#Wrong is wrong even in thousands
of the hidden & Secret Drapery..!!
My Wonderful Poem...!!!
ज़रूरी तो नही हर वक़्त गिला
शिकवा ही करते रहे जीदगीं से
यक़ीन रब पर कर कश्ती कभी
तो छोड़ बहती लहरों के भरोसे
जो लिखा छीन न सकता कोई
ओर नहीं लिखा वह रहा देने से
उतार-चढ़ाव भी तो हिस्सा ही
है सफ़रका,क्या होगा डरने से
ग़र नियति आज़माती है,सख़्त
वक़्त को भी तुँ पार कर सब्र से
बचपन-ओ-जवानी छीनीं,छीनेगा
साँसे भी,मर जा तुँ पेहले मरने से
इच्छा-ओ-ख्वाहिश-ओ-हसरतों
से कौन बचा,तुँ कर कत्तल दिल से
बच ले तुँ अना,तकब्बुर,लोभ,द्वेष
क़िना-कपट,असद-ओ-गुरुर से
हाँ आसान तो हरगिज़ नही मुक्ति
का पाना,बने है सब संत झुकने से
कौन क़हता है प्रभुजी सुनते नहीं
माँग कर तो तुँ देख ले सलीके से
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