नेहरू फाइल्स

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नेहरू की भूलों की सूची में ‘आजादी से पूर्व की भूलों’ के तहत अधिक भूलें दर्ज नहीं हैं, जबकि उनकी ‘आजादी के बाद की भूलों’ की सूची काफी लंबी है और ऐसा शायद इसलिए है; क्योंकि आजादी से पहले सब चीजें सिर्फ नेहरू के नियंत्रण में नहीं थीं। उस समय महात्मा गांधी शीर्षपर थे और उन्हें काबू में रखने के लिए उनके ही कद के कई अन्य नेता भी मौजूद थे। इसके बावजूद नेहरू को जब कभी भी कोई आधिकारिक पद सँभालने का मौका मिला, उन्होंने मनमानी की। ऐसा एक अवसर खुद ही उनके सामने आ गया।

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नेहरू फाइल्स - भूल-1

[ 1 आजादी के पूर्व की भूले ]नेहरू की भूलों की सूची में ‘आजादी से पूर्व की भूलों’ के अधिक भूलें दर्ज नहीं हैं, जबकि उनकी ‘आजादी के बाद की भूलों’ की सूची काफी लंबी है और ऐसा शायद इसलिए है; क्योंकि आजादी से पहले सब चीजें सिर्फ नेहरू के नियंत्रण में नहीं थीं। उस समय महात्मा गांधी शीर्षपर थे और उन्हें काबू में रखने के लिए उनके ही कद के कई अन्य नेता भी मौजूद थे। इसके बावजूद नेहरू को जब कभी भी कोई आधिकारिक पद सँभालने का मौका मिला, उन्होंने मनमानी की। ऐसा एक अवसर खुद ही ...Read More

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नेहरू फाइल्स - भूल-2

भूल-2जिन्ना को पाकिस्तान की राह दिखानावर्ष 1937-38 के प्रांतीय चुनावों से पहले कांग्रेस को संयुक्त प्रांत में अपने दम सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीटें मिलने की उम्मीद नहीं थी। ऐसा मैदान में मौजूद उन दूसरे दलों के चलते था, जिनके पास जमींदारों और प्रभावशाली वर्गों का बेहद मजबूत समर्थन प्राप्त था। इसलिए सरकार बनाने में सक्षम होने के लिए उसने मुसलिम लीग के साथ एक उपयुक्त गठबंधन करने की योजना बनाई थी। मुसलिम लीग को पर्याप्त सीटें मिलें, जिससे गठबंधन सफल हो सके, इसलिए कांग्रेस के रफी अहमद किदवई (जो मोतीलाल नेहरू के निजी सचिव थे और मोतीलाल ...Read More

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नेहरू फाइल्स - भूल-3

भूल-3आत्मघाती कदम उठाना : मंत्रियों के इस्तीफे, 1939 वर्ष1936-37 में ग्यारह प्रांतों में हुए प्रांतीय चुनावों में कांग्रेस ने प्रांतों (यू.पी., बिहार, मद्रास, सी.पी. (मध्य प्रांत) और उड़ीसा) में पूर्ण बहुमत हासिल किया और चार प्रांतों में वह सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी (बंबई, बंगाल, असम और एन.डब्ल्यू.एफ.पी.)। कुल आठ प्रांतों में कांग्रेस के मंत्रिमंडलों का गठन किया गया। यू.पी. में गोविंद बल्लभ पंत, बिहार में श्रीकृष्ण सिन्हा, सी.पी. में एन.बी. खरे, बंबई में बी.जी. खेर, मद्रास में राजाजी, उड़ीसा में बिश्वनाथ दास, असम में गोपीनाथ बाेरदोलोई और एन.डब्ल्यू.एफ.पी. में डॉ. खान साहब ने उनका नेतृत्व (प्रीमियर ...Read More