The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
कौन होते हैं हम ,किसी को अच्छा या बुरा कहने वाले । कैसे प्रमाणित करोगे कि, किस में क्या गुण है और क्या दोष है । क्या हममे इतनी क्षमता है? जो दूसरों को प्रमाणित कर सके । कौन होते हैं हम ,किसी को घटिया या दो कौड़ी का कहने वाले। क्या इससे यह साबित नहीं होता कि, हमारी सोच ही घटिया है जो दूसरों को घटिया कहते हैं या समझते हैं। फिर हम क्यों किसी को बुरा कह कर अपने कर्म खराब करें। "think about it " "वो" है ना ऊपर बैठा सबको अपने कर्मों के हिसाब से ही बनाता है ,फल देता है फिर हम कौन होते हैं ऊपर वाले की योजना में हस्तक्षेप करने वाले ..!! - Soni shakya
कभी सोचा था ..कि साथ भिगेंगे उम्रभर, पर अब-- सिर्फ मैं भीगता हुं , और तुम बरसती हो-- याद बनकर ...!! - Soni shakya
""एक आरजु छोटी सी ये भी कि.. जब सब कुछ छुट रहा हो, कोई मेरे पास न हो , तब तुम मेरे साथ रहना । जैसे चांदनी रहती है , चांद के संग । खुशबू रहती है, बहार के संग । बरसात रहती है , सावन के संग "" - Soni shakya
सफ़र रोज़ का है, और जाना कहीं नहीं ..!! - Soni shakya
"तेरी यादों की धुंध में खो जाती हे हर रात, ना निंद आती है ना सवेरा होता है .." - Soni shakya
रोज़ सुबह आंख खुलते ही जिसकी याद आ जाएं , वो हे प्रेम ...!! जिसकी आवाज सुनने के लिए सारा दिन इंतजार रहे, वो हे प्रेम ...!! जिससे झगड़ा करने के बाद भी उसके मनाने का इंतजार रहे, वो हे प्रेम ...!! जिसकी बातें सोचकर ही चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाए, वो हे प्रेम ...!! पुरी दुनिया की खुशी में भी एक इंसान की कमी उदास कर जाए, वो हे प्रेम ...!! - Soni shakya
न तुम भुले न हम भुल पाएं .. ये 'मोहब्बत' थी जनाब, कोई किताब का पन्ना नहीं जो पलट दिया जाएं। - Soni shakya
"मैं वो पंछी हुं जिसे प्रेम है, तेरी सलाखों से..! तु पिंजरा खोल भी दे तो, मेरा उड़ना 'नामुमकिन' है...!! - Soni shakya
Copyright © 2025, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser