*दोहा-सृजन हेतु शब्द--*
*करवाचौथ, चाँद, व्रत, सुहाग, दीर्घायु*
1 करवाचौथ
नेह प्रीत की डोर का,उत्सव करवाचौथ।
पति-पत्नी के बीच में, बँधे प्रेम की कौथ।।
2 चाँद
चाँद देखती पतिव्रता, छलनी से उस पार।
माँग रही वरदान वह, जीवन हो गुलजार।।
3 व्रत
व्रत का बड़ा महत्त्व है, तन-मन रहता चंग।
उपवासों से शुद्धता, दिल में भरे उमंग।।
4 सुहाग
हर नारी है चाहती, पाए अमर सुहाग ।
मंगलमय की कल्पना, मिल-जुल गाए राग।।
5 दीर्घायु
करें चरण स्पर्श हम, मात-पिता गुरु तात ।
दीर्घायु आशीर्वचन, फलीभूत दिन-रात।।
मात-पिता गुरु तात के, करें चरण इस्पर्श।
दीर्घायु आशीष से, उच्च मिलेगा अर्श।।
सदा रहें दीर्घायु पति, रखती हैं उपवास।
जनम-जनम का साथ हो, यह वर माँगें खास।।
मनोजकुमार शुक्ल " मनोज "
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