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जो अनन्त, अंतहीन है..! वो ... तुम हो..!! - Soni shakya
"यही होता आया है, आगे भी यही होगा। जलना" ज्योति" को पड़ता है और, लोग कहते हैं _दिपक जल रहा है । - Soni shakya
"दिल "है तो ..चाहत भी होगी , और अपेक्षा भी होगी । क्योंकि .... चाहत नहीं तो.. जीवन कैसा ? और अपेक्षा नहीं तो रिश्ता कैसा ? कुछ तो चाहत बुंदों की भी होगी ! वर्ना कौन गिरता है ज़मीं पर , आसमान तक पहुंच कर.. !! - Soni shakya
कहां जाएंगे...? बहुत ख़ामोशी से बस ,कहीं खो जाएंगे ! फिर लौट कर कभी..नहीं आएंगे ! तुम देते रहोगे आवाज , और हम चुपके से कहीं सो जाएंगे । फिर ढुंढना ,तलाशना हमें पर हम ,,लौट कर कभी नहीं आएंगे । तुम्हारीआंखों में तमाम उम्र जिएंगे , और.... चुपके से "दिल" में कहीं मर जाएंगे !!
"इंसान सबसे ज्यादा बेबस तब होता है, जब उसके पास कहने को बहुत कुछ हो, सुनने वाला भी हो पर वो....कह नहीं पाता !! - Soni shakya
अहसास... "अनायास ही चले आते है । वक्त_ बेवक्त,बिन कहे बिन बुलाए, कौन रोक सकता है इनको? तुम भी तो एक ...अहसास ही हो तुम्हारा,,, अहसास ही काफी है, जीने के लिए!! - Soni shakya
"आजाद कर दो,उन पंछियों को जो, तुम्हारे दिल के पिंजरे में रहकर किसी और के साथ उड़ने का ....ख्वाब देखते हैं !!! - Soni shakya
बिन प्यास पानी पीने से, दोनों का महत्व समझ नहीं आएगा ! न पानी का और न ही प्यास का !!
"अरे ..नादान दिल, ये तु क्या कर रहा है!! जो मिल नहीं सकता , उसी पर मर रहा है !! - Soni shakya
""हारते तो कभी नहीं हम तुमको गर बात वफादारी की होती, पर... खो दिया तुमको क्योंकि, सारा खेल ही किस्मत का था... !! - Soni shakya
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