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nidhi mishra

nidhi mishra

@nidhimishra705356
(368)

याद

कभी सोचा न था कि यादें इतनी भारी हो जाएँगी,
एक नाम, एक चेहरा —
पर दिल के अंदर एक पूरी दुनिया बस जाएगी।

तू अब साथ नहीं है,
फिर भी हर सुबह तेरे एहसास के साथ ही उठती हूँ।
चाय का पहला घूंट अब पहले जैसा मीठा नहीं लगता,
क्योंकि अब उसमें तेरी मुस्कान की मिठास नहीं होती।

तेरे बिना हँसी आती है, मगर टिकती नहीं,
आवाज़ें सुनाई देती हैं, पर सुकून नहीं मिलता।
कभी-कभी लगता है,
तू यहीं कहीं है —
बस मैं देख नहीं पा रही।

याद भी कितनी अजीब चीज़ है ना —
न इसे मिटाया जा सकता है,
न किसी और से बाँटा जा सकता है।
ये वही रिश्ता है जो खामोश होकर भी बोलता है,
और दूरी में भी बहुत पास रखता है।

तेरी बातों की गूंज अब भी दीवारों से टकराती है,
तेरी हँसी अब भी हवा में तैरती है।
कभी लगता है,
तूने मेरी रूह में ही घर बना लिया है।

जब रात गहरी होती है,
तो यादें धीरे-धीरे चली आती हैं,
बिना दस्तक दिए मेरे पास बैठ जाती हैं।
कुछ नहीं कहतीं,
बस तेरे पुराने लम्हे फिर से जीला जाती हैं।

तेरा नाम अब भी मेरी दुआओं में आता है,
तेरी तस्वीर अब भी मेरी मुस्कान की वजह बनती है।
लोग कहते हैं, “वक़्त सब ठीक कर देता है,”
पर यादें वक़्त की नहीं,
दिल की होती हैं — और दिल कभी भूलता नहीं।

कभी बारिश में तेरी महक आती है,
कभी धूप में तेरे साए की झलक दिखती है।
कभी किसी गाने में तू लौट आता है,
कभी किसी खामोशी में तू खुद बोल जाता है।

तेरे बिना जीना सीख लिया,
पर तुझे भूलना आज तक नहीं सीखा।
क्योंकि याद सिर्फ दर्द नहीं,
वो इस बात का सबूत है कि हमारा प्यार सच्चा था।

अगर कभी ऊपर से देखे तू,
तो बस इतना जान ले —
मैं आज भी तुझे उतनी ही सच्चाई से याद करती हूँ,
जितनी सच्चाई से तू मुझे चाहता था।

और अगर किसी दिन ये दिल धड़कना बंद भी कर दे,
तो भी तेरे नाम की एक धड़कन उसमें ज़िंदा रहेगी…

क्योंकि यादें कभी मरती नहीं —
वो बस दिल की सांसों में छुपी रहती हैं। 💫

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नया साल, नई उड़ान

जब घड़ी रात के बारह बजाएगी,
सिर्फ तारीख़ नहीं बदलेगी…
कुछ लोग बदलेंगे, कुछ सपने जागेंगे,
और कुछ दिल फिर से उम्मीदों से भर जाएंगे।

2025 में जो भी टूटा, जो भी छूटा,
अब उसे वहीं छोड़ दो।
क्योंकि नया साल किसी पछतावे का नहीं,
नई कोशिशों का नाम है।

कभी-कभी ज़िंदगी दोबारा नहीं मिलती,
पर हिम्मत दोबारा मिल सकती है।
बस उसे पहचानना सीखो।

इस साल अपने अंदर वो ताकत जगाओ
जो हार के बाद भी मुस्कुरा सके।
वो भरोसा रखो
जो दूसरों की तालियों पर नहीं,
अपने संघर्ष पर टिका हो।

नया साल तुम्हारा है —
अगर तुम तय कर लो कि
अब रुकना नहीं है।
अब हर सुबह उठकर
अपने ही नाम का इतिहास लिखना है।

क्योंकि लक्ष्य वहीं जीतता है
जिसके पास बहाने नहीं, बस जुनून होता है।


इस साल कोई वादा नहीं,
बस एक फैसला —
“अब डर नहीं, देर नहीं।”
बस मेहनत, भरोसा और मुस्कान।

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कभी स्याही से वो आँसू लिख देता है,
कभी मुस्कान को मौसम बना देता है।
हर दर्द को लफ़्ज़ों में ढाल देता है,
हर ख़्वाब को सच में बदल देता है।

वो लेखक है — जो खामोशी को आवाज़ देता है,
जिसके शब्दों में पूरा आकाश रहता है।
कभी धूप की तरह तपता है उसका विचार,
कभी चाँदनी बनकर झरता है प्यार।

जब दुनिया सो जाती है, वो जगता है,
काग़ज़ों से बातें करता है, लिखता है।
कभी यादों के झोंके में बह जाता है,
कभी अपनी ही कहानी में खो जाता है।

उसकी कलम में इंद्रधनुष के सात रंग हैं,
हर शब्द में किसी आत्मा के संग हैं।
वो दुख को कविता बनाता है,
और टूटे सपनों को जीवन सिखाता है।

लोग कहते हैं — "बस कहानी है ये",
पर उसके लिए तो ये आत्मा की रवानी है ये।
हर अक्षर में एक साँस बसती है,
हर पंक्ति में एक दुनिया हँसती है।

वो किसी भीड़ में भी अकेला नहीं होता,
क्योंकि उसके शब्द उसके मेले होते।
हर लफ़्ज़ में उसकी पहचान झलकती है,
हर कविता में उसकी जान बसती है।

वो लेखक — जो खुद से संवाद करता है,
जो गिरकर भी सृजन में विश्वास करता है।
कभी टूटे शब्दों से ब्रह्मांड रच देता है,
कभी एक पंक्ति से इंसान बदल देता है।

उसकी कलम कोई साधारण चीज़ नहीं,
वो तो ईश्वर का एक उपहार है कहीं।
क्योंकि जो दुनिया देख नहीं पाती,
वो लेखक अपनी आँखों से दिखा देता है वहीं।

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"मर के भी दिल से ये प्यार न होगा कम…"

वक़्त की धूल उड़ जाएगी,
नाम भी एक दिन मिट जाएगा…
पर तू जिस दिल में बसा है,
वो दिल हर जनम में तुझसे मिल जाएगा।

तेरे बिना साँसें अधूरी सही,
पर तेरी यादें मुकम्मल हैं अब भी…
जिस पल तू मुस्कुराया था,
वो पल मेरी रूह में आज भी धड़क रहा है चुप-चुप सी।

मर जाऊँ तो क्या…
ये इश्क़ कोई जिस्म का किरायेदार नहीं,
ये तो वो रौशनी है,
जो क़ब्रों के अंधेरों में भी उजाला कर दे कहीं।

तू सोच भी नहीं सकता,
कि एक टूटी लड़की ने तुझसे कितना चाहा है…
वो जो कभी खुद को आईने में देखना नहीं चाहती थी,
वो आज खुद को तेरी नज़र से देखना सीख गई है।

तेरे बिना जी लूँगी शायद,
पर मर कर भी तुझसे जुदा न हो पाऊँगी…
क्योंकि मेरा नाम मिट सकता है,
पर दिल में लिखा ये प्यार… कभी नहीं।

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🌅 "मैं खुद अपनी सुबह हूं" 🌅

मुझसे मत पूछो
कि मेरी सुबह कौन लाएगा,
क्योंकि मैं खुद अपनी सुबह हूं —
अंधेरे में जलती एक लौ,
जो तूफानों से डरती नहीं,
उन्हें चीरकर चलती है।

कभी मेरी आंखों में आंसू होंगे,
तो कभी उन आंसुओं में उम्मीद चमकेगी।
कभी मेरी आवाज़ काँपेगी,
पर कभी उसी आवाज़ से
मैं दुनिया को हिला दूंगी।

जब लोग कहेंगे —
"ये तेरे बस की बात नहीं…"
तब मैं चुप रहूंगी नहीं,
बल्कि अपने काम से जवाब दूंगी —
एक-एक कोशिश से,
हर असंभव को संभव बना दूंगी।

मुझे पता है,
मेरे पास ना बड़ी डिग्रियाँ हैं,
ना कोई बड़ी पहचान,
पर मेरे पास है —
इरादा, आग, और वो वादा
जो मैंने खुद से किया है।

माँ कहती है —
"किचन सीख ले, शादी के लिए तैयार हो जा…"
पर मेरा दिल कहता है —
"पहले अपने सपनों की रसोई में
अपनी मेहनत की रोटियाँ सेंक!"

मैं सिर्फ़ किसी की बहू नहीं,
मैं किसी की प्रेरणा भी बन सकती हूँ।
मैं किसी के घर की दीवार नहीं,
मैं खुद का एक आकाश बन सकती हूँ।

मैं वो हूं —
जो बंद आंखों से भी रास्ता देख लेती है,
जो बिना सहारे भी
चट्टानों से लड़ लेती है।
मैं वो हूं जो
अपने आंसुओं से खुद को सींचती है,
और हर सुबह खुद को फिर से उगाती है।

आज अगर मेरे पास
एक कमरा, एक मोबाइल, और एक सपना है,
तो समझ लो —
मेरे पास पूरी दुनिया है।

मैं बिखरूंगी, फिर जुड़ जाऊंगी।
मैं थकूंगी, फिर मुस्कराऊंगी।
मैं रोऊंगी, फिर दौड़ूंगी।
क्योंकि मैं वो लड़की हूं —
जो अपने आँसुओं से
कहानी नहीं…
इतिहास लिखती है।

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एक अधूरा प्यार
तू मिला था चुपके से एक शाम के साये में बिना कहे दिल ने तुझे अपना जान लिया तेरे मुस्कुराने में जैसी सारी दुनिया बसी थी और मैंने हर एहसास में तेरा नाम लिया वो अधूरा सा रिश्ता वो अनकही सी दास्तान आज भी मेरे रूह में गूंजती है तेरी यादें अब मेरी आदत सी बन गई है बहुत डर है ना पास बस कहीं बीच में रह गया है आज तो पास नहीं है मेरी दुआओं में है और यहीं एक अधूरा प्यार की कहानी बनती है

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