Most popular trending quotes in Hindi, Gujarati , English

World's trending and most popular quotes by the most inspiring quote writers is here on BitesApp, you can become part of this millions of author community by writing your quotes here and reaching to the millions of the users across the world.

New bites

हम अपने जीवन में कई समस्याओं का सामना करते हैं और उनको हल करने के विचार करते रहते हैं। परंतु कई बार मन में इतने विचार आने लगते हैं कि उन विचारों से चिंता होने लगती है, “अब आगे क्या होगा?, कैसे होगा?” तब प्रश्न यह होता है की भविष्य की कितनी प्लानिंग करें जिससे चिंता से मुक्ति पा सकें।

Watch here: https://youtu.be/fGMN0yPSSLw

#futureplanning #selfhelp #selfimprovement #worry #DadaBhagwanFoundation

dadabhagwan1150

सभी धर्मों में कहां गया है कि ईश्वर परमदयालु है।

तो फिर परमात्मा के बने फिरते उपासकों द्वारा कि गई हत्याएं क्या परमात्मा, ख़ुदा या ईश्वर का आदेश था?

जो वह आदेश था तो फिर सर्वशक्तिमान ताकत दयालु कहां से मान ले?

मेरा मानना बस यही है कि कोई भी धर्म का कट्टरपंथी कभी भी जन्नत के द्वार के पास भी जा सकता नहीं है।

ईश्वरने जो कायनात हमें बक्सी है वहीं कायनात में सबको खुश रखनेवाले इंसान ही जिंदा रहकर भी स्वर्ग पा लेते हैं।

स्वर्ग मां के चरणों में हैं फिर किसी की भी मां रोनी नहीं चाहिए वरना हमारी सोच गलत दिशा में जा रही है।

parmarmayur6557

પ્રેમ નું આયુષ્ય
એના પર આધાર રાખે
છે કે એ
કરેલો છે કે થયેલો છે...!!

imap.21cn.com

अभी भी समय है, सुधर जाओ हिंदुओं,
वरना कहर बनकर दस्तक देगा भविष्य।
आज जो बांग्लादेश में जल रही आग है,
कल वही सीमा लांघकर आएगी—निर्दय, निष्ठुर।
एक-एक करके मरता जाएगा हिंदू,
और हम कहते रहेंगे—
“मैं बड़ा, तू छोटा,
मेरी जात ऊँची, तेरी नीची।”
अहम के सिंहासन पर बैठे हम,
एकता को ठुकराते रहे,
जात-पात की ज़ंजीरों में जकड़े रहे,
और दुश्मन हमें गिन-गिनकर काटते रहे।
दुश्मन ने कभी नहीं पूछा
तुम कौन सी जात के हो,
बस इतना देखा—
तुम हिंदू हो… और बस वही काफ़ी था।
तुम बने रहे “मैं” की भावना में,
“तू” और “वो” करते रहे,
और इसी बँटवारे की आग में
अपने ही लोग जलते रहे।
अगर अब भी नहीं जागे,
तो इतिहास यही लिखेगा—
हिंदू मारा गया हथियारों से नहीं,
बल्कि अपने ही अहंकार से।
अभी भी समय है—
जात नहीं, एकता चुनो।
मैं नहीं, हम बनो।
वरना याद रखना—
बँटा हुआ हिंदू,
हमेशा अकेला मरता है।

archanalekhikha

inko na sayri. na papa ki pari he. cut he. na koi line Marta he. na aapni tarif manjoor.he
ye to bus aapne desh ki tivar he

virdeepsinh

ના તારો વાંક ના મારો
વાંક
કારણ વગરનો શું કામ
કંકાસ…
-કામિની

kamini6601

नमस्कार-नवी कविता अभिप्रायसाठी-
दै.नवराष्ट्र -नागपूर- दि.२२-१२-२०२५
अंकात प्रकाशित
****
कवी अरुण वि.देशपांडे
चंद्र
****
वाट्यास आली काळी रात्र विरहाची
कोमेजे मुखचंद्र ,चांदणी दूर त्याची ।।

चंद्र प्रतिबिंब दिसे जळात साजरे
झोंबती एकट्यास शीतल ते वारे ।।

बिलगलेल्या जोड्या दिसे काठावरी
आठवण होता तिची कळ उठे अंतरी ।।

करिती जोडपी साजरी ही कोजागरी
त्याच्यासाठी मात्र एकांतरात्र अंधारी ।।

असतो म्हणे चंद्र प्रेमाचा साक्षीदार
का आले वाट्या क्षण विरह टोकदार ।।

बा चंद्रा, तू मित्र आहेस न त्याचा
संपवून टाक तूच वनवास त्याचा ।।
********************************
कवी अरुण वि.देशपांडे-पुणे
९८५०१७७३४२
********************************

arunvdeshpande

तोड़ा थोड़ी है,....✍️

jaiprakash413885

🫶imran 🫶

imaranagariya1797

🙏🙏सुप्रभात🙏🙏 ,
🌹आपका दिन मंगलमय हो 🌹

sonishakya18273gmail.com308865

રાષ્ટ્રીય ગણિત દિવસની શુભેચ્છાઓ..

#shabdone_sarname__
#shandone_sarname_

shefalishah

🤎imran 🤎

imaranagariya1797

शाम का वक़्त था। नदी बिल्कुल शांत थी, जैसे उसने दिनभर की सारी बातें अपने भीतर समेट ली हों। पानी की सतह पर आसमान झुका हुआ दिख रहा था—नीला, हल्का-सा गुलाबी, और कहीं-कहीं सुनहरी लकीरों से भरा। उसी किनारे बैठी थी मीरा, हाथ में एक पुरानी डायरी और आँखों में ढेर सारे अनकहे सवाल।
मीरा को लगता था कि ज़िंदगी भी नदी जैसी है—बहती रहती है, बिना रुके, बिना पूछे। कभी तेज़, कभी ठहरी हुई। आज वह ठहरी हुई थी। शहर की भागदौड़, लोगों की राय, और “क्या सही है, क्या गलत”—इन सब से दूर, वह बस अपने होने के एहसास को सुनना चाहती थी।
नदी के उस पार एक नाव धीरे-धीरे सरक रही थी। नाविक की चाल में अजीब-सी तसल्ली थी, जैसे उसे मंज़िल की जल्दी ही न हो। मीरा ने सोचा—कितना सुकून होगा, अगर इंसान भी ऐसे ही बिना हड़बड़ी के आगे बढ़ सके।
उसी पल हवा ने उसके बालों को छुआ, और डायरी के पन्ने खुद-ब-खुद पलटने लगे। एक पन्ने पर लिखा था—
“अगर दुनिया तुम्हें समझ न पाए, तो क्या हुआ? खुद से समझौता मत करना।”
मीरा मुस्कुरा दी। यह पंक्ति उसने बरसों पहले लिखी थी, जब उसे लगता था कि उसकी आवाज़ कहीं खो जाती है। आज वही आवाज़ नदी के शोर में भी साफ़ सुनाई दे रही थी।
अचानक पास ही एक छोटी-सी लड़की आई, हाथ में काग़ज़ की नाव। उसने नाव को पानी में छोड़ा और बोली, “दीदी, देखो! मेरी नाव दूर जाएगी न?”
मीरा ने कहा, “ज़रूर जाएगी, अगर उसे बहने दिया जाए।”
काग़ज़ की नाव लहरों के साथ आगे बढ़ गई—कभी डगमगाती, कभी सीधी। मीरा ने महसूस किया कि उसकी ज़िंदगी की तरह ही है। डर तो हर मोड़ पर है, पर रुक जाना समाधान नहीं।
सूरज धीरे-धीरे पानी में उतरने लगा। आसमान का रंग बदल गया, और नदी एक बड़े आईने की तरह चमकने लगी। उस आईने में मीरा ने खुद को देखा—थोड़ी थकी हुई, पर पहले से ज़्यादा सच्ची। उसे समझ आ गया कि शांति बाहर नहीं, भीतर होती है; और हिम्मत शोर नहीं करती, बस साथ चलती है।
मीरा ने डायरी बंद की, गहरी साँस ली, और उठ खड़ी हुई। अब उसे जवाब नहीं चाहिए थे, बस भरोसा चाहिए था—खुद पर। नदी पीछे रह गई, लेकिन उसका बहाव मीरा के कदमों में उतर चुका था।
और उस शाम, पानी के आईने में आसमान के साथ-साथ
मीरा ने अपना भविष्य भी साफ़ देखा—खुला, बेख़ौफ़, और बहता हुआ।

amreen5656

Do You Know that if you analyze the nature of suffering, then it will not feel like suffering? If you do precise and exact pratikraman (the process of recalling mistakes, asking for apology and resolving never to repeat it) for your suffering, it will not feel like suffering anymore.

Read more on: https://dbf.adalaj.org/WrlT6Asq

#suffering #forgiveness #spirituality #doyouknow #DadaBhagwanFoundation

dadabhagwan1150

રાષ્ટ્રીય ગણિત દિવસની શુભેચ્છાઓ💐

s13jyahoo.co.uk3258

"जिस इंसान के साथ सुकून बहुत मिलता है
उसके साथ वक्त बहुत कम मिलता है "

sonishakya18273gmail.com308865

ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं
https://www.instagram.com/reel/DSjtl3RjSYT/?igsh=MWUzNHRpczRvZ3pwNg==

mamtatrivedi444291

એટલે જ કેહવાય છે માં તે મા ! બીજા વગડાના વા.

diptisagarka948977

तुम विरोध करो।

ग़लत हो रहा है तो विरोध करो ।

तुम युद्ध लड़ो।

सब युद्ध तलवारों से लड़ें नहीं जाते।

कुछ युद्ध मन भीतर की आवाज सुनकर लडो।

अन्याय,असत्य और ग़लत
के खिलाफ बगावत करो।

तलवार नहीं बस तुम अपनी कलम को क्रियाशील करो।

कलम कागज़ की दोस्ती से सून पड़े दिमागों में नवचेतना का संचार करो।।

parmarmayur6557

મિત્રો સંક્ષિપ્ત મહાભારત ના પહેલા ભાગ માં 1072પાના છે અને બીજા ભાગમાં 1136પાના છે. મને વાંચવાનો બહુ શોખ છે એટલે જયારે પણ ટાઈમ મળે ત્યારે ધાર્મિક ગ્રંથો ની ખરીદી કરવી ગમે છે. મારી પાસે. તુલસી કૃત રામાયણ, વાલ્મિકી રામાયણ, શ્રીમદ્ ભાગવત પુરાણ, ગણેશ પુરાણ, શિવ મહાપુરાણ,2 શ્રીમદ્ ભાગવત ગીતા, 1 સંક્ષિપ્ત રામાયણ, 2 વિષ્ણુ સાહસ્ર નામાવલી છે. હજુ તો આજીવન ગ્રંથો લેવા ના છે

aryvardhanshihbchauhan.477925

✤┈SuNo ┤_★_🦋
दौड़ती दुनिया में सुकून की तलाश
                बेकार है,

यह तो बस मन के भीतर का एक
               विचार है,

खोजता है  जिसे तू  महलों  की
            चकाचौंध में,

वो तो बस संतुष्टि के छोटे से घर
              का द्वार है,

नहीं चाहिए उसे किसी की जीत या
             किसी की हार,

जिसने थाम लिया है धैर्य और कर्म
               का पतवार,

मिलेगा ज्ञान उसे ही जो शोर में भी
                  मौन है,

शांत मन ही तो असली खुशियों का
                आधार है,

अहंकार  को  छोड़  जो  भक्ति में
             लीन रहता है,

सच्चा सुख भी, बस वही मुसाफिर
               सहता है,

न दुख  में  विचलित,  न  सुख में
              अभिमानी,

उसका जीवन ही महादेव की कृपा
    की कहानी कहता है…😌👏

#हर_हर_ 🔱महादेव..🍃🙏
#𝐉𝐀𝐈_𝐒𝐇𝐑𝐄𝐄_𝐑𝐀𝐌 ..🚩
 सुप्रभात..🌹
#motivatforself 😊°  
╭─❀💔༻ 
╨──────────━❥
#LoVeAaShiQ_SinGh
⎪⎨➛•ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी°☜⎬⎪
╨────✥}}{{✥───━❥

loveguruaashiq.661810

💛imran 💛

imaranagariya1797

🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏
🌹 आपका दिन मंगलमय हो 🌹
🙏🌹🙏ओम् नमः शिवाय 🙏🌹🙏

sonishakya18273gmail.com308865