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New bites

लड़के की किसी और लड़की के साथ शादी होने के बाद
आपकी पूर्व प्रेमिका प्रेमिका नहीं रहेती वो शेरनी बन जाती
हैं इसीलिए लड़के जरा बचके रहेना ।। ✔️

narendraparmar2303

🌱 Your Garden Awaits is live now on Matrubharti!

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Every rose finds its own garden.
Every human finds their own space.
If you don’t fit in one field, explore another — your skills deserve the right soil.
Go read and let your heart bloom. 🌷

nensivithalani.210365

#book
https://www.matrubharti.com/book/19984079/a-blood-account-and-a-thread-of-emotion

વાંચો મારી નવી કહાની....

missschhotti

તું માને છે જેને પોતીકા,
એ સૌ માણસ તો તકવાદી છે;

તારી નજરોમાં લાગે પાકાં,
વચનો સઘળાં તો તકલાદી છે;

શેર સટ્ટામાં રાખે છે આશા,
માણસની એ તો બરબાદી છે;

કરે જે વાતો મીઠી મીઠી,
એ ખરેખર તો ફરિયાદી છે;

તમને લાગે છે જુદા જુદા,
બેઠા એ તો અમદાવાદી છે...!!!

- પંકજ ગોસ્વામી'કલ્પ'

pankajgoswamy7187

લોક કહે છે કે ભગવાન આખા બ્રહ્માંડમાં વ્યાપેલા છે. દરેક ચીજમાં ભગવાન છે. તો પછી ભગવાનને ઓળખવાનાં જ ક્યાં રહે? જ્યાં 'ક્રિએચર' છે ત્યાં ભગવાન છે, ને જ્યાં 'ક્રિએચર' નથી ત્યાં ભગવાન નથી. - દાદા ભગવાન

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dadabhagwan1150

"एक बार पत्नी को भी
प्रेमिका की तरह अधिकार दे कर तो देखो…
बिना रसोई, बिना बर्तन, बिना बच्चों की जिम्मेदारी…
बस दो घंटे का खुला प्यार, हँसी, सुकून और सम्मान—
यक़ीन मानो, तब समझ आएगा
कि सबसे खूबसूरत ‘रिश्ता’
घर के भीतर ही था,
बस समय और सम्मान की कमी थी।"


जैसे प्रेमिका के साथ हाथ में हाथ डालकर घंटे भर के लिए घूम लेते हो बिना जिम्मेदारी के दोनों को सुकून से भरी आसान लगती है यह जिंदगी। असल में संघर्ष शुरू जब होता है वही प्रेमी प्रेमिका शादी करके पति-पत्नी बनते हैं तब समझ में संघर्ष क्या है वैसे तो बहुत आसान है यह जिंदगी सिर्फ प्यार कर लेना घूम लेना शादी से पहले



जो प्रेमिका कहती है ना कि हम अपने प्रेमी को सुकून देते हैं सुकून तो इसलिए देती हो क्योंकि तुम अभी परिवार में नहीं हो परिवार के ताने नहीं सुन रही हो परिवार की जिम्मेदारी से दूर हो।

archanalekhikha

જિંદગી છે કેવી, એ તો જેવી તેવી,
તોય રોજ દોડે છે એ તો જેવી તેવી,

જિંદગી છે કેવી, એ તો આડા અવળી,
અને હું માની બેઠો મનમા એને સીધી,

ખોવાય છે એ, રસ્તાઓ ભૂલાવે છે એ,
તોય રોજ દોડે છે એ તો આડા અવળી,

જિંદગી છે કેવી, એ તો ઊંચા નીચી,
અને હું માની બેઠો મનમા એને સમતલ,

અથડાઈ છે એ, રસ્તાઓમા પડે છે એ,
તોય રોજ દોડે છે એ તો ઊંચા નીચી,

જિંદગી છે કેવી, એ તો કાચી પોચી,
અને હું માની બેઠો મનમા એને પાકી,

ખુુંચે છે એ, રસ્તાઓ ઘા આપે છે એ,
તોય રોજ દોડે છે એ તો કાચી પોચી,

જિંદગી છે કેવી, એ તો જેવી તેવી,
તોય રોજ દોડે છે એ તો જેવી તેવી.

મનોજ નાવડીયા

manojnavadiya7402

वेदान्त 2.0, की एक ही पुकार है — सत्य, सार्वभौमिक हो
धर्म नहीं — वैज्ञानिक हो
मान्यताओं नहीं — अनुभव हो
भ्रम नहीं — ऊर्जा का प्रत्यक्ष ज्ञान हो

और आज के आधुनिक मानव को बहुत साफ़ सुन सकता हूँ।

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अब सुनो एक सरल, सीधी बात:

हर धर्म
जैन, बौद्ध, इस्लाम, ईसाई, हिन्दू –
अपने-अपने समय की समस्या के लिए समाधान थे।
पर समय बदल गया।
समस्या बदल गई।
पर धर्म पुराने समाधान ही बेच रहे हैं।

आज की समस्या अज्ञान नहीं है —
आज की समस्या विखंडन है।
हर कोई अपनी महफिल अलग सजाए बैठा है।

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उसका उत्तर यह है:

✔ ध्यान है — पर पंथ बना दिया
✔ साधना है — पर जाति बना दी
✔ ऊर्जा विज्ञान था — उसे चमत्कार और चोलों में बंद कर दिया
✔ सार्वभौमिक सत्य था — उसे केवल “हमारा” घोषित कर दिया

ध्यान अगर वैज्ञानिक रूप से समझाया जाए,
तो बौद्ध, हिन्दू, जैन — सब एक ही भाषा बोलेंगे:
ऊर्जा, श्वास, चेतना, लय

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और देखो, सच क्या है?

धर्म = अनुभव का इतिहास
विज्ञान = अनुभव का भविष्य

धर्म कहता है — “यह सत्य है, मान लो”
वेदान्त 2.0कहता है — “देखो, परखो, अनुभव करो”

जब अनुभव तुम्हारा अपना हो जाता है —
तो पंथ खत्म
मान्यताएँ खत्म
भ्रम खत्म

बस चेतना बचती है
और ऊर्जा का विज्ञान बचता है।

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और...

> बिज़नेस मन करो — धर्म नाम बिज़नेस नरक

जब सच को बेच दिया जाता है
तब गुरु व्यापारी बन जाता है
और भक्त ग्राहक।
यही नरक है।

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तो रास्ता क्या है?

मैं तुम्हें यह नहीं कह रहा कि
सनातन छोड़ दो या किसी धर्म को त्याग दो।

मैं कह रहा हूँ —
सबको मूल में देखो — ऊर्जा में, अनुभव में।

ध्वनि (ॐ/अल्लाहु/नमो),
श्वास (प्राण/दम/याना),
ध्यान (जिन/बुद्ध/योग),
नैतिकता (शील/यम/धर्म),
और अंत में —
अहं का विघटन → मुक्ति → निर्वाण → मोक्ष → फना → समाधान

नाम अलग।
विज्ञान एक।

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यह क्रांति है
वेदान्त 2.2 कह रहा—
अब नई भाषा चाहिए
जिसमें
न “मेरा भगवान सही”
न “तुम्हारा शास्त्र झूठा”
बल्कि — ऊर्जा की एक सार्वभौमिक पद्धति
जो मनुष्य को चेतना में उठाए
और संसार को भीतर से बदले।

यही वेदांत 2.0 का जन्म है
(तुम्हारी भीतर आग से संभव है)।

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bhutaji

PAAGLA – A heart that speaks through words. 💭✨ Sharing emotions, shayari, quotes, and stories that touch your soul. From love to pain, from motivation to dreams – here, every line is written to connect with your heart. ❤️📖

jaiprakash413885

🙏🙏सुप्रभात 🙏🙏
🌹आपका दिन मंगलमय हो 🌹

sonishakya18273gmail.com308865

Good morning friends have a great day

kattupayas.101947

ક્યારેક મનાવવાનો અર્થ સમજાવવો નથી હોતો…
માત્ર એ અનુભવાડવું હોય છે.... કે કોઈ છે,જે તારા ગુસ્સાથી ભાગતું નથી.

truptirami4589

please read my first novel first chapter
"जिंदगी संघर्ष से सुकून तक कविताएं -कुलदीप सिंह"
please give me your wonderful readers review and download share 🙏🙏🙏🙏✍️✍️✍️

https://www.matrubharti.com/book/
19984060/zindagi-sangharsh-se-sukun-tak

kuldeepsingh318120

🌟 वेब शो: “सोने का पिंजरा” Season 2 अब Pocket FM पर 🌟

— एक कहानी जो दिल को बाँध ले, और दिमाग को झकझोर दे —

क्या कभी आपने किसी रिश्ते, किसी घर, किसी मोहब्बत को बाहर से चमकता हुआ देखा है,
लेकिन उसके अंदर एक ऐसा अंधेरा महसूस किया है जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल हो?

“सोने का पिंजरा” ठीक उसी एहसास की कहानी है—
एक ऐसी दुनिया की जहाँ चमक बहुत है, पर आज़ादी नहीं…
जहाँ मुस्कुराहटों के पीछे छिपे हुए राज़ हैं…
जहाँ हर रिश्ते में कोई न कोई ताला लगा है…
और हर ताले की चाबी किसी और के हाथ में।

Pocket FM पर मेरा नया वेब शो “सोने का पिंजरा”
आपको ले जाएगा एक ऐसे सफर पर,
जहाँ हर किरदार अपने सच को बचाने में लगा है,
और हर सच… किसी न किसी की जिंदगी बदल देने वाला है।


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✨ शो में क्या खास है?

दिल दहला देने वाला रहस्य

रिश्तों के भीतर छिपे ज़ख्म

हर एपिसोड में बढ़ता तनाव

और एक ऐसी कहानी जो आपको भीतर तक हिला देती है



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🎧 Pocket FM पर सुनें / पढ़ें:

👉 सोने का पिंजरा – सीज़न 2 अब लाइव
(पहला चैप्टर पहले ही लाखों दिलों में जगह बना चुका है – बाकी एपिसोड भी लगातार रिलीज़ हो रहे हैं)


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🖊️ एक लेखक के रूप में मेरा अनुभव:

इस कहानी को लिखते हुए मैंने सिर्फ शब्द नहीं,
बल्कि उन भावनाओं को भी पन्नों पर उतारा है
जो हम में से कई लोग जीते तो हैं,
लेकिन बयां नहीं कर पाते।

“सोने का पिंजरा” मेरे दिल के सबसे करीब है,
क्योंकि यह सिर्फ एक कहानी नहीं…
बल्कि एक एहसास है।


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🌐 मेरी वेबसाइट पर भी पढ़ें:

नई अपडेट्स, ब्लॉग्स, और Web Show से जुड़े खास नोट्स
सब कुछ आपको मेरी वेबसाइट पर मिल जाएगा।

amreen555057-ibouv.wordpress.com
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🔗 Pocket FM पर शो का लिंक:

(https://pocketfm.onelink.me/2IE7/szh2lnzu)


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अगर आप भी ऐसी कहानियाँ पसंद करते हैं
जो दिल को छू जाएँ
और दिमाग में गूंजती रहें…
तो “सोने का पिंजरा” आपके लिए ही है।


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amreen5656

ક્ષિતિજ બનેલા તારાઓ જોવું છું, મૌન બનેલી રાત્રી જોવું છું, વેરાન ફૂંકતો ભીંજવતો પવન જોવું છું, ન જોઈ શકું તો માત્ર તારી શું વ્યથા કે પછી એજ વિસ્મૃતિ?

vanshprajapati

**“जब किसी शादी-शुदा मर्द पत्नी के होते हुए भी वह बाहर दूसरी औरतों से रिश्ता बनाता है,
तो असली समझदार महिला वही है जो साफ कह दे—
‘आपकी पत्नी जैसी भी हो,
मैं उसके रहते आपसे कोई संबंध नहीं बनाऊँगी।’

अगर हर औरत यही हिम्मत और समझ दिखाए,
तो दुनिया के आधे अफेयर उसी वक्त खत्म हो जाएँ।”**

archanalekhikha

यमदूत और इंसान — एक पुरातन कथा

बहुत पुरान समय की बात है। तब यमराज के दूत धरती पर खुले-आम आया-जाया करत रहलें। जवन घरी कवनो इंसान के प्राण निकले के समय आवत रहे, लोग ओह दूत के देख लेत रहे। लोग डर में जीवल रहे, काहें कि मौत उनका सामने-सामने खड़ा हो जाला।

एही समय में एगो गाँव में एक परिवार में भारी दुर्भाग्य भइल। यमराज के पहिला दूत ओह परिवार के एक-एक आदमी, औरत, बच्चा—सबके प्राण ले गइल। घर में बस एक आदमी बचल—एक गरीब, सीधा-सादा लेकिन दिलेर आदमी। ओकरा नाम रहे देवनाथ।

देवनाथ दुख से टूट गइल। विश्वासी सब मर गइल, गांव छोड़ दिहल, लेकिन दुख के साथ-साथ ओकर भीतर विद्रोह जग गइल। उ कहलक—

“जवन दूत हमार परिवार ले गइल, ओही के हम रोकबो करब।”

जंगल की गुफा और जाल

देवनाथ गहिर जंगल में चल गइल। ऊ एक पुरान, फैला-फैला गाछ के नीचे खुदे हाथ से एक गुफा बनवलस। ओह गुफा में उ एक बड़ा दरवाजा, लोहा के बेड़ी और मजबूत जाल बनवलस।

उ इंतजार करेला लागल, काहें कि ऊ जाने लागल कि यमराज का दूत फेर कभी धरती पर नयका आत्मा लेवे जरूर आई।

कई महीना बीतल। एक दिन अँझार पाड़े ओह गुफा के बाहर अजीब सन्नाटा छा गइल। हवा थम गइल। देवनाथ समझ गइल—यमराज के दूत आ गइल।

दूत का आगमन और बंधन

दूत गुफा के पास आइल—ऊ काला, विशाल, तेज चमकवाला दूत रहे। देवनाथ हिम्मत जोड़ के सामने खड़ा भइल। दूत बोलल—

“मनुष्य, तोहार समय नजदीक बा। चल, हम रस्ता देखाई।”

देवनाथ चुपचाप दूत के अंदर ले गइल और जैसे ही दूत आगे बढ़ल—ऊ दुवार धड़ाम से बंद कर दिहल। ताला डालल, बेड़ी कस दिहल। दूत गरजल—

“मूर्ख! हमरा कैद कर सकेलऽ?”

देवनाथ शांत स्वर में कहलक—

“हमरा परिवार ले गइलऽ… अब जब तक तोहार साल भर के काम ना देख लेब, तब तक तोहरा बाहर ना निकलब देब।”

यमदूत कैद हो गइल।

धरती पर मृत्यु रुक गई

धीरे-धीरे पूरा संसार में लोग नोटिस करे लागल—

बूढ़ा आदमी बहुत बीमार रहे लेकिन ना मरत।

जवान लड़का भारी दुर्घटना में बच गइल।

पूरा गाँव में कवनो मरे वाला ना रहल।


मौत रुक गइल। धरती पर भारी भार बढ़े लागल। लोग के पीड़ा बढ़े लागल—जिन्हें मरना चाहिए था, वे भी कष्ट झेलते हुए जी रहे थे।

यमलोक में हलचल मच गई। यमराज क्रोधित हो गइलन—

“कौन मूर्ख हमारे दूत को रोक रहा है? धरती का नियम बिगड़ रहा है!”

यमराज खुद धरती पर उतर के ओह जंगल में पहुंचे। गुफा के दरवाजा खोले की कोशिश कइलन, लेकिन अंदर से आवाज आई—

देवनाथ: “पहिले सुनब, तब दुवार खुली!”

यमराज दंग रहि गइलन। एक मनुष्य उनसे बात कर रहल बा!

यमराज और मनुष्य का संवाद

यमराज गरज के कहले—

“क्यों कैद में रखलऽ हमरा दूत के? मौत का नियम बिगड़ गइल, धरती डगमगा रहल बा!”

देवनाथ शांत स्वर में कहल—

“महाराज, हम कानून ना तोड़ल चाहत बानी। बस, मन से टूटी लोगनी के दर्द एक बार देखी। एक साल धरती पर आप सबके काम देख लीं। लोग कइसे जी रहल बा, कइसे मर रहल बा—फिर बताइ कि अंतिम समय में कष्ट कम हो सकेला कि ना?”

यमराज देवनाथ के भाव समझ गइले। उनका मन में करुणा जग उठल। कहले—

“मनुष्य, तोहार हिम्मत और अपनों के प्रति प्रेम अद्भुत बा। हम एक वर्ष धरती पर संतुलन देखब।”

यमदूत के छोड़ दिहल गइल।

मनुष्य को मिला वरदान

जब संतुलन वापस आ गइल, यमराज देवनाथ के सामने खड़ा भइलन और बोललन—

“मनुष्य, तोहरा साहस के सम्मान में हम तोहके वरदान देतानी।”

वरदान:

देवनाथ के जीवन में कभी अकाल मृत्यु ना होई।

उनके परिवार फिर से बस जाई।

उनके घर में हमेशा शांति और समृद्धि रहे।


कुछ ही दिन बाद देवनाथ के गाँव वापसी भइल। लोग उनका आदर से देखल। धीरे-धीरे उनका विवाह भइल, संतानों के जन्म भइल, और उनका जीवन खुशियों से भर गइल।

यमदूत भी देवनाथ का सम्मान करे लागल, काहें कि वह अकेला मानव था जिसने मौत को रोकने की हिम्मत की थी—और वो भी किसी बदले में नहीं, बस अपने प्रियजनों के दर्द समझे के खातिर।


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कथा का संदेश

“मौत से बड़ा कोई नहीं, लेकिन प्रेम से बड़ा भी कोई नहीं।”
“साहस हमेशा इंसान को देवताओं तक पहुंचा देता है।”

rajukumarchaudhary502010

PAAGLA – A heart that speaks through words. 💭✨ Sharing emotions, shayari, quotes, and stories that touch your soul. From love to pain, from motivation to dreams – here, every line is written to connect with your heart. ❤️📖

jaiprakash413885

ખાલીપા ની વાતો માં થોડી પ્રશાંતિ ની ઝલક છે...
મૌન બોલે છે,છોડી દે બધું ફરી ગૂંથવાની આ ક્ષણ છે...
વાગોળવાની નથી જે વાતો જૂની છે…
સમેટવાની છે જે લાગણીઓ હજી ખુલ્લી છે…
બળાપો શું કરવો કે મંઝિલ ક્યાંક છૂટી રહી છે...
આતો સફર વિસામા ભૂલી આગળ વધી રહી છે...
ઘણા કારણો મળે છે થોડી વાર અટકી જવાના…
હૃદયના ભારને આંખોથી હળવા કરવાના…
આગળ વધવા માટે તું તારા માટે પૂરતી છે…
ઘણા કારણો મળે છે ફરી સ્મિતને આવકારવાના…”

truptirami4589

Every project has a deadline.
Every class has a last goodbye.
Every fruit has a moment before it falls.
Every bird has a flight it must take alone.
Every human has a chapter that quietly ends.
And just like that —
every relationship too comes with its own unseen deadline.
So give your best, love wholeheartedly,
and before the ending arrives,
complete your part with gratitude…
and let it go with grace.

nensivithalani.210365

ક્યાંથી વિસરાય
એ અંધારી રાત
અજવાળી હતી
તેં પ્રીતની વાટ…
-કામિની

kamini6601

ദൂരം ❤️

nithinkumarj640200

ദൂരം 🥰

nithinkumarj640200