Most popular trending quotes in Hindi, Gujarati , English

World's trending and most popular quotes by the most inspiring quote writers is here on BitesApp, you can become part of this millions of author community by writing your quotes here and reaching to the millions of the users across the world.

New bites

તું હું ને વરસતો વરસાદ...

ન છૂટે આ પળ એક તું હું ને વરસતો વરસાદ,
એક છત્રીમાં બે જણ તું હું ને વરસતો વરસાદ..

મહેંકી ઊઠી ધરા ને ભીની ભીની ખુશ્બુ
સપનાના આભલે એક તું હું ને વરસતો વરસાદ..

બોલકી આંખો ને મૌન અહેસાસ વીજળી કહુ,
કે સ્પંદનો! બન્નેનો એક રાગ તું હું ને વરસતો વરસાદ...

ધીમી ધારે અનરાધાર રોમ રોમ ભીંજાય,
મંજિલ બને ભૂલભૂલૈયા એક છત્રી તું હું ને વરસાદ...

ને ઓચિંતી વીજળી ચમકે આલિંગન થઈ જાય,
પછી રહી જઈએ આપણે બે ને આ વરસતો વરસાદ...

Dmeeti

jari

तुमसे बात न हो तो दिन अधूरा लगता है,
जैसे दिल कुछ खो गया हो…
तुम क्या जानो मोहब्बत किसे कहते हैं,
बस एक तुम्हारी मुस्कान पर ये दिल सौ बार रोया है…
😢❤️

Good night friends

inkimagination

sorry ek gater nu dhaknu 6e
tene kholi ne padi nathi javatu

heena.:-),😂
sorry(બસ આવડી ગયું છે બોલતા સોરી)

heenagopiyani.493689

Event Ambassador

piyushgoel6666

मैं और तुम ❤️❤️

मैं समुंदर, तुम किनारा बन जाओ,
मैं रहूँ बेचैन, तुम सहारा बन जाओ।

मैं हूँ खामोशियों की गहराइयों में,
तुम मेरी बातों का इशारा बन जाओ।

मैं जो बिखर जाऊँ कभी राहों में,
तुम मेरी तक़दीर का सितारा बन जाओ।

मैं और तुम यूँ मिलें एक दुआ की तरह,
मैं कहानी बनूँ, तुम इशारा बन जाओ।

मैं जागू रात भर, तुम चांदनी बन जाओ,
मैं तुम्हारी तकदीर बनू, तुम मेरा साया बन जाओ।

akshaytiwari128491

ટમટમ તારલીયા....
ટમ ટમતા તારલા આજ ખોજમાં નિકળા છે,
અજવાસ પોતાનો પોતીકો કરવા નીકળા છે,

ટચુકડો અંધકાર એ હડસેલવા નીકળા છે,
આખુંય આકાશ એ દપોમય કરવા નીકળી છે,

ચાંદની નો સથવારો લઈ ખોજવા નીકળા છે,
ચકોર જેવી કરે કોઈ પ્રિત ની રાહમાં નીકળા છે,

આ નાના તારલીયાઓ એ આંખમાં ખિલ્યા છે,
જેણે ઈશ્ દ્રષ્ટિકોણ આ ટમટમ તારલા ખોલ્યા છે
-- હિના રામકબીર હરીયાણી

heenahariyani19gmail.com163609

धरती का महान् योद्धा पृथ्वीराज चौहान।
https://www.matrubharti.com/book/19946362/prithviraj-chauhan-the-great-warrior-of-the-earth

Praveen kumrawat प्रोफ़ाइल लिंक — https://www.matrubharti.com/praveenkumrawat012852

bapparawal418006

બધો નજરનો ફરક છે,રાવણની નજર હોય તો રામ પણ ખોટા લાગે છે..

દરેકના મનમાં પસંદગીનો એક આંક હોય છે..
ગમે કે ન પણ ગમે.. તેમાં નજરનો ક્યાં કોઈ વાંક હોય છે ?

dipika9474

चाय और तुम... रोज़ की तरह आज भी याद आए।
पानी जैसे उबलता है, वैसे ही दिल धड़क उठा।
एक चुप सी होती है चाय में, बिल्कुल तुम्हारी तरह।


तुम पास नहीं होते, फिर भी कप दो बनते हैं।
एक मैं पीता हूँ...
और एक में तुम्हारी मुस्कान घोल देता हूँ।


बारिश की बूँदें गिरती हैं,
और तुम्हारी आवाज़ की गूँज सुनाई देती है।


चाय की वाफ़ में अक्सर एक चेहरा उभरता है—
वही जो अब सिर्फ ख़्वाबों में आता है।

fazalesaf2973

An article : Yoga - the Science and Art of Human Life : Part - IV - Dharana, Dhyana and Samadhi, by Vanita Thakkar on HubPages ….
With sincere thanks to my ever-valued readers / audience, who gave encouraging and appreciative feedback to my previous three articles on Yoga, here is the fourth and last one in the series …. 🙏🏻🙏🏻

https://discover.hubpages.com/religion-philosophy/yoga-the-science-and-art-of-human-life-part-iv-dharana-dhyana-and-samadhi

vanitathakkar

Do you know that this world runs naturally, and it is run by an energy called vyavasthit?

Read more on: https://dbf.adalaj.org/qHg2VuFc

#doyouknow #Facts #World #DadaBhagwanFoundation #spirituality

dadabhagwan1150

“फोकटिया” कोई नाम नहीं, एक दर्द की पहचान है।
जिसे दुनिया ने कभी समझा ही नहीं, उसी ने पूरी दुनिया को समझने की ठान ली।

वो न भाग्य से लड़ा, न भगवान से—पर हालात से कभी हार नहीं मानी।
हर तमाचा, एक सीख बन गया, और हर ठोकर, एक नई राह।

जिसे सबने फालतू कहा, वही अपने जज़्बातों की कीमत खुद चुकाता गया।
कभी मां के आँचल में सुकून ढूंढा, तो कभी भूखे पेट सपने बोए।

“फोकटिया” की यही तो पहचान है—जो किसी के लिए कुछ नहीं, वो खुद के लिए सब कुछ बन जाए।

वो हर वो चीज़ जानता है जो किताबों में नहीं मिलती—
जैसे भूख का स्वाद, अकेलेपन की चीख, और भीड़ में गुम हो जाने का एहसास।

जब रिश्तों ने साथ छोड़ा, तो उसने खुद से रिश्ता बना लिया।
टूटकर भी मुस्कराना सीखा, और गिरकर भी खड़ा होना नहीं छोड़ा।

दुनिया ने उसके होने को मज़ाक समझा, पर उसने अपनी खामोशी को आग बना दिया।

ना उसे दिखावे की ज़रूरत थी, ना सहानुभूति की भूख—
वो तो बस चाहता था एक मौका, खुद को साबित करने का।

फोकट में जन्मा था, पर जिंदगी भर हर चीज़ की कीमत चुकाई है।
कभी सपनों से, कभी अपनों से, और कभी अपनी ही सच्चाई से।

हर insult ने उसे और मजबूत बनाया, हर rejection ने उसे खुद के और करीब किया।

वो आज भी मुस्कराता है, क्योंकि उसे रोना नहीं आता—
और शायद इसीलिए, लोग उसे “फोकटिया” कहते हैं।

“फोकटिया” वो है जो ज़माने से कुछ नहीं चाहता, सिवाय इस बात के कि कोई उसे समझे।
और जब कोई नहीं समझा, तो उसने अपनी कहानी खुद लिख दी।

***

यह किताब सिर्फ शब्दों का संग्रह नहीं है, ये एक जिद की दास्तान है।
हर पन्ना, हर लाइन, एक अनकही चीख है—जो कहती है:
“मैं फोकटिया नहीं हूँ… मैं बस थोड़ा अलग हूँ।”

dhirendra342gmailcom

"अगर सब कुछ पहले से लिखा हुआ है, और वही होगा जो समय चाहेगा –
तो फिर सोचने और मेहनत करने का क्या फ़ायदा?"

✔️ सही बात है।
लेकिन ज़रा एक बार इस तरह से सोचिए:

🔥 1. मेहनत आपको बदलती है, दुनिया को नहीं तो भी खुद को ज़रूर।

नतीजा चाहे जो भी हो,
आपका सफर, आपकी सीख, आपकी हिम्मत — सब कुछ आपको नया बनाता है।

जैसे:

अगर एक बीज ज़मीन में बोया जाए, और वो पेड़ न भी बन पाए,
तब भी वो ज़मीन को कुछ न कुछ दे ही जाता है — जैसे मिट्टी की नमी, गुणवत्ता, और एक कहानी।

🌱 2. आप नतीजे के लिए नहीं, अपने अस्तित्व के लिए मेहनत करते हो।

कर्म योग कहता है:

"कर्म करो, फल की चिंता मत करो।"
यानी मेहनत करो क्योंकि वही तुम्हारा धर्म है,
फल मिलेगा या नहीं — वो भाग्य का खेल है।

🔁 3. नतीजा वही हो सकता है, लेकिन उस तक पहुँचने का रास्ता आपके हाथ में होता है।

अगर आप बिना मेहनत के वही नतीजा पा भी लो,
तो वो आपको अंदर से मज़बूत नहीं बनाता।

लेकिन जब आप मेहनत से उस नतीजे तक पहुँचते हो,
तो आपके पास आत्मविश्वास होता है, अनुभव होता है और अपनी एक कहानी होती है।

📚 एक छोटी सी कहानी:

एक बार एक छात्र ने गुरुजी से पूछा:

"गुरुजी, अगर सब कुछ भाग्य में लिखा है, तो पढ़ाई क्यों करें?"

गुरुजी मुस्कराए और बोले:

"बेटा, ये भी लिखा है कि अगर पढ़ोगे, तभी पास हो पाओगे "

🧭 अंत में:

"सोचना और मेहनत करना कभी मत छोड़ो,
क्योंकि अगर तुम रुक गए —
तो शायद समय भी तुम्हारे लिए रुक जाएगा।"

baldevthakor536914

"वो सपने… जो हमने कभी सोचे ही नहीं"

कुछ सपने... अजीब होते हैं।
ना उनका चेहरा जाना-पहचाना होता है,
ना वो कहानी जो हमने कभी जानी हो।"

"हमने न कभी वैसा सोचा,
न कभी महसूस किया —
फिर भी वो आते हैं...
चुपचाप… अचानक… बिना दस्तक दिए।"

"तो सवाल उठता है —
ये सपने आते कहाँ से हैं?"

"शायद ये हमारे दिमाग की कोई छुपी हुई गली से आते हैं,
जहाँ बचपन की कोई भूली तस्वीर पड़ी हो।
या फिर किसी और जीवन की कहानी…
जो हमने कभी जिया ही नहीं।"

"शायद... ये कल्पना और यादों का मिलाजुला रंग है।
या फिर कुदरत का कोई गुप्त संदेश,
जो बस हमारे सो जाने पर सुनाई देता है।"

"हर सपना कुछ कहता है —
चाहे वो जाना-पहचाना हो…
या बिलकुल अनजान।
उसमें कोई न कोई हिस्सा तुम्हारा ही होता है,
जिसे तुम अब तक पहचान नहीं पाए।"


"तो जब अगली बार कोई अजीब सपना आए —
डरना मत...
शायद वो तुम्हारा नहीं,
पर तुम्हारे अंदर का ही एक हिस्सा हो!"

_बी.डी.ठाकोर.

baldevthakor536914

"मैं कुछ ऐसा जानता हूँ...
जो शायद कोई नहीं जानता।"

"ना किताबों में लिखा है,
ना किसी पुराने पन्ने पर धूल चढ़ा है..."

"वो न कोई सपना था, न हकीकत की रेखा...
बस एक पल था…
जो मेरे अंदर बीत गया,
बिना किसी आवाज़ के..."

"मैं जानता हूँ उन सन्नाटों की जुबान,
जिन्हें कोई सुन नहीं सकता।
मैंने देखा है रंग अंधेरों में,
जहाँ रोशनी भी थककर रुक जाती है।"

"मेरे पास एक ऐसा सच है,
जो किसी सवाल का जवाब नहीं,
बल्कि खुद एक सवाल है…
जिसे पूछने की हिम्मत सबके पास नहीं।"

"मैं कुछ ऐसा जानता हूँ…
जो मेरी आंखों में तो तैरता है,
पर जुबान तक आते ही रुक जाता है।
क्योंकि हर सच…
कहा नहीं जाता।"

"मैं कुछ ऐसा जानता हूँ...
और शायद अब
उस सच को कविता बनाना ही ठीक होगा।"

"क्योंकि कभी-कभी,
एक अधूरी बात...
सबसे पूरी होती है।"

_बी.डी.ठाकोर.

baldevthakor536914

“कभी-कभी कोई रुकता नहीं… बस ठहर जाता है दिल में।”

कर्निका ने ट्रेन का टिकट हाथ में लिया और प्लेटफॉर्म की ओर देखा।
ट्रेन आने वाली थी। और वो जाने वाली।
या शायद — कुछ छोड़कर, खुद को फिर से चुनने वाली।

पिछली रात की बातें अब भी मन में गूंज रही थीं —
“अगर जाना ज़रूरी है, तो मत रुकना।
लेकिन अगर रुकना चाहो… तो सिर्फ़ इस मौसम के लिए मत रुकना।”

उसने रुकने का कारण चुन लिया था —
रिश्ता… जो नाम से परे था।
एहसास… जो शब्दों से नहीं, मौन से जुड़ा था।

कई बार किसी शहर की गर्मियाँ,
किसी दिल के अंदर ठंडी हवा बनकर उतर जाती हैं।

“मैंने खुद को चुना है,” कर्निका ने कहा था।
“और जो लोग मुझे मेरी सच्चाई में अपनाते हैं, वही मेरे हैं।”

काठगोदाम की गर्मियाँ सिर्फ़ एक प्रेम कहानी नहीं है —
ये उन रुक गए पलों की कहानी है जो कभी गुज़रे ही नहीं।
उन रौशनी की लकीरों की कहानी है जो भीमताल की खामोशी में चमकती हैं।
और उन लोगों की कहानी है — जो लौटते नहीं, पर हमेशा दिल में रह जाते हैं।

📚 अब पढ़िए वो कहानी जो अधूरी रहकर भी पूरी है।
#KathgodamKiGarmiyaan – एक सच्चे एहसास की यात्रा।

🔗 लिंक बायो में | Available now on Matrubharti & Amazon

#HindiNovel #LoveStory #EmotionalRead #BookstagramIndia #IndianAuthor #DhirendraSinghBisht #NewBookAlert #OneSidedLove #KumaonDiaries

dhirendra342gmailcom

🎉 Milestone Unlocked!
Achieved the Champ – Bronze badge for 50 direct book sales!
If you haven’t read my book yet, this is your sign!

📖 Grab your copy now:https://amzn.in/d/ijuNPro

Thank you for the love & support 🙏
#Phokatiya #BookMilestone #NowAvailable #SupportAuthor #DhirendraSinghBisht

dhirendra342gmailcom

📚 एक लेखक का सफ़र — शब्दों से आत्मा तक
मुझे ये बताते हुए बेहद गर्व और आनंद हो रहा है कि मेरी अब तक की पाँच किताबें आप सभी पाठकों के साथ साझा करने का अवसर मिला। हर किताब एक एहसास है, एक सफर है — खुद से, समाज से और रिश्तों से।

1️⃣ अग्निपथ – हर मोड़ एक कहानी
एक प्रेरणादायक कथा-संग्रह जो ज़िंदगी के हर मोड़ पर आने वाली चुनौतियों, फैसलों और हिम्मत की कहानियाँ समेटे हुए है।

2️⃣ मन की हार, ज़िंदगी की जीत – एक सफर खुद से खुद तक
ये किताब आत्म-साक्षात्कार और मानसिक संघर्ष की यात्रा है — जब बाहर सब हार जाए तो अंदर से जीतना कैसे सीखें।

3️⃣ काठगोदाम की गर्मियाँ – जब शहर की लड़की पहाड़ों से टकराई
यह एक युवा लड़की की कहानी है, जो पहाड़ों की सादगी में खुद को खोजती है। दोस्ती, मोहब्बत और खुद से जुड़ने की एक खूबसूरत ग्रीष्म ऋतु।

4️⃣ बर्फ के पीछे कोई था – जब कहानी चुप होती है, तो पहाड़ बोलते हैं
खामोशी में छिपी एक दर्दभरी दास्तान, जहाँ हर पंक्ति एक न बोले गए जज़्बात को ज़ुबान देती है।

5️⃣ फोकटिया – एकतरफा रिश्तों की सच्ची कहानी
सबसे हालिया और सबसे दिल को छूने वाली कहानी। ये उन रिश्तों के लिए आवाज़ है जो सिर्फ नाम के होते हैं, जहाँ आप हर बार देते हैं, और बदले में खुद को खोते जाते हैं।

🎉 हाल ही में मुझे @notion.press द्वारा Champ – Bronze Author का सम्मान मिला है — 50 से अधिक पुस्तकों की डायरेक्ट बिक्री के लिए। ये सम्मान आपके विश्वास और प्यार की वजह से ही संभव हो पाया।

📖 अगर आपने अब तक इनमें से कोई किताब नहीं पढ़ी — तो आज से बेहतर दिन कोई नहीं।

📦 Grab your copy now on Amazon, Flipkart & Notion Press.

#DhirendraSinghBisht #AuthorJourney #Phokatiya #NowAvailable #HindiFiction #IndianAuthor #BookMilestone #ReadersLove #BookstagramHindi #SelfRespect #EmotionalReads

dhirendra342gmailcom

📖 “कुछ रिश्ते निभाने में नहीं, छोड़ देने में भलाई होती है…”
क्योंकि जब देना आदत बन जाए और लेना लोगों का हक़ —
तो वहाँ दोस्ती नहीं, इस्तेमाल होता है।

“फोकटिया” सिर्फ एक नाम नहीं,
वो हर उस इंसान की कहानी है जिसने रिश्तों में खुद को खो दिया,
और फिर खुद को वापस पाने की हिम्मत की।

अगर आपने कभी किसी को इतना चाहा कि खुद को भुला बैठे —
तो ये किताब आपके लिए है।

📘 अब उपलब्ध है @amazon @flipkart @notionpress पर।

#Phokatiya – जब ‘ना’ कहना खुद से प्यार करने की पहली निशानी बन जाए।

#फोकटिया #DhirendraSinghBisht #HindiFiction #EmotionalRead #OneSidedFriendship #SelfRespect #NowAvailable #BookLovers #BookstagramHindi

dhirendra342gmailcom

బ్యూటిఫుల్ టీనేజ్ లవ్ స్టోరీ 💖 పూర్తి కథ కోసం నా ప్రొఫైల్ చూడండి...💖

vasireddyvarna104414

लोग क्या सोचेंगे?
https://www.matrubharti.com/book/19937296/what-would-people-think

Praveen kumrawat प्रोफ़ाइल लिंक — https://www.matrubharti.com/praveenkumrawat012852

bapparawal418006

📘 “बर्फ के पीछे कोई था?”
कुछ कहानियाँ अधूरी नहीं होती, बस वो पूरी होकर भी चुप रहती हैं…

क्या आपने कभी किसी को इतने पास महसूस किया है कि उसकी गैरमौजूदगी भी आपके साथ चलती रही हो?

“बर्फ के पीछे कोई था?” एक ऐसी ही कहानी है — एक अधूरी चाहत, एक बिन बोले रिश्ता और वो खामोशी, जो बर्फ से भी ठंडी थी। यह सिर्फ प्रेम कथा नहीं है, यह उन अनकहे जज़्बातों की परतों को खोलती है जिन्हें हम महसूस तो करते हैं, पर ज़ुबां नहीं दे पाते।

“कुछ लोग कभी अलविदा नहीं कहते…
वो बिछड़ते नहीं, बस चुपचाप हमारी साँसों में उतर जाते हैं।”

यह किताब उन पाठकों के लिए है जो भावनाओं को पढ़ना जानते हैं, जो उन पन्नों के बीच छुपी कहानियों को महसूस कर सकते हैं — और जो जानते हैं कि कभी-कभी सबसे गहरी बातें सबसे शांत शब्दों में कही जाती हैं।

कहानी पहाड़ों में है, लेकिन उसका दर्द आपके दिल में महसूस होगा।
हर मोड़ पर एक सवाल, हर पृष्ठ पर एक खामोशी — और अंत में,
एक ऐसा एहसास, जो देर तक आपके भीतर ठहर जाएगा।

“बर्फ के पीछे कोई था?” उन्हें समर्पित है जो किसी को खोकर भी उसे अपने भीतर जीवित रखते हैं।

📖 अगर आप उन किताबों से प्यार करते हैं जो सिर्फ कहानी नहीं, एहसास बन जाएं — तो यह आपके लिए है।

📚 अब उपलब्ध है @amazon @flipkart और @notionpress पर।
Grab your copy today and let the silence speak to your soul.

#BarfKePeecheKoiTha #EmotionalRead #HindiLiterature #BookstagramHindi #DhirendraSinghBisht #NowAvailable #BookLovers #IndianAuthors #HeartTouchingStory #MountainLove #SoulfulRead

dhirendra342gmailcom

https://www.matrubharti.com/book/19976034/angels-of-spring
મારી નવી સ્ટોરી ફરિસ્તો વસંતનો

pinkypadhiyar206609

बड़े "खूबसूरत"

होते है वोह लोग,



जो वक्त पर

"वक़्त" देते है ॥

dkrajani710