Most popular trending quotes in Hindi, Gujarati , English

World's trending and most popular quotes by the most inspiring quote writers is here on BitesApp, you can become part of this millions of author community by writing your quotes here and reaching to the millions of the users across the world.

New bites

The Elusive Enigma: Exploring the Concept of Thought and the Influence of Indian Philosophy

The human mind, a complex and intricate labyrinth, houses the fascinating phenomenon of thought. Defining thought, however, is no easy feat. It encompasses the fleeting ideas that flit across our consciousness, the deliberate reasoning that guides our actions, and the intricate web of mental processes that shape our understanding of the world. Philosophers and scientists have grappled with this elusive concept for centuries, yet a universally accepted definition remains elusive.

रोज सुबह उठता जब हूॅं बखूब देख्या सब्जबाग

अखबारी नेताजी फोटोरी सजगई शादीस समचार

मुफ्तखोरी वादे है रेलपेल लो यूरोज टंच व्यापार

हमका गाफिल ट्रक पिछे बाती गुम यूपैदल चाल

’’’’’

जाति जनगणना होली रंग देख देख हरसाउ

मोहब्बत जंग बीफ दुकान, बारोमास क्याखाउ

सोगध सत्ता चरम सुख कुनबा मॉ बहन भाउ

गाफिल जनता लोटानेता, किन छोडू बिसराउ

’’’’’

साहिब मसखरा जानले और रोज उपजे नवचार

मोबाइल मोहब्बत सेट या बुढा जवान दा बाजार

बिचारा मिलावटी, सातजतन से देखन में हुसियार

दूध घी खान पान जहर सु गांव शहर बसा संसार

’’’’’

jugalkishoresharma

માંગ માંગ કેમ કરે તું, ઈચ્છા તારી તો ઘણીરે,
પ્રકૃતિ મન બન‌ તું, છે ઘણું એ જ બધું તારુરે...

મનોજ નાવડીયા

manojnavadiya7402

जब तक जीवित हों हाल पूछा करो एक दूसरे का,,,
वरना फिर मरने पर बिलखने का क्या फ़ायदा .....
AP.....

ankitarajpoot317gmail.com3264

umeshdonga

सुविचार 🌻

dilipyadav.999174

#Ganga

કૃપા પણ હોયછે નદી જળ ગંગા,
પાપ કરે નાશ પવિત બનાવે પંગા.

manjibhaibavaliya.230977

#Ganga
निर्भर सा ही
पवित्र बनकर
बहता रहे।

हाईकु

manjibhaibavaliya.230977

#Ganga

वही तो गंगा है ,
अनेको मलीनताको,
समाकर ,
पवित्र बन बहती है।

manjibhaibavaliya.230977

#Ganga
राम नाम की गंगा बहे,
इसमें कोई-कोई नहाए ।

गंगा नहाने श्री गणपति जी आए,
ऋद्धि-सिद्धि को साथ में लाए;
ऋद्धि-सिद्धि नहाए डुबकी मार के,
साथ में श्री गणपति जी भी नहाए ॥

राम नाम की गंगा बहे,
इसमें कोई-कोई नहाए ।

गंगा नहाने श्री ब्रह्मा जी आए,
ब्रह्माणी को साथ में लाए;
ब्रह्माणी नहाए डुबकी मार-मार के,
साथ में श्री ब्रह्मा जी भी नहाए ॥

राम नाम की गंगा बहे,
इसमें कोई-कोई नहाए ।

गंगा नहाने श्री कृष्ण जी आए,
रुक्मिणी,राधे को साथ में लाए;
रुक्मिणी,राधे नहाए डुबकी मार-मार के,
साथ में श्री कृष्ण जी भी नहाए ।

राम नाम की गंगा बहे,
इसमें कोई-कोई नहाए ।

गंगा नहाने श्री राम जी आए,
सीता जी को साथ में लाए;
सीता जी नहाए डुबकी मार-मार के ,
साथ में श्री राम जी नहाए ॥

राम नाम की गंगा बहे,
इसमें कोई-कोई नहाए ।

गंगा नहाने गुरुवर जी आए,
भक्तों को भी साथ में लाए;
भक्त नहाए डुबकी मार-मार के,
साथ में गुरुवर भी नहाए ॥

राम नाम की गंगा बहे,
इसमें कोई-कोई नहाए ।
आशा सारस्वत 💐

ashasaraswat1535

अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश समेत भारत के कई क्षेत्रों में हुई बेमौसम बरसात, आंधी-तूफ़ान और ओलावृष्टि ने किसानों की फसलें चौपट कर दीं| कई क्षेत्रों से ऐसी तस्वीरें आयीं जहाँ गेहूं की खड़ी फसल इस मौसमी प्रकोप की शिकार होकर गिर गयी, बरबाद हो गयी| हालांकि सरकार ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए पीड़ित किसानों के लिए मुआवजा घोषित कर दिया, किन्तु क्या ये पर्याप्त है? क्या सरकार इसे एक दैवीय आपदा मानकर पीड़ितों को मुआवजा देकर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो सकती है?

ध्यान दें कि पिछले कुछ वर्षों से मौसम ने अप्रत्याशित तौर पर बदलना शुरू कर दिया है, जिसका सीधा असर हमारे देश के अन्नदाता पर पड़ रहा है| किसान बहुत मेहनत से अपने खेत में फसल उगाता है फिर अचानक एक दिन मौसमी हमला होता है और उसकी फ़सल बरबाद हो जाती है, सरकार कुछ धनराशी मुआवज़े का देकर अपनी जिम्मेदारी से खुद को मुक्त मान लेती है| लेकिन किसान के वर्षभर के लिए संजोये गए सपने उस मुआवज़े से किसी प्रकार जीवन जीने के संघर्ष में परिवर्तित हो जाते हैं|

हमें समझना होगा कि हजारों वर्षों से हमारे देश का कृषि विज्ञान प्रकृति के साथ संतुलन पर आधारित है| हमारे मनीषियों ने ऋतु-चक्र पर आधारित फ़सल-चक्र का निर्धारण किया था| किस क्षेत्र में कब और कितनी बरसात होती है, किस क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी कैसी है उसी हिसाब से कहाँ कौन सी फसल कब उगाना श्रेष्ठ होगा ये निर्धारित किया गया|

आज भी हम फ़सल के जिस रबी और खरीफ के मौसम के आधार पर कृषि कार्य करते हैं वो मूलतः हमारे पुरातन ऋतु-चक्र पर आधारित फ़सल-चक्र का ही रूप है| किन्तु अब जिस प्रकार ऋतु-चक्र तेज़ी से परिवर्तित हो रहा है, हमें जल्द ही आवश्यकतानुसार उचित शोध करके अपने फ़सल-चक्र को बदलते ऋतु-चक्र के अनुसार परिवर्तित करना होगा|

अच्छा होगा कि सभी राज्य सरकारें अपने-अपने राज्य में बदलते ऋतु-चक्र के कृषि पर पड़ने वाले प्रभाव का विस्तृत शोध करवाएं और उसी के अनुसार अपने क्षेत्र के किसानों को जागरूक करें एवं उनका मार्गदर्शन करें|

जय किसान!

जय हिन्द!

arjitmishra5675

રાહ જોઉં છું તારા ફોનની,
રોજ સવારે એક ખાલીપો અનુભવું છું,
તારાં ફોનની રાહમાં.

રોજ વિચારું છું આજે આવશે તારો ફોન,
અને ખુશ થઈ જાઉં છું,
તારાં ફોનની રાહમાં.

થાય છે કે હું નહીં કરું તો તું કરશે,
એમ થાય છે,
તારાં ફોનની રાહમાં.

પણ, તે તો ફોન કરવો જ બંધ કરી દીધો,
વિચારું છું કેમ કર્યું તે આવું,
તારાં ફોનની રાહમાં.

પછી યાદ આવ્યું, મેં જ તો કહ્યું હતું,
મને ફોન કરવો નહીં,
તારાં ફોનની રાહમાં.

થયું હું તો ગમેતેમ બોલી નાખું છું ગુસ્સામાં,
પણ તને પણ એ વિચાર ના આવ્યો,
તારાં ફોનની રાહમાં.

કોશિશ તો કર મને ફોન કરવાની,
જવાબ ના મળે તો કહેજે,
તારાં ફોનની રાહમાં.

અશ્રુનો બંધ બાંધ્યો છે,
એ બંધને તોડી તો જા,
તારાં ફોનની રાહમાં.

બસ એકવાર ફોન કરીને,
કેમ છે? એતો પૂછી જા,
તારાં ફોનની રાહમાં.

જુઠું હસતાં અને જીવતાં શીખી લીધું છે,
બસ એકવાર સાચું રડાવી તો જા,
તારાં ફોનની રાહમાં.

રાહ જોઉં છું તારાં ફોનની,
એકવાર ફોન કરી તો જો...

-વૈશાલી પરમાર

vaishu1412

मैं चाहता हूं कि

मैं चाहता हूं कि
मैं हर वो बात तुमसे करुँ
जो मैं खुद को या तुम्हें लेकर
खुद से करता हूं।

अपनी और तुम्हारी ही क्यों
मैं तो हर वो बात
जिसका सम्बंध तुमसे है , मुझसे है ,
मेरी और तुम्हारी हर दिन की दिनचर्या से है
उन लोगों से है ,उन चीजों से है
जो मेरी और तुम्हारी जिन्दगी में हर दिन आते है
या उन घटनाओं से है ,जो मेरे और तुम्हारे साथ हर दिन घटित होती हैं ,

जो तुम्हें खुशी देती हैं , परेशान करती हैं ,
या फिर मुझे भी अशांत करती हैं , सुकून देती हैं ,
किसी दिन की उपस्थिति को सार्थक बनाती हैं ,
या उसे किसी दुरूह स्वप्न सा निरर्थक सिद्ध करती हैं ।

वे सारी बातें मैं तुम्हारे पास बैठकर तुमसे करुँ ।
तुम उन्हें अपनी पूरी तन्मयता से मन लगाकर सुनो

कभी खुश होकर अपनी मधुर मुस्कान समेत मेरी ओर देखो
तो कभी दिलासा देने वाली भंगिमा के साथ मेरे स्पंदन का जीवन्त हिस्सा बनो ।
ये सब कुछ मेरे साथ हो
मेरे और तुम्हारे सामने हो
तुम्हें इसमें खुशी मिले ,
कभी कभी तुम चिंता भी जताओ
और तुम्हारी उस खुशी या चिंता पर
मैं इस तरह से इतराउँ
जैसे मुझे मेरे इस जीवन का
वास्तविक अर्थ मिल गया हो ,
या मैंने अपना उद्देश्य पा लिया हो ।

पर जिन्दगी के प्रश्न इतने सरल होते
कि उनके उत्तर हमारी इच्छा के अनुकूल प्रकट हो जाते !
तो मैं यह इच्छा करता ही क्यों ?

फिर भी मैं चाहता हूं कि
मैं अपनी और तुम्हारी हर बात ,तुमसे ही करुँ,
और तुम उसे सुनो ।

……………… सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा , साहिबाबाद।

surendrakarora1951gm

એક સાંજ દરિયા કિનારા ની
દરીયા કિનારે સવાર અને સાંજ નો નઝારો અલગ જ હોય છે સવારની તાજગી થી ભરેલી હોયછે અને સાંજ થકાન થી ભરેલી પણ એ થકાન દરિયા કિનારે આવતા જ દુર થઈ જાય છે સાંજ નો નઝારો હુ રોજ જોવ છુ આજે એ સુંદર દૃશ્ય જોઇ કંઇક લખવાનુ મન થયુ
દરિયા કિનારા ની સાંજ મા ડુબતા સૂર્ય ને મન ભરી ને જોવાનુ નાના ભૂલકાઓ ની મસ્તી બુઢાપા નો થોડો વિસામો પ્રેમીઓ સાથે બેસી ને ડુબતા સૂર્ય ને નિહાળતા પોતાના પ્રેમ ની અનુભુતી નો અહેસાસ કોઈ ના એકાંત મા ડુબતા સૂર્ય નો સાથે એ એકલતા ને વહેચવુ સાંજ ની એ સુનેહરી યાદો સાથે એ સુનેહરી સાંજ ને નાના મોટા સૌ ને આનંદ આપે છે

purohitasmita2gmail.com082936

navyajaiswal6866

Share

rakeshsolanki1054

🤣🤣🤣🤣🤣

jighnasasolanki210025