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Fazal Esaf

Fazal Esaf

@fazalesaf2973
(14)

पावसाच्या धारेत मी तुझं नाव शोधलं,
क्षणभर उमजलं — तूच तर आहेस अश्रूंसारखा.
ना रंग, ना रूप… तरीही सर्वस्व माझं.
मी हरपले, पण सापडले तुझ्यात.

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माणूस खरोखर विचित्र आहे...
स्मशानात उभा असतो, पण मन बाजारात फिरतं.
कोणी नुकतंच गेलं असतं, तरी तो मोबाईलवर शेअरचे भाव पाहतो.
- Fazal Esaf

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डोंगरावर पाऊस आला की धुकेसुद्धा हरवून जातं,
पायवाट अंगावर शहारा घेते, आणि वाऱ्याला जुनी गाणी आठवतात.
दऱ्यांमध्ये भिरभिरणारा पाऊस, जणू एखादं विसरलेलं स्वप्न.
आणि त्या शांततेत, मन हळूच स्वतःशी बोलू लागतं.

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माझं मन नेहमीच साधेपणाकडे ओढतं...
खोटं हसणं नाही, डोळ्यांत प्रामाणिकपणाचं पाणी असावं.
माणूस मोठा नसेल, पण मन मोठं असावं – बस्स एवढंच पुरेसं आहे.
डिग्री, रंग, हुशारी... या सगळ्या गोष्टी मनाच्या खरटावरील शाईसारख्या वाटतात.
- Fazal Esaf

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कोई आवाज़ सी, खामोशियों में गुम है
जैसे आँखों में कोई ख़्वाब पुराना सो गया हो।

दीवारों पे कुछ साए ठहरे-ठहरे से लगे,
जैसे यादों ने किसी लम्हे को क़ैद कर लिया हो।

बारिश की बूँदों में तेरी हँसी गूँजे कहीं,
और फिर अचानक ख़ामोशी का पर्दा गिर जाए।

अल्फ़ाज़ लबों तक आके थम से गए,
जैसे तू कहने को था... पर वक़्त रुक गया हो।

दर-ओ-दीवार पे तेरे नाम की महक है,
जैसे ख़त किसी ने ख़ुशबू में भेजा हो।

रात की चादर में लिपटी कुछ बातें बाक़ी हैं,
जो चाँद को भी सुनाई... मगर वो भी चुप रहा हो।

कभी बिस्तर की शिक़नों में तेरा नाम मिलता है,
कभी तकिए पे भी आँसुओं का सवाल रहता है।

किसी दबी सी फ़रियाद की तरह,
तू दिल के कोने में अब भी सिसकता है...

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"यश आणि कीर्ती ही फार गूढ असतात... त्यांचं आगमन होण्याआधी माणसाला अनेक अपयशांची, अपमानांची आणि एकाकी रात्रींची किंमत चुकवावी लागते."
- Fazal Esaf

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एक जरूरी अपील 🙏

अगर आपके बेटे, पति, पिता या बेटी को फिट (दौरे पड़ना) या हाई ब्लड प्रेशर जैसी कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या है,
तो कृपया उनके पास हमेशा एक छोटा-सा ID कार्ड रखें, जिसमें ये जानकारी हो:

✅ उनका नाम
✅ उनकी बीमारी का संक्षिप्त विवरण
✅ घर के किसी सदस्य का मोबाइल नंबर

कभी भी अचानक कोई स्थिति आ सकती है —
और उस वक्त अगर पास कोई जान-पहचान वाला न हो,
तो ये छोटा कार्ड किसी फ़रिश्ते से कम नहीं होगा।

ज़रूरत के समय कोई भी शख्स आप तक कॉल कर सके — बस यही सुरक्षा की पहली सीढ़ी है।

थोड़ी सी सावधानी किसी की ज़िंदगी बचा सकती है।
इसे हल्के में मत लें — आज ही ये कदम उठाएं।

ख्याल रखें, क्योंकि परवाह ज़रूरी है।

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चाय और तुम... रोज़ की तरह आज भी याद आए।
पानी जैसे उबलता है, वैसे ही दिल धड़क उठा।
एक चुप सी होती है चाय में, बिल्कुल तुम्हारी तरह।


तुम पास नहीं होते, फिर भी कप दो बनते हैं।
एक मैं पीता हूँ...
और एक में तुम्हारी मुस्कान घोल देता हूँ।


बारिश की बूँदें गिरती हैं,
और तुम्हारी आवाज़ की गूँज सुनाई देती है।


चाय की वाफ़ में अक्सर एक चेहरा उभरता है—
वही जो अब सिर्फ ख़्वाबों में आता है।

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पाण्यात हात घातला,
तुझं स्पर्श शोधत होतो…
पण लाट सरकली होती आधीच,
जसं तू…
- Fazal Esaf

तू गेलास,
तेव्हापासून सगळं ठीक चाललंय—
फक्त घड्याळात वेळ थांबतो,
जिथं तू "निघतो" म्हणाला होतास.
- Fazal Esaf