनवा।
चंदा की चांदनी झिलमिल करे रे,
तेरे बिन ये रात सूनसान कनवा।
माथे पे बिंदिया सजायी मैंने रे,
तेरे बिन ये साज फीका रे कनवा।
चूड़ी की खनक में गूँजे रे बोलवा,
तेरे बिन ये कंगना खामोश कनवा।
गाँव की चौपाल पे बातें रे करवा,
तेरे बिन ये सखियाँ उदास रे कनवा।
महके चमेली की कलियाँ रे सुनवा,
तेरे बिन ये खुशबू ना भाए कनवा।
बरगद की छाँव में सपने रे सजवा,
तेरे बिन ये नींद ना आए कनवा।
पनघट पे पानी भरूँ रे मैं डोलवा,
तेरे बिन ये गागर भारी रे कनवा।
सुरमई अंखियों में सपने रे बसवा,
तेरे बिन ये नैन तरसते रे कनवा।
दिल की दुआएँ करे रे पुकारवा,
तेरे बिन ये धड़कन रुके रे कनवा।
बाहर की हवा में तेरा रे संदेसवा,
तेरे बिन ये मौसम बेकार रे कनवा।
दिल-ए-मोहब्बत ये कहे बेकरारी,
तेरे संग सजना सजे मेरा मनवा।
सुहेल अंसारी।सनम
**तेरे बिन सजना लागे ना जिया**
सावन की रिमझिम में बरसे गगनिया,
तेरे बिन सजना लागे ना जिया।
खेतों की पगडंडी पे चंदा चमके,
तेरे बिना चाँदनी ठंडी पिया।
गाँव की गलियों में पपीहा बोले,
तेरे बिन ये गीत अधूरे पिया।
माथे पे बिंदिया सजाके मैं आई,
तेरे बिन ये शृंगार फीका पिया।
महके चमेली, गुलाबों की डारी,
तेरे बिन ये खुशबू ना भाये पिया।
अंखियों में सपने सजाये मैंने,
तेरे बिन ये सपने ना साजे पिया।
दिल की दुआएँ करे बेकरारी,
तेरे संग जीना, ना मरे ये जिया।
सुहेल अंसारी। सनम
**तेरे बिन ये सुबह**
सुबह 5 बजे, कॉफी की चुस्की,
तेरे मैसेज की, यादों की रुस्की,
बालकनी में हवा, चुपके से बोले,
तेरे बिन दिल ये, कुछ अधूरा सा खोले।
तेरे बिन ये सुबह, रंगों से खाली,
तेरी बातें ही, बनें मेरी लाली,
तेरे संग जी लूँ, हर एक लम्हा,
तू है मेरा म्यूजिक, मेरा सारा गाना।
शहर की रौशनी, जगमग सड़कें,
तेरे साथ की, वो प्यारी बड़बड़ बक-बकें,
हेडफोन में धुन, तेरी आवाज़ गूँजे,
दिल की स्क्रीन पे, तेरा चेहरा ही झलके।
तेरे बिन ये सुबह, रंगों से खाली,
तेरी बातें ही, बनें मेरी लाली,
तेरे संग जी लूँ, हर एक लम्हा,
तू है मेरा म्यूजिक, मेरा सारा गाना।
तेरे नाम की स्टोरी, इंस्टा पे लगाऊँ,
तेरे प्यार में डूबके, मैं दुनिया भुलाऊँ,
सनराइज की सेल्फी, तेरे संग है प्यारी,
तेरे बिन सजनी, ये ज़िंदगी है कारी।
तो आ जा पास मेरे, थाम ले ये हाथ,
सुबह की धूप में, करें हम प्यार की बात,
तेरे बिन अधूरी, ये सारी कहानी,
तू है मेरा प्यार, मेरी सुबह की रानी।
सुहेल अंसारी(सनम)
**सुबह की किरन में तेरा नाम**
सुबह की किरन, चुपके से आई,
तेरे ख्यालों में, मन को भिगाई,
खेतों की माटी, महके सौंधी,
तेरे बिना ये, रुत है अनछुई।
ओ री सजनी, तेरा नाम पुकारूँ,
दिल की डगर में, तुझको बिछाऊँ,
सूरज की लाली, तुझसे है प्यारी,
तेरे बिन सैर करे, मन की नदिया किनारी।
पंछी की चहचह, गाए तराना,
तेरे संग जीना, मेरा ठिकाना,
नीम की छाँव में, सपने सजाऊँ,
तेरे गले लगके, मैं गीत सुनाऊँ।
ओ री सजनी, तेरा नाम पुकारूँ,
दिल की डगर में, तुझको बिछाऊँ,
सूरज की लाली, तुझसे है प्यारी,
तेरे बिन सैर करे, मन की नदिया किनारी।
फूलों की माला, तेरे लिए लाऊँ,
चूड़ी की खनक में, प्यार जताऊँ,
सुबह की ओस में, तुझको निहारूँ,
तेरे संग साजन, हर पल गुज़ारूँ।
सुबह की धूप में, तेरा उजाला,
तेरे बिन सजनी, ये दिल बेकाला,
लोक की धुन में, प्यार हम गाएँ,
सदा के लिए, संग-संग रह जाएँ।
सुहेल अंसारी (सनम(
**तेरे बिना**
तेरे बिना ये दिल अधूरा सा,
सपनों में तुझको ही देखता,
चाँदनी रातें, तारे गिनूं मैं,
तेरे साथ ही जीना चाहता हूँ मैं।
तेरे बिना, ओ सनम,
धड़कन ये रुक सी जाए,
तेरी हंसी, तेरी बातें,
हर पल याद सताए।
तेरे हाथों में मेरा हाथ हो,
चलें हम साथ में, हर बात हो,
बारिश की बूंदें, गीत सुनाएं,
तेरे संग प्यार में हम खो जाएं।
तेरे बिना, ओ सनम,
धड़कन ये रुक सी जाए,
तेरी हंसी, तेरी बातें,
हर पल याद सताए।
तेरे पास आके, सुकून मिले,
दिल को मेरे, वो जूनून मिले,
हर लम्हा तेरा, बस मेरा हो,
प्यार ये सच्चा, हमेशा रहे।
तेरे बिना, ओ सनम,
ज़िंदगी अधूरी सी है,
तेरे साथ ही, मेरे यार,
हर खुशी पूरी सी है।
सुहेल अंसारी(सनम)
"""""रॉक स्टार """
चल रे रॉक-स्टार, ज़िंदगी को हि-ला दे,
स्वैग से सजा दे, रास्ते को चम-का दे।
आ-समां तेरा, उड़ जा तू बे-पर-वाह,
दिल में ठसक, बन जा आग का त-माशा!
हर कदम पे, धाक तू ज-मा,
ना डर, ना थम, दुनिया को हं-सा।
राहें कांटों भरी, या चमके जैसे ही-रा,
तू बन सुल्तान, मचाए नया ज़ंजी-रा।
यो यो, सुन रे, रॉक-स्टार, रुकना ना,
दुनिया की बातों में, फंसना ना।
तू शेर, जंगल में राज करे,
आंधी आए, या बिजली सरे।
बीट बना, रैप कर ज़िंद-गी,
लम्हे को बना दे, चट-पटी कविता की।
"खाली जेब, ना रोके ख्वाब," सुन यार,
स्वैग से भर दे, सपनों का संसार!
लेखक
सुहेल अंसारी (सनम)
@कॉपीराइट
ये मत मत पूछो साहब कि
इस धरती से गिला क्या क्या है
यह पूछो कि इस धरती से मिला क्या-क्या है ।
जिस नदिया ने शीतल जल दिया पीने को
हमने उस नदिया को
मैले कपड़ों और तन को धोकर
कितना गन्दा कर दिया ।
जिन पेड़ों ने फल दिए खाने को
सांस दी जिन्दा रहने को
उन पेड़ों को हमने काट कर बेच दिया
चंद सिक्कै कमाने को ।
जिस धरती ने सीना दिया घर बनाने को
तन दिया अन्न उपजा कर पेट कि बुझाने को
हमने उसमें भी ज़हर घोल दिया
उपजाऊ शक्ति बढ़ाने को ।
ऊपर वाले ने तो इंसान बनाया था
एक दूसरे की मदद करने को
मगर इंसान के पेट की भूख इतनी बढ़ गई
पेट तो भर गया मगर भूख नह मिटी
इंसान ने उन्नति के नाम पर प्रकृति का
कितना ही विनाश कर दिया ।
मत पूछो साहब इस धरती से गिला क्या क्या है
यह पूछो साहब इस धरती से मिला क्या क्या है।
हिसाब करने बैठो तो हिसाब नहीं कर पाऊंगा
क्योंकि प्रकृति मां है मां देना जानती है लेना नहीं जानती है इसका हिसाब करना बहुत मुश्किल है
जिस तरह इंसान जन्म देने वाली मां का
हिसाब नहीं कर सकता है
उसी तरह जीवन भर अपने आंचल में पालने वाली
प्रकृति मां का हिसाब करना भी मुश्किल है ।
मत पूछो साहब इस धरती से गिला क्या क्या है
यह पूछो साहब इस धरती मां से मिला क्या क्या है।
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🌅 "मैं खुद अपनी सुबह हूं" 🌅
मुझसे मत पूछो
कि मेरी सुबह कौन लाएगा,
क्योंकि मैं खुद अपनी सुबह हूं —
अंधेरे में जलती एक लौ,
जो तूफानों से डरती नहीं,
उन्हें चीरकर चलती है।
कभी मेरी आंखों में आंसू होंगे,
तो कभी उन आंसुओं में उम्मीद चमकेगी।
कभी मेरी आवाज़ काँपेगी,
पर कभी उसी आवाज़ से
मैं दुनिया को हिला दूंगी।
जब लोग कहेंगे —
"ये तेरे बस की बात नहीं…"
तब मैं चुप रहूंगी नहीं,
बल्कि अपने काम से जवाब दूंगी —
एक-एक कोशिश से,
हर असंभव को संभव बना दूंगी।
मुझे पता है,
मेरे पास ना बड़ी डिग्रियाँ हैं,
ना कोई बड़ी पहचान,
पर मेरे पास है —
इरादा, आग, और वो वादा
जो मैंने खुद से किया है।
माँ कहती है —
"किचन सीख ले, शादी के लिए तैयार हो जा…"
पर मेरा दिल कहता है —
"पहले अपने सपनों की रसोई में
अपनी मेहनत की रोटियाँ सेंक!"
मैं सिर्फ़ किसी की बहू नहीं,
मैं किसी की प्रेरणा भी बन सकती हूँ।
मैं किसी के घर की दीवार नहीं,
मैं खुद का एक आकाश बन सकती हूँ।
मैं वो हूं —
जो बंद आंखों से भी रास्ता देख लेती है,
जो बिना सहारे भी
चट्टानों से लड़ लेती है।
मैं वो हूं जो
अपने आंसुओं से खुद को सींचती है,
और हर सुबह खुद को फिर से उगाती है।
आज अगर मेरे पास
एक कमरा, एक मोबाइल, और एक सपना है,
तो समझ लो —
मेरे पास पूरी दुनिया है।
मैं बिखरूंगी, फिर जुड़ जाऊंगी।
मैं थकूंगी, फिर मुस्कराऊंगी।
मैं रोऊंगी, फिर दौड़ूंगी।
क्योंकि मैं वो लड़की हूं —
जो अपने आँसुओं से
कहानी नहीं…
इतिहास लिखती है।
એક મીઠો અહેસાસ છે તું
તને ખબર નથી કેટલી ખાસ છે તું
મારા વણમાંગ્યા પ્રશ્નનો જવાબ છે તું
પ્રેમની પૂજ્ય મૂર્તિનો એક સારાંશ છે તું....
મારા ટૂંકા જીવનનો જાણે શ્વાસ છે તું
આજીવન લઈ શકું જેને એવી મીઠાશ છે તું
ઉડીને આંખે વળગે એવો અહેસાસ છે તું
મારા પ્રેમના અંધકારનો જાણે પ્રકાશ છે તું.....
હૃદયમાં ઉગેલા સુંદર ફૂલની જાણે સુવાસ છે તું
પ્રેમના પરોઢિયે ઉદભવેલો એવો અહેસાસ છે તું
હાથેથી લખાયેલા શબ્દોનો જાણે સંગાથ છે તું
ઈશ્વરે મોકલેલો મારા જીવનમાં પવિત્ર પવિત્ર સહવાસ છે તું....
રાજાના મુગટ પર બિરાજમાન સરતાજ છે તું
હૃદયના ઊંડાણમાં થંભી જાય એવો અવાજ છે તું
જિંદગીની આ રોજબરોજની મથામણ માં જાણે "પીયૂ"
હૃદયની અંદર પાડવા વાળો ઠંડા શેરડાં સમો સંગાથ છે તું....
इस दिल के आंगन में रेन बसेरा है आपका, ऐसा लगता है मेरे जीवन में जैसे सवेरा हो आपका, लगता तो नहीं इस जिंदगी में कभी मिल पाए, फिर भी लगता है हमें जैसे हमारी जिंदगी में डेरा हो आपका।। - पीयू.....
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