Quotes by Sonu Kumar in Bitesapp read free

Sonu Kumar

Sonu Kumar

@sonukumai


SIR का लक्ष्य केवल इतना है कि बिकाऊ NGO-मुखिया प्रजातंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं को गुमराह कर सकें, ताकि प्रजातंत्र समर्थकों को EvmBlackGlass डेमो देखने का समय न मिले। इसके अलावा कोई और लक्ष्य नहीं है!!!

भारत में लगभग 1 करोड़ सच्चे “कार्यकर्ता” हैं। अधिकांश कार्यकर्ता अपनी 90% ऊर्जा और समय केवल 1–2 मुद्दों पर लगाना चाहते हैं। उदाहरण के लिए—कुछ केवल कुत्तों के लिए काम करना चाहते हैं और कुछ नहीं। कुछ केवल पेड़ों को बचाना चाहते हैं। कुछ के लिए सक्रियता का मतलब सिर्फ शाकाहार/वीगनिज़्म है। कुछ के लिए सक्रियता हिन्दू–मुस्लिम मुद्दे से शुरू होकर वहीं खत्म होती है। कुछ के लिए सक्रियता सिर्फ “रागा का विरोध” या “मोदी का विरोध” है। कुछ केवल स्वास्थ्य मुद्दों पर काम करते हैं।

ये कार्यकर्ता पैसों के लिए नहीं हैं।

कुछ 30–40 साल पहले बड़ी संख्या में गरीब-समर्थक कार्यकर्ता हुआ करते थे, जो समय के साथ कम हुए हैं। समय के साथ पेड़-कार्यकर्ता, वीगन कार्यकर्ता, कुत्ता-प्रेमी कार्यकर्ता, पर्यावरण कार्यकर्ता और हिन्दू-मुस्लिम मुद्दों वाले कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ी है।

और लगभग 50 हज़ार से 1 लाख (या 10 हज़ार) ऐसे लोग हैं जो लोकतंत्र-कार्यकर्ता हैं!! यानी उनके लिए लोकतंत्र सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है।

मैं दोहराता हूँ—भारत में लगभग 50 हज़ार सच्चे कार्यकर्ताओं के लिए लोकतंत्र सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है।

अब लगभग सभी कार्यकर्ता-नेता, पत्रकार, राजनीतिक अंधविश्वास पढ़ाने वाले प्रोफ़ेसर, समाजशास्त्र के प्रोफ़ेसर आदि केवल पैसों के लिए खेल में हैं। उन्हें पैसे दिए जाते हैं ताकि कार्यकर्ताओं को व्यस्त रखा जाए, और वे EvmVoteChori, USA के चुनाव-रिकॉल ज्यूरी कानून, हथियार, खनिज, प्लॉट, प्रतिगामी कर-व्यवस्था, अफ़ीम–भांग की उपयोगिता, और भोजन/सप्लीमेंट/दवाओं में ज़हर के मुद्दों पर ध्यान न दे सकें।

तो मैं फिर कहता हूँ—

(1) लगभग 50 हज़ार (या 10 हज़ार) लोकतंत्र-कार्यकर्ता हैं!! यानी उनके लिए लोकतंत्र ही सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है।

(2) सभी “कारणों” के कार्यकर्ता-नेता पैसे लेकर सभी कार्यकर्ताओं को इतना व्यस्त रखते हैं कि उन्हें EvmVoteChori, रिकॉल कानून, खनिज, प्लॉट, प्रतिगामी कर-व्यवस्था और भोजन/सप्लीमेंट/दवा में ज़हर जैसे मुद्दों को देखने का समय न मिले।

समस्या यह है—EvmBlackGlass डेमो प्रजातंत्र कार्यकर्ताओं के दिमाग को इस हद तक अपनी ओर खींच रहा है कि उनके नेता उन्हें “बैलट पेपर लाओ” वाले मुद्दे पर भी नहीं ला पा रहे हैं।

इसलिए प्रजातंत्र-कार्यकर्ताओं को व्यस्त रखने में SIR महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

----------------

Read More

SIR का असली मकसद केवल इतना है कि बिकाऊ NGO-माथे (NGO-heads) प्रजातंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं को गुमराह कर सकें, ताकि वे EvmBlackGlass का डेमो देखने के लिए समय ही न निकाल पाएं।

SIR का और कोई उद्देश्य नहीं है!!!

भारत में लगभग 1 करोड़ असली “कार्यकर्ता” हैं।
इनमें से ज़्यादातर कार्यकर्ता अपना 90% समय-ऊर्जा सिर्फ 1–2 मुद्दों पर लगाना चाहते हैं।
जैसे—

कुछ लोग सिर्फ कुत्तों के लिए काम करना चाहते हैं और कुछ नहीं।

कुछ सिर्फ पेड़ों को बचाने के लिए काम करना चाहते हैं।

कुछ के लिए एक्टिविज़्म का मतलब सिर्फ वीगनिज़्म है।

कुछ के लिए एक्टिविज़्म हिन्दू-मुस्लिम मुद्दे से शुरू होकर वहीं खत्म हो जाता है।

कुछ के लिए एक्टिविज़्म सिर्फ “रागा का विरोध” या “मोदी का विरोध” है।

कुछ सिर्फ स्वास्थ्य पर काम करते हैं।


ये कार्यकर्ता पैसे के लिए काम नहीं करते।

कभी भारत में बड़ी संख्या में गरीब-समर्थक कार्यकर्ता हुआ करते थे (30–40 साल पहले), पर समय के साथ उनकी संख्या कम हो गई।
अब पेड़-कार्यकर्ता, वीगन कार्यकर्ता, कुत्ता-प्रेमी कार्यकर्ता, पर्यावरण कार्यकर्ता और हिन्दू-मुस्लिम मुद्दों पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ गई है।

और लगभग 50,000 से 1,00,000 लोग डेमोक्रेसी एक्टिविस्ट हैं—
अर्थात जिनके लिए “लोकतंत्र” सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है।

मैं दोहराता हूँ—भारत में लगभग 50,000 सच्चे कार्यकर्ता ऐसे हैं जिनके लिए लोकतंत्र सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है।

लेकिन लगभग सभी “कार्यकर्ता-नेता”, पत्रकार, राजनीतिक अंधविश्वास पढ़ाने वाले प्रोफेसर, समाजशास्त्र के प्रोफेसर—ये सब सिर्फ पैसे के लिए खेल में हैं।
इनका काम है कि कार्यकर्ताओं को इतना व्यस्त बनाए रखें कि उन्हें EvmVoteChori, USA की recall-jury laws, हथियार, खनिज, प्लॉट, उल्टे कर (regressive taxation), अफ़ीम/गांजा की उपयोगिता, और खाने-दवाई-सप्लिमेंट में मौजूद ज़हर जैसे मुद्दों पर सोचने का समय न मिले।

इसलिए मैं फिर दो बातें कह रहा हूँ—

(1) लगभग 50,000 सच्चे लोकतंत्र-समर्थक कार्यकर्ता हैं जिनके लिए लोकतंत्र सबसे बड़ा मुद्दा है।
(2) सभी क्षेत्रों के “कार्यकर्ता-नेता” पैसे लेकर इन कार्यकर्ताओं को व्यस्त रखते हैं ताकि वे EvmVoteChori, Recall Laws, खनिज, प्लॉट, उल्टे टैक्स और खाने-दवाइयों में ज़हर जैसे असली मुद्दों की ओर ध्यान न दे सकें।

समस्या यह है कि—
EvmBlackGlass डेमो ने प्रजातंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं का ध्यान इतना खींच लिया है, कि उनके नेता अब उन्हें “बैलेट पेपर लाओ” जैसे मुद्दों के अलावा किसी और मुद्दों में उलझा नहीं पा रहे हैं।

इसीलिए इन प्रजातंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं को व्यस्त रखने में SIR बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

सैकड़ों करोड़ रुपये बर्बाद किए जा रहे हैं—
सिर्फ इसलिए कि यह डेमो जनता के बीच लोकप्रिय न हो पाए!!!
..
https://www.facebook.com/share/p/1BHNLqZwqM/

Read More

वोट वापसी पासबुक यानी वोट वापस लेने का कानून ।

भारत की जनता को यह कानून मिल जाता है तो भारत अगले ही 3 साल में अमेरिका से मजबूत बन जाएगा । प्रति व्यक्ति आय में काफी इजाफा होगा । भ्रष्टाचार, बेईमानी, लेट लतीफी , अकर्मण्यता खत्म हो जाएगी । भारत की सेना अमेरिका की सेना के बराबर या उनसे ज्यादा मजबूत हो जाएगी ।

कोई भी राजनीतिक पार्टी या नेता आगे बढ़कर यह कानून जनता को नही देगा । अतः जनता इन नेताओं व पार्टियों पर दवाब बनाए और इस कानून की मांग करे ।

Read More

जज सिस्टम बनाम जूरी सिस्टम

वोट वापसी कानूनों के अलावा जूरी सिस्टम होना सबसे बड़ी वजह रही कि अमेरिका-ब्रिटेन जैसे देश भारत जैसे देशो से तकनीक के क्षेत्र में आगे, काफी आगे निकल गए।

जूरी मंडल ने वहां के छोटे-मझौले कारखाना मालिको की जज-पुलिस-नेताओं के भ्रष्टाचार से रक्षा की और वे तकनिकी रूप से उन्नत विशालकाय बहुराष्ट्रीय कम्पनियां खड़ी करने में सफल हो पाए

राजा को प्रजा के अधीन होना चाहिए। वर्ना राजवर्ग अन्यायपूर्ण कानूनों का इस्तेमाल करके प्रजा को लूट लेगा, और राज्य का विनाश होगा !!

प्रजा के अधीन नहीं होने पर राजवर्ग अन्याय, खूसट से दंड लगाकर प्रजा का उसी तरह भक्षण कर जायेगा जैसे मांसाहारी पशु शाकाहारी जीवो को खा जाते है !!

राजा को प्रजा के अधीन होना चाहिए, वर्ना वो प्रजा को लूट लेगा और राज्य का विनाश होगा - सत्यार्थ प्रकाश

Read More

कुछ ज्ञानी लोग बैलेट पेपर से चुनाव कराने पर पेड़ काटने पर ज्ञान दे रहे हैं तो उनको मैं बताना चाहता हूं एक दिन अखबार छापने में जितना पेड़ काटना पड़ता है उससे भी काम कागज में बैलेट पेपर छप सकता है जिस दिन चुनाव हो उस दिन का अखबार छापने की छुट्टी रख सकते हैं l

Read More

अगले 2 साल में EVM हट जाती है तो राजस्थान में हम वोट वापसी मुख्यमंत्री कानून के समर्थन वाला मुख्यमंत्री बना देंगे l

एक बार ईवीएम चली गई, तो मेरा मानना ​​है कि कांग्रेस, आरएसएस और आप हारने लगेंगे और बिखरने लगेंगे। और इसलिए उनके समर्थकों को विकल्प तलाशने पर मजबूर होना पड़ेगा।

Read More

वोट वापसी जिला पुलिस अधीक्षक कानून, जूरीकोर्ट
नारको टेस्ट इन पब्लिक
जैसे कानून लागू होने पर इस तरीके की संभावना है बहुत कम रहेगी l
थाना प्रभारी ने वकील और उसकी मां-बहन को डंडे, बेल्ट जो मिला उससे पीटा, अधिवक्ताओं के हमले से सिपाही घायल | Patrika News | हिन्दी न्यूज https://share.google/M90gOiZmo2HE843Wh
..

Read More

जो लोग बोलते हैं कि "ईवीएम हटाओ सेना" के लोग सुप्रीम कोर्ट में जाकर, सुप्रीम कोर्ट के जज को डेमो क्यों नहीं दिखाते हैं ?, उनके लिए यह उत्तर लिखा गया है:
.
(01) हम सुप्रीम कोर्ट में EVM को इसलिए लेकर नहीं जा पा रहे हैं, क्योंकि उसके लिए एक प्रोफेशनल वकील हायर करना पड़ेगा, और वह वकील 10 लाख रुपए से लेकर 25 लाख रुपए तक मांग सकता है।
.
(02) हमको, सुप्रीम कोर्ट के एक बहुत बड़े वकील ने, सुप्रीम कोर्ट के जज को डेमो दिखाने के लिए एक बार बुलाया भी था।
.
(03) ईवीएम हटाओ सेना के प्रभारी "श्री पवन जूरी" जी EVM डेमो मशीन लेकर सुप्रीम कोर्ट के हॉल में पहुंच भी गए थे।
.
(04) लेकिन सुप्रीम कोर्ट के बड़े वकील ने, श्री पवन जूरी जी के द्वारा बार-बार कॉल करने पर भी उन्हें अंदर बुलाकर सुप्रीम कोर्ट के जज को डेमो दिखाने नहीं दिया था।
.
(05) यह इस बात का इशारा है, कि, अगर हम 25 लख रुपए देकर कोई प्रोफेशनल वकील हायर कर भी लेते हैं, तो भी, वह हमें धोखा दे सकता है — इसलिए हम जन आंदोलन करना चाहते हैं।
.
(06) हमारा जन आंदोलन का तरीका है, भारत के 98 करोड़ मतदाताओं को "श्री राहुल मेहता जी" द्वारा आविष्कार किए गए EVM से डेमो दिखाना।
.
(07) हम 2019 से, EVM के काले काँच का डेमो जनता को दिखाने का काम लगातार कर रहे हैं।
.
(08) इस दौरान हमें अनुभव प्राप्त हुआ है कि भारत के 98 करोड़ मतदाताओं में से 70 से 80 करोड़ मतदाता चाहते हैं कि भारत का सभी चुनाव केवल और केवल बैलट पेपर से होना चाहिए।
.
(09) जब देश के 98 करोड़ मतदाता अपनी आंखों से "श्री राहुल मेहता" जी द्वारा आविष्कार किया गया EVM से डेमो को देख लेंगे, तो भारत में बहुत बड़ा जन आंदोलन खड़ा हो जाएगा।
.
(10) तब बैलट पेपर से वोट देने का- कानून लागू करवाने के लिए देश के अधिकतर नागरिक हर महीने प्रधानमंत्री को या मुख्यमंत्री को हर महीने आदेश पत्र यानी पोस्टकार्ड भेज कर उन्हें आदेश देने लग जाएंगे कि वह सभी प्रकार का चुनाव केवल और केवल बैलट पेपर से करवाएं।
.
(11) हमने अनगिनत जनहित याचिका, विभिन्न कार्यकर्ताओं द्वारा, सुप्रीम कोर्ट के जज को— पोस्टकार्ड भेजकर कईबार लगवाया हुआ है।

..
हमारी मांग है:
.
(01) मतदान कक्ष में बैलट पेपर से मतदान करवाया जाए।
.
(02) मतदान खत्म होते हीं- उसी मतदान कक्ष में वहीं पर पूरी मतदान की गिनती किया जाए।
.
(03) मतदान और मतदान की गिनती की पूरी प्रक्रिया लाइव कैमरे के द्वारा प्रसारण करते हुए नागरिकों को मोबाइल और टीवी में दिखाया जाए।
.
(04) पूरे मतदान प्रक्रिया का वीडियो रिकॉर्डिंग रिकॉर्ड रखा जाए।
..

Read More