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ભાગદોડ ભરેલી વ્યસ્ત જિંદગીમાં મોબાઈલ હાથમાં લેતા જ સહુથી પહેલા કોઈને મેસેજ કરવાનું કે કોઈનો મેસેજ જોવાનું મન થાય ને, બસ એનું જ નામ દોસ્તી !! 💛🧡❤️
अरूणिमा का सफर........ अरूणिमा सिन्हा, जो देश की पहली दिव्यांग महिला पर्वतारोही हैं जिन्होंने दुनिया के सबसे ऊंचे शिखर पर पहुंच कर सभी को अपने साहस और शौर्य से अभिभूत कर दिया | आज उन्हीं साहसी अरुणिमा सिन्हा का जन्मदिवस है | अपने लक्ष्य को प्राप्त कर उन्होंने लोगों को यह बताया कि दिल में अगर लक्ष्य को पाने का जुनून हो तो हिम्मत एवं मेहनत से सब कुछ हो सकता हैं, कोई भी व्यक्ति कुछ भी कर सकता हैं | बता दें कि अरुणिमा सिन्हा एक पर्वतारोही होने से पूर्व वे राष्ट्रीय स्तर पर वॉलीबाल प्लेयर भी रही थी | उनका जन्म उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर में हुआ था |उन्हे बचपन से ही खेलों के प्रति अत्यधिक रूचि थी | लेकिन 11 अप्रैल, 2011 को हुए एक रेल हादसे ने उनके जीवन की दिशा को बदल कर रख दिया| 2011 को हुए रेल हादसे में उन्होनें अपने पैर गवां दिए थे | उस दुखद हादसे के कुछ समय बाद उन्होंने अपने आप को एक बार फिर खड़ा किया और लोगों के तानों का जवाब देने का भी मन बना लिया | उन्होनें देश की पहली महिला पर्वतारोही बछेंद्री पाल जी के नेतृत्व में माउंट एवरेस्ट फतह किया | माउंट एवरेस्ट पर चढ़ना कोई आसान काम नहीं है | वहां पहुंचना एक असंभव कार्य की तरह होता है | सबसे पहले उस ऊंचे शिखर पर चढ़ पाना ही बहुत जोखिम भरा है | फिर वहां ऑक्सीजन की कमी भी विद्यमान रहती है और तापमान मे भी काफी गिरावट पाई जाती हैं , यह भी एक बड़ी समस्या है | ऐसे में अरुणिमा सिन्हा को भी कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होनें अपने अंदर आत्मविश्वास पैदा कर हिम्मत और लक्ष्य को पाने की जिद के चलते माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फैरा ही दिया | अरूणिमा सिन्हा को देश के प्रधानमंत्री द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है | अरूणिमा सिन्हा की कहानी सभी के लिए प्रेरणा का स्तोत्र बन चुकीं हैं | उनकी कहानी, जीवनगाथा सब को यह बताने में सफल हुई हैं कि अगर दिल में अपने लक्ष्य को पाने का जुनून है तो सब कुछ मुमकिन है, कुछ भी प्राप्त किया जा सकता है | व्यक्ति अपने शरीर से इतना कमजोर नहीं होता जितना कि उसका मन उसे बना देता है | अपने मन को मजबूत किया जाए तो हर राह आसान है | कहते हैं न जहां चाह वहां राह......... अरुणिमा सिन्हा ने माउंट एवरेस्ट के अतिरिक्त अफ्रीका की माउंट किलीमंजारो और यूरोप की अलब्रस चोटी पर तिरंगा फहराया | शौर्य और साहस की मिसाल है डॉ ० अरूणिमा सिन्हा | अपने आत्मविश्वास से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने वाली साहसी हैं अरुणिमा सिन्हा...... इंसान अगर चाहे तो वह सब कुछ पा सकता हैं, बस दिल में लक्ष्य को पाने का हो जूनून एवं जिद हो तो और कर लो आसमां मुठ्ठी में बंद...........
न जाने ये पहली मोहब्बत अधूरी क्यों रह जाती हे,,,,,,, दिल के इतने करीब होते हुए भी दूर क्यों हो जाती है,,,, न जाने ये पहली मोहब्बत अधूरी क्यों रह जाती है,,,,, पूरी होनी ही नही होती है तो ये मोहब्बत क्यों हो जाती हे......... Good morning to all 🙂🙂🙂🙂
तथैव ब्रह्मविच्छ्रेष्ठः सदा ब्रह्मैव नापरः ।घटे नष्टे यथा व्योम व्योमैव भवति स्वयम् ॥ One of the advantages to getting older, though: while you might not change all that much, you at least got to know yourself. The real you, minus the bullshit and wishful thinking.
Jay shree Krishna 🌹
#shabdone_sarname__ #શબ્દોને_સરનામે__ #shabdone_sarname_
ના બને. ધારણાઓથી જ અવસર ના બને રોજ પથ્થર એમ ઈશ્વર ના બને. સાવ ઝાંખી ભાત દેખાઈ હતી. સ્હેજ પીળું આજ હળદર ના બને. હાથ લંબાવ્યો હતો એણે અહીં, એ મદદ એથી જ વળતર ના બને. શુદ્ધતાની ખાતરી આપી અહીં શુદ્ધ સોને એમ ઝડતર ના બને. નામ આપી શું કરું એ બોલશો? એ વિના કોઈ જ જીવતર ના બને. ખૂબ સમણાં એ બતાવીને ગયો, આંખ કોરી જયાં બની ઘર ના બને. એ નથી સમણું રહ્યું એ સમજ, ટીસ હૈયે ઊઠી ગળતર ના બને.© ગાલગાગા ગાલગાગા ગાલગા "કાજલ" કિરણ પિયુષ શાહ
पीयूष गोयल के विचार
THE PLANET FREQUENCIES
यह रत्न आध्यात्मिक महत्व रखता है। इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति बुरी आत्माओं और नकारात्मक शक्तियों से बच जाता है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए रत्न अनुकूल है। यह उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा जो तनाव और अवसाद से पीड़ित हैं। काले टूमलाइन रत्न के महत्वपूर्ण लाभों में से एक उपचार रत्न के रूप में उपयोग करना है क्योंकि यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं और थकान की समस्याओं पर काबू पाने में मदद करता है। काला टूमलाइन रत्न मानसिक द्वंद को दूर करने में भी मदद करता है और उन लोगों के लिए बेहद लाभकारी साबित होता है जिनका दिमाग नकारात्मकता की ओर बहुत अधिक झुका होता है। काला टूमलाइन रत्न ध्यान और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए अत्यधिक उपयोगी है। इस प्रकार, वे व्यक्ति जो दुनिया को त्यागना चाहते हैं और आध्यात्मिक उन्नति की तलाश करना चाहते हैं, उन्हें इस अत्यंत परोपकारी रत्न को पहनना चाहिए।
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