ऐसा नहीं है कि पुनः प्रेम नहीं हो सकता,
ऐसा भी नहीं कि कोई प्रेम करने वाला
नहीं मिलेगा, ऐसा भी नहीं कि कोई
तुमसा ना मिलेगा,
सब हो सकता है पुनः परंतु..
हृदय अटका पड़ा है तुममें
जिसे कोई और चाहिए ही नहीं,
जिसे तुमसे अच्छा कोई दिखता नहीं,
खैर.!
ये बात अलग है कि प्राप्त तो मुझे तुम भी नहीं..!!