*दोहा-सृजन हेतु शब्द--*
*उद्योग,पहचान,अथाह,हेलमेल,उजियार,सद्भावना*
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1 उद्योग
मानव-मन उद्योग कर, नया रचे संसार। सुख-समृद्धी देश में, फैलाए उजियार।।
2 पहचान
भारत की किस्मत जगी, देख सभी हैरान।
संघर्षों से बन रही , दुनिया में पहचान।।
3 अथाह
अंत नहीं है ज्ञान का, सागर भरा अथाह।
आंतरिक्ष को नाप कर, ढूंढ़ रहा नव राह।।
4 हेलमेल
हेलमेल जग में बढ़े, मानव की समृद्धि।
विश्व शांति सहयोग में, हो जाती है वृद्धि।।
5 उजियार
आपस में सद्भावना, दुर्गुण की हो हार।
भारत ही उच्चारता, बिखरे नव उजियार।।
6 सद्भावना
प्राणी में सद्भावना, विश्व-धरा कल्यान।
वेद-मंत्र उच्चारता, भारत बना महान।।
मनोजकुमार शुक्ल " मनोज "