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Asha Saraswat

Asha Saraswat Matrubharti Verified

@ashasaraswat1535
(531)

कहाँ ख़त्म होती हैं बातें…
वक़्त ही कम पड़ जाता है ,
कुछ लोगों से सब कह लेने से
मन हल्का हो जाता है ;
भूल जाते हैं हम अपनी परेशानियाँ,
दिल को सुकून मिल जाता है ।
कुछ लोगों के साथ होने से ,
ज़िंदगी का सफर आसान हो जाता है ।।
- Asha Saraswat

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परवाह क्यों करूँ कि
कोई क्या कहता है ,
मेरी परिस्थिति मुझे पता है
लोगों को नहीं …
- Asha Saraswat

-जीवन का अनमोल जन-

बस मॉं नहीं जानी चाहिए साहब
क्योंकि मॉं के छोड़ जाने से
जवानी के शौक और बचपन
की नादानियाँ सब चली जाती हैं…
- Asha Saraswat

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सवाल ज़हर का नहीं था,
वह तो मैं पी गई ।
तकलीफ़ लोगों को तब हुई,
जब मैं जी गई….
- Asha Saraswat

*दूसरों की सुनोंगे तो*
*मुझे बुरा ही पाओगे,*

*अगर खुद मुझसे मिलोगे तो*
*वादा रहा,मुस्कराकर ही जाओगे।*
- Asha Saraswat

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अपने ही पहुँचाते हैं
बात ग़ैरों तक
फिर कहते हैं कि
दीवारों के भी कान
होते हैं

कैसे पहुँच गए राज ग़ैरों तक
मशवरे तो हमने अपनों से किये थे..

दो अक्षर की “मौत”
तीन अक्षर का “जीवन”
में
ढाई अक्षर का “दोस्त”
बाज़ी मार जाता है

#Ganga

पाप शरीर नहीं विचार करते हैं ,
गंगा विचार नहीं शरीर को धोती है …