Quotes by Manjibhai Bavaliya મનરવ in Bitesapp read free

Manjibhai Bavaliya મનરવ

Manjibhai Bavaliya મનરવ Matrubharti Verified

@manjibhaibavaliya.230977
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शीव कल्याणमय और विष को पसाने वाले और जल्दरिजने वाले भोलेनाथ दयालु कृपा निधान प्रभु का सदा ध्यान धरना
- Manjibhai Bavaliya મનરવ

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संक्रात

नभ उडे पतंग मन भर निजानंद में,
रहते जोर साथ अपने अनोखे अंदाज में।

बहती हवाएं सर्द के संगाथ में,
आकृति का ए पगरव खुला अंदाज में।

कलरवता अपनी उडती उडानमें
खीलरही एक सवार अनोखे अंदाज में।

त्योहार आया संक्रात का सजाये,
अपना उमंग जुम रहा सीमा संजाज में।

चगीी पतंग रंग बेरंग नभ में,
मस्ती गीत में जुमते जने शीत फजाज में।

मनजीभाई कालुभाई मनरव
मु बरोला गुजरात

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नुतन वर्षाभिनंदन

- Manjibhai Bavaliya મનરવ

ક્યારેક એવું પણ બને છે વિતેલી યાદોને લયને લોકો પોતાને જ ખદેડી રહેવા લાગે ધરોહર ના રુપે

प्रेम कभी सर्व व्यापक बन जाता है,
जाहेर होती संवेदना तो लूट जाता है।
वह तो एकहीं स्थान का निछोड होता,
कभी मन के भाव बाहर बन जाता है।
मनजीमनरव

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जीतना लिखता उतना पतन होता,
जीवन मे भी एसा हीं व्यतिीं होता ।
मुर्खोका वही मजा अज्ञानता से।
तो भी अपने कर्म मे व्यस्त होता।
मनजीभाई कालुभाई मनरव

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પ્રેમ છે પ્રેમ છે એમ કહે છે સહુ,
એતો એમનોભ્રમ છે એ કોને કહુ્.

આમતો નામનું જાણે વૃક્ષ હોય ,
નવા પર્ણની એ જ કુંપળ માં વહુ.

આમતો હોય આશાઓના શમણા,
રાહે રાહે ખરતા રહે છે પર્ણ બહુ.

કોઈ કવિતાના મોહમાં અજાણતા જ,
આમ પણ મુક વિરહી યાદો માં રહું.

મૌલિક કાવ્યરચના સ્વરચિત
મનજીભાઈ કાળુભાઈ મનરવ
બોરલા તા તળાજા

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અંતરને પુછ્યું સુવાસ કેમ વહે છે ,
ઉકળીને નિસોવાયા એમ વહે છે .

એટલેજ સંસારના સાર સમજવા,
કોઈ તો એ સુવાસ ની જેમ વહે છે.

અંતરથી જલતા દિવે અંજવાશવાનુ,
એજ અંજવાશ મા તો કોઈ વહે છે.

પંડ્યા રહ્યા એમ સુનમુન કોઈ સાથી,
ફુટતી ફોરમ એમની એમ જ વહે છે.

કાવ્ય વાણી

મનજીભાઈ કાળુભાઈ મનરવ
બોરલા

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बित गया वर्षतो क्या पाया,
नया पर्वो का त्यौहार आया।

धंनवंतरि जयंती निरोगी काया,
करता पुजन अर्चन सुख पाया।

धनतेरस धन की पुजा किया।
सुख संपत धन बढे पिया।

लक्ष्मि ,गनेश गुन गान गाया।
होता मंगल शुभ फल पाया।

धन तेरह ,काली चौदश दिखाया।
जलाते दिप सुन्दर साज सजाया।

दीपावली मनाते सब जन जाया,
नुतन वर्ष की शुभ भावना भाया।

भाई दुज की महता स्नेह लाया।
मंगल इच्छति बहना गुन गाया।

मनरव बहाते संस्कृति चला आया।
परंपरा को जन मत पर्व आया।

मनजीभाई कालुभाई मनरव
आये दिन पर्वोकी आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं आप का अच्छा होता रहे, एसी मंगल कामनाएं

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