Quotes by Awantika Palewale in Bitesapp read free

Awantika Palewale

Awantika Palewale Matrubharti Verified

@palewaleawantikagmail.com200557
(16k)

निगाहों से बयाँ हो जाए, वो मुहब्बत की निशानी है।
खामोशी में भी जो सुन ले, वो प्यार की मीठी कहानी है।

अधूरी बात का ज़िक्र, सुकून भर देने वाला हो,
बिखर कर भी न जो टूटे, वो रिश्ते की रवानी है।

असर हो जाए दिल पर, हर उसकी एक नज़र का यूँ,
कि जिस दिल में उतर जाए, वो दुनिया ही मनमानी है।

मिलन की चाह में सब कुछ, गँवा देना भी सहल हो,
ये कैसी प्यास है साकी, सदियों से जिसने छानी है।

जहाँ में और क्या ढूँढ़े, जो ख़ुद में पा लिया उसको,
सफ़र भी वही है आख़िर, जो तुम तक आ के जानी है।

जो छुप जाए किसी शायर की नज़्म में एक ख़याल बन,
यही तो असली दौलत है, यही ज़िन्दगी फ़ानी है।

निगाहों से बयाँ हो जाए, वो मुहब्बत की निशानी है।
खामोशी में भी जो सुन ले, वो प्यार की मीठी कहानी है।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

Read More

ज़ुबां है ख़ामोश दिल में हसरत है।
बैठे हैं गुमसुम, आँखों में चाहत है।

क्या मेरे सिवा शहर में मासूम हैं सारे?
सब जुर्म मेरी जात से मनसूब हैं सारे।

रस्म-ए-उल्फ़त को निभाएँ तो निभाएँ कैसे,
हर तरफ़ आग है, दामन को बचाएँ कैसे।

दिल की राहों में उठाते हैं जो दुनिया वाले,
कोई कह दे कि वो दीवार गिराएँ कैसे।

दर्द में डूबे हुए नग़मे हज़ारों हैं मगर,
साज़-ए-दिल टूट गया हो तो सुनाएँ कैसे।

Read More

तेरी छुअन का असर मुझ में आज भी बाकी है,
ये दिल धड़कता है, पर तेरे लिए ही साकी है।

वो एक लम्हा जो सदियों पे भारी था, बीत गया,
मगर ख़ुमार-ए-नज़र मुझ पे अब भी तारी है।

तेरी निगाह का जादू, तेरी ही बाँहों का घेरा,
ज़िन्दगी तेरे बिना एक क़ैद ख़ुद-इख़्तियारी है।

वो कदम जो कभी मेरे शाने पे आके रुकती थी,
वो याद आज भी मेरे दर्द की चिंगारी है।

जहाँ से तूने छुआ था, वो हिस्सा आज भी मेरा,
किसी भी ग़ैर की दस्तक वहाँ पे क्यों जारी है?

असर ये है कि अब हर शय से तेरा अक्स मिले,
हर एक मंज़र में तेरी ही एक तस्वीर प्यारी है।

Read More

मेरे हर रंग पर, बस तुम्हारा असर है,
इस दिल में हर जगह, तेरा ही गुज़र है।

ये कैसी कशिश है, ये कैसा है जादू,
जहाँ भी मैं देखूँ, उधर तू ही नज़र है।

मेरी ख़ामोशियों में जो शोर-ए-बयाँ है,
वो लफ़्ज़ों से ज़्यादा, तेरी ही ख़बर है।

भला कैसे खुद को, मैं तुझसे बचाऊँ,
ये धड़कन भी बोले, तेरी ही सहर है।

जो नींदों में आकर, मुझे चैन देती है,
वो ख्वाबों की दुनिया, तेरा ही शहर है।

ये माना कि मुश्किल है तुझको भुलाना,
मगर तेरी यादों में जीने का हुनर है।

ग़ज़ल क्या लिखूँ, अब मैं तेरे असर पर,
मेरी शायरी भी तो तेरा ही सफ़र है।

Read More

ऐसे न नज़र मिलाएँ कि दिल बेक़रार हो जाए,
ख़ामोशियाँ भी टूटें, इज़हार ही इज़हार हो जाए।

ये सादगी, ये शोख़ी, ये भोलापन आपका,
इकरार की तमन्ना में हर बार वार हो जाए।

पलकों के इन हिजाबों में क्या राज़ है छुपा,
एक हल्की सी हँसी और जीना दुश्वार हो जाए।

ऐसे न नज़र मिलाएँ कि दिल बेक़रार हो जाए,
ख़ामोशियाँ भी टूटें, इज़हार ही इज़हार हो जाए।

महफ़िल में यूँ तो लाखों हैं मगर,
इक आप ही पे आके, ये दिल निसार हो जाए।

कहने को और भी हैं अफ़साने ज़िंदगी में,
बस आपकी ही बातों से ये सफ़र गुलज़ार हो जाए।

ऐसे न नज़र मिलाएँ कि दिल बेक़रार हो जाए,
ख़ामोशियाँ भी टूटें, इज़हार ही इज़हार हो जाए।

Read More

इस शहर में धुआँ धुआँ सा है
क्या जल रहा, ये गमाँ गमाँ सा है

​हर चेहरा यहाँ उदास क्यों है
हर शख़्स क्यों परेशान सा है
जाने किस बात का है अफ़सोस
या कोई ख़्वाब बे-ज़बाँ सा है

​हर गली में ख़ामोशी का पहरा
सन्नाटा भी अब मेहरबाँ सा है
दूर से आती हैं आवाज़ें मगर
जैसे कोई नग़्मा धँसा धँसा सा है

​अब हवा भी कहाँ वो पहले वाली
साँस लेना भी इक इम्तिहाँ सा है
ज़िंदगी पूछती है, ऐ इंसान!
ये तूने क्या हाल कर दिया है
​रात भर जागते हैं लोग यहाँ

दिन में भी हर आँख में शब-ए-ग़म है
तेरी दुनिया में क्या कमी है ‘खुदा’
फिर क्यों दिल में ये मलाल सा है
इस शहर में धुआँ धुआँ सा है।

Read More

हवा में घुलता हर इक रंग, सब कुछ तुम ही तो हो।
मेरे ख़याल, मेरी उमंग, सब कुछ तुम ही तो हो॥

नज़र जहाँ भी जाए, तेरा ही अक्स दिखता है,
ज़मीन पर है जो या आसमाँ पर, सब कुछ तुम ही तो हो॥

सुकून-ए-दिल हो, या धड़कन की हर सदा,
मेरी सुबह, मेरी शाम-ए-ग़म, सब कुछ तुम ही तो हो॥

जो लब पे आए, वो हर हर्फ़, जो दिल में उतरे, वो,
मेरी ज़ुबाँ, मेरी ख़ामोशी का दम, सब कुछ तुम ही तो हो॥

मुक़द्दर की लकीरों में छुपा हर राज़,
मेरी हयात का हासिल-ओ-रक़म, सब कुछ तुम ही तो हो॥

तुम्हारे बिन भला क्या वजूद है मेरा
मेरा करम, मेरा ईमान, मेरा भरम, सब कुछ तुम ही तो हो॥

Read More

​मिले हैं आज फिर यूँ, दिल में इक अरमाँ जगा है,
इस त्योहार तेरे साथ खुशियों का ये समाँ है।

चराग़ों की है ज़िया, हर सू है रौशनी,
तेरी आँखों में मगर, एक और जहाँ बसा है।

भूल कर सारे गम, आओ जश्न-ए-बहाराँ करें,
जो गुज़रे पल हसीं, वो भी एक दास्ताँ है।

तेरी हर बात पे, हाँ कहने को जी चाहता है,
ये कैसी कशिश है, ये कैसा तेरा बयाँ है।

दुआ है 'अर्श' से मेरी, ये सिलसिला रहे जारी,
ये दोस्ती, ये मुहब्बत, अपना प्यारा मकाँ है।

Read More

મને ખબર છે, પ્રેમ છે તો છે, બસ એ જ વાત રાખું છું,
હૃદયની આરસીમાં સદા તારી જ ઝલક રાખું છું.

નજરની ભાષા સૌને ક્યાં સમજાય છે, માનું છું,
છતાંયે આંખમાં તારા ભરોસાની શપથ રાખું છું.

​ગમે તેવાં ચઢાવ-ઉતાર આવે જિંદગીની રાહમાં,
પ્રેમના દીવાને હું અખંડ, અવિચલિત રાખું છું.

​તને મળવાની ઈચ્છામાં કદાચ રાતો જાય છે વિતી,
સવારની રાહમાં તારા જ સ્મરણની પલક રાખું છું.

દુનિયાની પરવા નથી, શું કહેશે આ જમાનો,
'પ્રેમ છે તો છે', કહીને આ સંબંધને અમરતુલ્ય રાખું છું.

Read More

पता है मुझ को कि अब वो तपाक-ए-दिल नहीं है
हमारे दरमियाँ शायद वो पहले मंज़िल नहीं है

नज़र से नूर-ए-उल्फ़त आज-कल है दूर बैठा
ख़ुशी में भी कोई दिल का शगुफ़्ता महफ़िल नहीं है

वो बातें अब फ़क़त रस्मों की इक दीवार बन गईं हैं
जहाँ एहसास की कोई भी ताज़ा शामिल नहीं है

ये ख़ामोशी जो छाई है ये धोका ही नहीं तो क्या है
लबों पे लफ़्ज़ हैं लेकिन वो सच्चा साहिल नहीं है

गुज़र तो वक़्त जाएगा मगर ये याद रखना 'हमदम'
रिश्ते की नज़ाकत में कोई भी ग़ाफ़िल नहीं है

Read More