"""""रॉक स्टार """
चल रे रॉक-स्टार, ज़िंदगी को हि-ला दे,
स्वैग से सजा दे, रास्ते को चम-का दे।
आ-समां तेरा, उड़ जा तू बे-पर-वाह,
दिल में ठसक, बन जा आग का त-माशा!
हर कदम पे, धाक तू ज-मा,
ना डर, ना थम, दुनिया को हं-सा।
राहें कांटों भरी, या चमके जैसे ही-रा,
तू बन सुल्तान, मचाए नया ज़ंजी-रा।
यो यो, सुन रे, रॉक-स्टार, रुकना ना,
दुनिया की बातों में, फंसना ना।
तू शेर, जंगल में राज करे,
आंधी आए, या बिजली सरे।
बीट बना, रैप कर ज़िंद-गी,
लम्हे को बना दे, चट-पटी कविता की।
"खाली जेब, ना रोके ख्वाब," सुन यार,
स्वैग से भर दे, सपनों का संसार!
लेखक
सुहेल अंसारी (सनम)
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