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New bites

रिश्ते सिर्फ रिश्ते नहीं होते...
रिश्ते बहुत कुछ मांगते हैं।
कभी त्याग करने पड़ते हैं,
तो कभी करवाने पड़ते हैं...
कभी नाराजगी दिखानी पड़ती है,
तो कभी नाराजगी सहनी पड़ती है....
क्योंकि रिश्ते सिर्फ रिश्ते नहीं होते। 

कभी मनाना पड़ता है,
कभी खुद रूठ जाना पड़ता है...
कभी जताना पड़ता है,
कभी समझ जाना पड़ता है....
क्योंकि रिश्ते सिर्फ रिश्ते नहीं होते ।

मिट जाती है हस्ती...
रिश्ते निभाने में....
कभी दिल के दर्द छुपाने पड़ते हैं....
कभी बयां कर दिखाने पड़ते हैं...
क्योंकि रिश्ते सिर्फ रिश्ते नहीं होते।

रिश्ते वो बंधन हैं..
जो चाहते हैं त्याग,समर्पण,प्रेम,करुणा
किन्तु इक तरफा नहीं....
दोनों ओर से...
क्योंकि रिश्ते सिर्फ रिश्ते नहीं होते।।
- kanchanrautela ' achla'

kanchanrautelarawat160412

The Ayngaran Institute of Spiritual Science, founded by Sasi Krishnasamy, is a non-profit organization focused on meditation, education, and research, with a vision to create a community of spiritually awakened individuals. The institute is located in Palani, Tamil Nadu. It offers programs like meditation, yoga, and a digital encyclopedia of spirituality called Bodhipedia, and also runs charitable initiatives like Akshya Dharma Foundation.

Here's a more detailed look at the Ayngaran Institute:

Mission and Goals:

Spiritual Awakening: The institute aims to help individuals awaken spiritually and contribute to global well-being.

Community Building: It seeks to create a global community of spiritually awakened individuals.
Charitable Work: It supports charitable initiatives like Akshya Dharma Foundation, which distributes food and groceries.
Key Activities and Initiatives:

Meditation and Yoga:
The institute offers programs in meditation and yoga to cultivate spiritual practices.

Bodhipedia:
It maintains a digital encyclopedia of spirituality called Bodhipedia, providing access to information and resources.

Ayngaran Goshala:
The institute operates a cow shelter, reflecting its commitment to animal welfare and environmental responsibility.

Organic Agro Farms:
It engages in organic farming, promoting sustainable agriculture practices.

Social Media Presence:
It uses social media to share inspirational content and updates.

Founding and Philosophy:

Founder: Sasi Krishnasamy.
Philosophy: The institute emphasizes the power of nature and inner soul to improve one's life and contribute to global well-being.
Motto: "Meditation and service are two forms of devotion".

Location:
The institute is based in Palani, Tamil Nadu.
The Ayngaran Foundation, which is the parent organization, is also located in Palani.

sasikrishnasamy

✤┈SuNo ┤_★_🦋
ओ ले ले ले, मेले बाबू को गुस्सा
       भी आता है क्या.🫢?

इस भोले से  मुखड़े पे’ ये तेवर
      भी भाता है क्या.😳?

अभी तो हँस रहे थे’ अभी  क्यों
       ये होंठ फूल गए.😏?

इत्ती छोटी-छोटी सी बात पे ऐसे
   कोई रूठ जाता है क्या.🥺?

तेरी हर अदा पे तो, ये दिल मेरा
              दीवाना है,

गुरूर-ए-इश्क़ में ऐसे कोई ज़ुल्म
         ढाता है क्या.🌚?

मैं  लाख मनाऊँगा’ सौ  प्यार की
          बातें  करूँगा.🫠

मुझे मालूम है आखिर, तू मान ही
           जाता है क्या.😌?

ये चुलबुली  शरारत है, या  सच्ची
            कोई नाराज़गी,

मेरी जाँ, तुझे ऐसे मुझको सताने
    में मज़ा आता है क्या.😒?
╭─❀💔༻ 
╨──────────━❥
 ♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
  ➛#LoVeAaShiQ_SinGh °    
╨──────────━❥

loveguruaashiq.661810

સંયમ

hiralb

આ દુનિયામાં ચંપલથી મોટી
કોઈ જોડી નથી
જો એક ખોવાઈ જાય તો
બીજાનું જીવન પણ
સમાપ્ત થઈ જાય છે...@

arandhanpura24gmailc

“सोच सिर्फ विचार नहीं होती,
वो एक सीढ़ी होती है —
जो इंसान को खुद तक पहुंचाती है,
और दुनिया को उससे जोड़ देती है…” ✨

📘 अग्निपथ – डर और एक कहानी
✍️ लेखक: धीरेंद्र सिंह बिष्ट

यह किताब सिर्फ पढ़ने के लिए नहीं,
अपने भीतर की आग को पहचानने के लिए है। 🔥
अगर आपकी सोच भी कुछ अलग करने की है,
तो अग्निपथ आपके लिए है।

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ક્યારેય કોઈ વહુને એમ કહેતાં સાંભળી છે કે હું મારાં ઘરે છું નહીં કેમ કે કોઈ એ તેને પોતાનું ફીલ થવા જ નથી દીધું.

krupalipatel.810943

મારી હાથેળીમાં ભલે જુવાની,જુબાની,લક્ષ્મી,શક્તિ, ના હોય !
માત્ર હ્રદય વિશાળ ત્યાં તમારા જેવા મિત્રોની જગ્યા ખાલી છે.
- વાત્સલ્ય

savdanjimakwana3600

दोस्तों, क्या आप मेरी कला को लाइक करके इसकी सराहना नहीं करेंगे? यह मेरी सबसे नई कला है, जिसे मैंने कई दिनों की मेहनत से बनाया है।
यह आपकी पसंद के बिना अधूरी है
आपके लिए ढेर सारा प्यार और सम्मान। ❤️✨

vishalsaini922479

✤┈SuNo न┤_★_🦋
ए लड़की...बढ़िया है, रहो फिर तो
            ग़ायब ही तुम,

मेरी यादों में अक्सर आती हो और
       रहती हो नायाब ही तुम,

ये कैसा इश्क है तेरा ये कैसी अदा है
सामने हो तो बेरुख़ी दूर हो तो हरसू
                  ख़ुदा है,

कभी लबों पे मुस्कान’ कभी आँखों
                  में नमी,

तेरी हर अदा में’ इक अलग ही रंगत
          है, नहीं है कोई कमी,

नज़दीकियाँ भी अज़ीयत दूरियाँ भी
            बेहाल करती हैं,

क्या कहूँ, तेरे बारे में पगली, हरपल
         ही कमाल करती हैं,

सुनो न ए लड़की.बढ़िया है रहो फिर
           तो ग़ायब ही तुम,

मेरी यादों में अक्सर आती हो, और
    रहती हो नायाब ही तुम..❤️
╭─❀💔༻ 
╨──────────━❥
 ♦❙❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙❙♦
   #LoVeAaShiQ_SinGh °    
╨──────────━❥

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Let us watch the divine glimpses of Haridwar Hindi Shibir 2025: https://dbf.adalaj.org/xgpGriol

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झूठे जज़्बातों से मन नहीं बहलाया जाता
जज़्बाती मौकों को छिपाया भी नहीं जाता.
--डॉ अनामिका---

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🎬 Welcome to AI Mix Animation – जहाँ कल्पना बन्छ वास्तविकता!

हामी एक सानो टिम हौं, जुन मोबाइल, किनाेमास्टर, र AI tools को माध्यमबाट
रमाईलो, रहस्यमयी, प्रेरणादायी र भावनात्मक एनिमेटेड कथाहरू तयार गर्छौं।

👉 हाम्रो उद्देश्य:
नयाँ सोच, आधुनिक टेक्नोलोजी (AI), र पारम्परिक कथाहरूलाई एकसाथ मिसाएर
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👉 चाहनुहुन्छ भने म यसलाई pure English या pure Nepali मा पनि अनुवाद गर्न सक्छु।
थप चाहनुहुन्छ भने – ट्याग लाइन, बैनर आइडिया, वा “About” Section पनि डिजाइन गरिदिन्छु!

तपाईं भन्नुस् – अब next move के हो? 😎✍️लोक कथा: "सच्चाई की ताकत"

बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। वह गरीब था लेकिन दिल से बहुत ईमानदार और मेहनती। उसकी ज़मीन छोटी थी, पर वह हर दिन कड़ी मेहनत करता था, अपने परिवार के लिए।

एक दिन उसने खेत में हल चला रहा था, तो हल की नोक कहीं फंस गई। जब वह उसे निकालने गया, तो उसे ज़मीन के नीचे से एक बड़ा संदूक मिला। संदूक में सोने-चांदी के आभूषण और धन-दौलत भरी हुई थी।

किसान ने सोचा, "इतनी दौलत पाकर मैं तो अमीर हो जाऊंगा! पर अगर मैं इसे छुपा लूँ तो मेरे गाँव वाले क्या कहेंगे?" उसने तुरंत फैसला किया कि वह गाँव के मुखिया के पास जाकर यह ख़ज़ाना सौंप देगा।

गाँव के मुखिया ने धन को देखकर कहा, "यह खजाना तो राजा का है, इसे तुरंत राजमहल भेजो।" किसान ने पूरी ईमानदारी से खजाना राजा तक पहुंचाया।

राजा बहुत खुश हुआ और उसने किसान को बहुत इनाम दिया। उसने कहा, "तुम्हारी ईमानदारी ने तुम्हें अमीर तो बनाया ही, साथ ही तुम्हारा नाम भी हमारे राज्य में अमर कर दिया।"

सीख:

ईमानदारी और सच्चाई की कोई कीमत नहीं होती, वह इंसान को असली दौलत देती है। दौलत जो चोरी या छल से मिले, वह कभी टिकती नहीं। असली सफलता तो वही है जो सही रास्ते से मिले।

rajukumarchaudhary502010

rgposhiya2919

😄 imran 😄

imaranagariya1797

“पागलपन ज़रूरी है ज़िन्दगी में…”
क्योंकि जुनून ही वो आग है जो हमें भीड़ से अलग करता है।
‘अग्निपथ’ सिर्फ एक किताब नहीं, एक सोच है — जो आपको अपने भीतर की लौ से मिलाती है।

✍️ धीरेंद्र सिंह बिष्ट
📚 अब उपलब्ध — Amazon, Flipkart, Notion Press और Kindle पर।

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dhirendra342gmailcom

लोक कथा: "सच्चाई की ताकत"

बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। वह गरीब था लेकिन दिल से बहुत ईमानदार और मेहनती। उसकी ज़मीन छोटी थी, पर वह हर दिन कड़ी मेहनत करता था, अपने परिवार के लिए।

एक दिन उसने खेत में हल चला रहा था, तो हल की नोक कहीं फंस गई। जब वह उसे निकालने गया, तो उसे ज़मीन के नीचे से एक बड़ा संदूक मिला। संदूक में सोने-चांदी के आभूषण और धन-दौलत भरी हुई थी।

किसान ने सोचा, "इतनी दौलत पाकर मैं तो अमीर हो जाऊंगा! पर अगर मैं इसे छुपा लूँ तो मेरे गाँव वाले क्या कहेंगे?" उसने तुरंत फैसला किया कि वह गाँव के मुखिया के पास जाकर यह ख़ज़ाना सौंप देगा।

गाँव के मुखिया ने धन को देखकर कहा, "यह खजाना तो राजा का है, इसे तुरंत राजमहल भेजो।" किसान ने पूरी ईमानदारी से खजाना राजा तक पहुंचाया।

राजा बहुत खुश हुआ और उसने किसान को बहुत इनाम दिया। उसने कहा, "तुम्हारी ईमानदारी ने तुम्हें अमीर तो बनाया ही, साथ ही तुम्हारा नाम भी हमारे राज्य में अमर कर दिया।"

सीख:

ईमानदारी और सच्चाई की कोई कीमत नहीं होती, वह इंसान को असली दौलत देती है। दौलत जो चोरी या छल से मिले, वह कभी टिकती नहीं। असली सफलता तो वही है जो सही रास्ते से मिले।गाँव में पानी की किल्लत थी। किसान ने ठाना – कुआँ खुदवाना है।

लोग बोले, “पैसा कहाँ से लाएगा?”

किसान बोला, “हर हफ्ते एक मुट्ठी बचाऊँगा।”

सालों बाद... खुदा हुआ कुआँ – गाँव को जीवन मिला।

सीख:
"छोटे-छोटे प्रयास ही बड़ी जीत बनाते हैं!"गाँव का व्यापारी धनलाल – बाहर से शरीफ, अंदर से बेईमान।

सामान में मिलावट, नापतौल में धोखा।

शुरू में धंधा चला... फिर लोग बीमार पड़ने लगे।

एक दिन, किसान ने सबके सामने पूछा,
“धनलाल, तुम्हारे गुड़ से क्यों मक्खियाँ भागती हैं?”

लोगों ने ध्यान दिया... और अगले दिन, धनलाल की दुकान बंद!

सीख:
"झूठ की दुकान ज्यादा दिन नहीं चलती, साहब!"
गाँव का व्यापारी धनलाल – बाहर से शरीफ, अंदर से बेईमान।

सामान में मिलावट, नापतौल में धोखा।

शुरू में धंधा चला... फिर लोग बीमार पड़ने लगे।

एक दिन, किसान ने सबके सामने पूछा,
“धनलाल, तुम्हारे गुड़ से क्यों मक्खियाँ भागती हैं?”

लोगों ने ध्यान दिया... और अगले दिन, धनलाल की दुकान बंद!

सीख:
"झूठकिसान का बेटा गोपाल, अपने पिता की ईमानदारी से प्रेरित था।

एक दिन गाँव में चोरी हुई।
लोगों ने शक किया – चरवाहे रामू पर।

रामू रो पड़ा, “मैंने कुछ नहीं किया!”

सब चुप थे, लेकिन गोपाल खड़ा हुआ।
उसने खुद जाँच शुरू की – पैरों के निशान, टूटी झाड़ी...

आख़िर असली चोर पकड़ा गया — मुखिया का रिश्तेदार!

लोग दंग रह गए।
गोपाल बोला, “सच्चाई के लिए खड़ा होना ही असली वीरता है।”

सीख:
"सच की राह में डर नहीं, हिम्मत चाहिए!"बहुत समय पहले, एक छोटे से गाँव में एक गरीब मगर ईमानदार किसान रहता था।
उसकी ज़मीन छोटी थी, लेकिन दिल बड़ा।

एक दिन खेत में हल चलाते समय... टन्न – हल की नोक ज़मीन में फँसी।
किसान ने ज़ोर लगाया और एक भारी संदूक निकाला।

संदूक खोला तो... चकाचौंध!
सोने-चाँदी के गहने, मोहरे, और सिक्के!

किसान सोच में पड़ गया – “क्या इसे रख लूँ?”
लेकिन अगले ही पल, वह दौड़ पड़ा गाँव के मुखिया के पास।

मुखिया ने कहा, “इसे राजा को सौंप दो। यह राज खजाना है।”

राजा को जब पता चला, उसने किसान को बुलाया और कहा,
“तेरी ईमानदारी ने तुझे अमर बना दिया।”

rajukumarchaudhary502010

किसान का बेटा गोपाल, अपने पिता की ईमानदारी से प्रेरित था।

एक दिन गाँव में चोरी हुई।
लोगों ने शक किया – चरवाहे रामू पर।

रामू रो पड़ा, “मैंने कुछ नहीं किया!”

सब चुप थे, लेकिन गोपाल खड़ा हुआ।
उसने खुद जाँच शुरू की – पैरों के निशान, टूटी झाड़ी...

आख़िर असली चोर पकड़ा गया — मुखिया का रिश्तेदार!

लोग दंग रह गए।
गोपाल बोला, “सच्चाई के लिए खड़ा होना ही असली वीरता है।”

सीख:
"सच की राह में डर नहीं, हिम्मत चाहिए!"बहुत समय पहले, एक छोटे से गाँव में एक गरीब मगर ईमानदार किसान रहता था।
उसकी ज़मीन छोटी थी, लेकिन दिल बड़ा।

एक दिन खेत में हल चलाते समय... टन्न – हल की नोक ज़मीन में फँसी।
किसान ने ज़ोर लगाया और एक भारी संदूक निकाला।

संदूक खोला तो... चकाचौंध!
सोने-चाँदी के गहने, मोहरे, और सिक्के!

किसान सोच में पड़ गया – “क्या इसे रख लूँ?”
लेकिन अगले ही पल, वह दौड़ पड़ा गाँव के मुखिया के पास।

मुखिया ने कहा, “इसे राजा को सौंप दो। यह राज खजाना है।”

राजा को जब पता चला, उसने किसान को बुलाया और कहा,
“तेरी ईमानदारी ने तुझे अमर बना दिया।”

[Outro Line + Sound]:
“सच्चाई भले धीमी हो, लेकिन पहुँचती ज़रूर है!”
किसान का बेटा गोपाल, अपने पिता की ईमानदारी से प्रेरित था।

एक दिन गाँव में चोरी हुई।
लोगों ने शक किया – चरवाहे रामू पर।

रामू रो पड़ा, “मैंने कुछ नहीं किया!”

सब चुप थे, लेकिन गोपाल खड़ा हुआ।
उसने खुद जाँच शुरू की – पैरों के निशान, टूटी झाड़ी...

आख़िर असली चोर पकड़ा गया — मुखिया का रिश्तेदार!

लोग दंग रह गए।
गोपाल बोला, “सच्चाई के लिए खड़ा होना ही असली वीरता है।”

सीख:
"सच की राह में डर नहीं, हिम्मत चाहिए!"गाँव का व्यापारी धनलाल – बाहर से शरीफ, अंदर से बेईमान।

सामान में मिलावट, नापतौल में धोखा।

शुरू में धंधा चला... फिर लोग बीमार पड़ने लगे।

एक दिन, किसान ने सबके सामने पूछा,
“धनलाल, तुम्हारे गुड़ से क्यों मक्खियाँ भागती हैं?”

लोगों ने ध्यान दिया... और अगले दिन, धनलाल की दुकान बंद!

सीख:
"झूठगाँव का व्यापारी धनलाल – बाहर से शरीफ, अंदर से बेईमान।

सामान में मिलावट, नापतौल में धोखा।

शुरू में धंधा चला... फिर लोग बीमार पड़ने लगे।

एक दिन, किसान ने सबके सामने पूछा,
“धनलाल, तुम्हारे गुड़ से क्यों मक्खियाँ भागती हैं?”

लोगों ने ध्यान दिया... और अगले दिन, धनलाल की दुकान बंद!

सीख:
"झूठ की दुकान ज्यादा दिन नहीं चलती, साहब!"
गाँव में पानी की किल्लत थी। किसान ने ठाना – कुआँ खुदवाना है।

लोग बोले, “पैसा कहाँ से लाएगा?”

किसान बोला, “हर हफ्ते एक मुट्ठी बचाऊँगा।”

सालों बाद... खुदा हुआ कुआँ – गाँव को जीवन मिला।

सीख:
"छोटे-छोटे प्रयास ही बड़ी जीत बनाते हैं!"लोक कथा: "सच्चाई की ताकत"

बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। वह गरीब था लेकिन दिल से बहुत ईमानदार और मेहनती। उसकी ज़मीन छोटी थी, पर वह हर दिन कड़ी मेहनत करता था, अपने परिवार के लिए।

एक दिन उसने खेत में हल चला रहा था, तो हल की नोक कहीं फंस गई। जब वह उसे निकालने गया, तो उसे ज़मीन के नीचे से एक बड़ा संदूक मिला। संदूक में सोने-चांदी के आभूषण और धन-दौलत भरी हुई थी।

किसान ने सोचा, "इतनी दौलत पाकर मैं तो अमीर हो जाऊंगा! पर अगर मैं इसे छुपा लूँ तो मेरे गाँव वाले क्या कहेंगे?" उसने तुरंत फैसला किया कि वह गाँव के मुखिया के पास जाकर यह ख़ज़ाना सौंप देगा।

गाँव के मुखिया ने धन को देखकर कहा, "यह खजाना तो राजा का है, इसे तुरंत राजमहल भेजो।" किसान ने पूरी ईमानदारी से खजाना राजा तक पहुंचाया।

राजा बहुत खुश हुआ और उसने किसान को बहुत इनाम दिया। उसने कहा, "तुम्हारी ईमानदारी ने तुम्हें अमीर तो बनाया ही, साथ ही तुम्हारा नाम भी हमारे राज्य में अमर कर दिया।"

सीख:

ईमानदारी और सच्चाई की कोई कीमत नहीं होती, वह इंसान को असली दौलत देती है। दौलत जो चोरी या छल से मिले, वह कभी टिकती नहीं। असली सफलता तो वही है जो सही रास्ते से मिले

rajukumarchaudhary502010

कभी-कभी ज़िंदगी हमें इतना तोड़ देती है…
कि इंसान को खुद पर भी शक होने लगता है।
लेकिन वही ज़िंदगी हमें वो मोड़ भी देती है…
जहाँ से उड़ान शुरू होती है।

ये कहानी है आदित्य की…
एक ऐसे लड़के की जिसने ज़मीन से आसमान तक का सफर तय किया –
लेकिन बिना शॉर्टकट, बिना किसी चमत्कार के।
सिर्फ अपने हौसले, मेहनत और विश्वास के दम पर।

आदित्य सिंह – बिहार के एक छोटे गाँव का लड़का।
पिता खेती करते थे, माँ गृहिणी थीं।
घर में टीवी नहीं था, मोबाइल नहीं था…
बस था तो एक सपना – IAS बनना।

जब वो अपनी माँ से कहता, "मैं अफसर बनूंगा…"
तो माँ मुस्कुरा देतीं… और कहतीं,
"तू कुछ भी कर सकता है, बेटा… तू मेरा शेर है।"

गाँव वाले हँसते थे, दोस्त मज़ाक उड़ाते –
"तू IAS?"
लेकिन आदित्य के कानों में सिर्फ माँ की बात गूंजती –
"तू कर सकता है…"

12वीं के बाद उसने ग्रेजुएशन किया – गाँव में रहकर ही।
कोचिंग नहीं थी… YouTube पर फ्री लेक्चर देखे।
गाँव के छोटे पुस्तकालय में बैठकर घंटों नोट्स बनाता।

पहली बार परीक्षा दी… और फेल हो गया।
रात को खूब रोया… अकेले… माँ के सामने नहीं।
पर सुबह उठते ही… फिर से किताबों में झुक गया।

दूसरी बार… फिर असफल।
तीसरी बार… सिर्फ दो नंबर से चूक गया।
सबसे बड़ा झटका था।

लोग बोले – “अब छोड़ दे।”
पर आदित्य ने कहा –
"आखिरी बार सही… लेकिन इस बार जान लगा दूंगा।"

सुबह 5 बजे उठना… 14 घंटे पढ़ाई…
सोशल मीडिया बंद… दुनिया से दूरी…
सिर्फ किताबें, चाय, और सपना।

चौथी बार परीक्षा दी…
हर पेपर में आत्मविश्वास था।

रिज़ल्ट आया…
दोस्त ने फोन कर कहा – "भाई… तू टॉप 50 में है!"
वो चुप रहा…
फिर माँ की गोद में सिर रखकर… फूट-फूट कर रो पड़ा।
आज उसका सपना… सच था।

गाँव में ढोल बजे…
जिसे लोग ‘बेकार’ कहते थे… अब उसे ‘साहब’ कहा जाने लगा।
माँ की आँखें नम थीं… लेकिन मुस्कान थी।

अब वही लोग इंटरव्यू लेने आए…
जो कभी कहते थे – "तेरे बस का नहीं।"

ज़िंदगी में गिरना ज़रूरी है…
क्योंकि तभी तो उड़ने का हौसला पैदा होता है।

अगर आदित्य… उस छोटे गाँव का लड़का…
बिना साधन, बिना कोचिंग…
देश का अफसर बन सकता है –
तो आप क्यों नहीं?

"हार सकते हो… लेकिन हार मानना मत।"

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आपका एक Like…
एक नए आदित्य को हिम्मत दे सकता है।"बुद्धिमानीका १० चिन्ह – जसले जीवन बदल्न सक्छ…"

१. कम बोल्छन्, बढी सुन्छन्।
शब्दको होइन, मौनको पनि शक्ति बुझ्छन्।
बोल्नुभन्दा बुझ्नुलाई प्राथमिकता दिन्छन्।

२. दोस्रोको विचारलाई सम्मान गर्छन्।
अझै सिक्न बाँकी छ भन्ने सोच राख्छन्।
सबै कुरा आफूलाई थाहा छ भन्ने भ्रममा बस्दैनन्।

३. क्रोधलाई नियन्त्रण गर्न सक्छन्।
उत्तेजनामा निर्णय लिँदैनन्,
शान्ति र धैर्य उनीहरूको असल अस्त्र हो।

४. आफ्नो समय, ऊर्जा र शब्द व्यर्थमा खर्च गर्दैनन्।
जुन ठाउँमा परिवर्तन सम्भव छैन,
त्यहाँ मौन बस्न जान्दछन्।

५. सत्यको पक्ष लिन्छन्, भीडको होइन।
सत्यका लागि एक्लिन पनि तयार हुन्छन्,
जसले गर्दा उनीहरूलाई समयपछि सबैले सम्झन्छन्।

६. जसले सम्मान दिन्छ, त्यसलाई सम्मान फर्काउँछन्।
तर जसले घमण्ड देखाउँछ,
त्यसलाई मौनमै उत्तर दिन्छन्।

७. हर समय सिक्न तयार हुन्छन्।
कहिले बालकबाट त कहिले वृद्धबाट —
जीवनलाई विद्यालय ठान्छन्।

८. माफ गर्न जान्दछन्, तर बिर्सँदैनन्।
अघिल्लो चोटले फेरि घाउ नदियोस् भनेर
अनुभवलाई पाठ बनाउँछन्।

९. बोल्दैनन् कि उनीहरू कति सक्षम छन् —
तर उनका कर्महरू आफैँ बोल्छन्।
उनीहरूलाई प्रमाण दिनुपर्दैन, समयले दिन्छ।

१०. आफ्नो खुसी अरूमा खोज्दैनन्।
शान्त मन, सरल हृदय र सेवाको भावना —
यही नै तिनीहरूको साँचो परिचय हो।

बुद्धिमानी पढाइले होइन, बुझाइले आउँछ।
किताबले होइन, व्यवहारले देखिन्छ।
त्यसैले बुद्धिमान बन्न सिकौं —
बोल्नुभन्दा अघि सोचौं,
ब्युझाउनुभन्दा अघि सुतेका मन बुझौं

rajukumarchaudhary502010

लोक कथा: "सच्चाई की ताकत"

बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। वह गरीब था लेकिन दिल से बहुत ईमानदार और मेहनती। उसकी ज़मीन छोटी थी, पर वह हर दिन कड़ी मेहनत करता था, अपने परिवार के लिए।

एक दिन उसने खेत में हल चला रहा था, तो हल की नोक कहीं फंस गई। जब वह उसे निकालने गया, तो उसे ज़मीन के नीचे से एक बड़ा संदूक मिला। संदूक में सोने-चांदी के आभूषण और धन-दौलत भरी हुई थी।

किसान ने सोचा, "इतनी दौलत पाकर मैं तो अमीर हो जाऊंगा! पर अगर मैं इसे छुपा लूँ तो मेरे गाँव वाले क्या कहेंगे?" उसने तुरंत फैसला किया कि वह गाँव के मुखिया के पास जाकर यह ख़ज़ाना सौंप देगा।

गाँव के मुखिया ने धन को देखकर कहा, "यह खजाना तो राजा का है, इसे तुरंत राजमहल भेजो।" किसान ने पूरी ईमानदारी से खजाना राजा तक पहुंचाया।

राजा बहुत खुश हुआ और उसने किसान को बहुत इनाम दिया। उसने कहा, "तुम्हारी ईमानदारी ने तुम्हें अमीर तो बनाया ही, साथ ही तुम्हारा नाम भी हमारे राज्य में अमर कर दिया।"

सीख:

ईमानदारी और सच्चाई की कोई कीमत नहीं होती, वह इंसान को असली दौलत देती है। दौलत जो चोरी या छल से मिले, वह कभी टिकती नहीं। असली सफलता तो वही है जो सही रास्ते से मिले।

rajukumarchaudhary502010