**सुबह की किरन में तेरा नाम**
सुबह की किरन, चुपके से आई,
तेरे ख्यालों में, मन को भिगाई,
खेतों की माटी, महके सौंधी,
तेरे बिना ये, रुत है अनछुई।
ओ री सजनी, तेरा नाम पुकारूँ,
दिल की डगर में, तुझको बिछाऊँ,
सूरज की लाली, तुझसे है प्यारी,
तेरे बिन सैर करे, मन की नदिया किनारी।
पंछी की चहचह, गाए तराना,
तेरे संग जीना, मेरा ठिकाना,
नीम की छाँव में, सपने सजाऊँ,
तेरे गले लगके, मैं गीत सुनाऊँ।
ओ री सजनी, तेरा नाम पुकारूँ,
दिल की डगर में, तुझको बिछाऊँ,
सूरज की लाली, तुझसे है प्यारी,
तेरे बिन सैर करे, मन की नदिया किनारी।
फूलों की माला, तेरे लिए लाऊँ,
चूड़ी की खनक में, प्यार जताऊँ,
सुबह की ओस में, तुझको निहारूँ,
तेरे संग साजन, हर पल गुज़ारूँ।
सुबह की धूप में, तेरा उजाला,
तेरे बिन सजनी, ये दिल बेकाला,
लोक की धुन में, प्यार हम गाएँ,
सदा के लिए, संग-संग रह जाएँ।
सुहेल अंसारी (सनम(