Most popular trending quotes in Hindi, Gujarati , English

World's trending and most popular quotes by the most inspiring quote writers is here on BitesApp, you can become part of this millions of author community by writing your quotes here and reaching to the millions of the users across the world.

New bites

मैले को मैला ही भाता है,
सांप को बस सांप सुहाता है।
हकीकत आज की इतनी कड़वी है,
जितना कोई पवित्र होता है,
उतना ही अकेला रह जाता है।

भलेपन की कीमत यहाँ नहीं,
यहाँ तो चालाकी चलन है,
सच्चे लोग रौंदे जाते हैं,
क्योंकि बंदे को गंदा ही पसंद है।

archanalekhikha

गीता उपदेश, 🌹🙏🌹

drbhattdamayntih1903

गीता उपदेश,,, 🌹🙏🌹

drbhattdamayntih1903

जय कैलाश भगवान 🙏

rsinha9090gmailcom

दुनिया को झूठे लगी पसंद आते हैं,

drbhattdamayntih1903

तेरी किताबो से नजरे हठे तो देख हमे
है तेरा ये दिल एक तू ही देर करे
तेरे कहानियो के किरदार से हम कम नही
जरा दिल के मन से पढ़ कर देख हमे .

mashaallhakhan600196

Goodnight friends

kattupayas.101947

इस शहर में धुआँ धुआँ सा है
क्या जल रहा, ये गमाँ गमाँ सा है

​हर चेहरा यहाँ उदास क्यों है
हर शख़्स क्यों परेशान सा है
जाने किस बात का है अफ़सोस
या कोई ख़्वाब बे-ज़बाँ सा है

​हर गली में ख़ामोशी का पहरा
सन्नाटा भी अब मेहरबाँ सा है
दूर से आती हैं आवाज़ें मगर
जैसे कोई नग़्मा धँसा धँसा सा है

​अब हवा भी कहाँ वो पहले वाली
साँस लेना भी इक इम्तिहाँ सा है
ज़िंदगी पूछती है, ऐ इंसान!
ये तूने क्या हाल कर दिया है
​रात भर जागते हैं लोग यहाँ

दिन में भी हर आँख में शब-ए-ग़म है
तेरी दुनिया में क्या कमी है ‘खुदा’
फिर क्यों दिल में ये मलाल सा है
इस शहर में धुआँ धुआँ सा है।

palewaleawantikagmail.com200557

“Learn from the charger —
20% — it slows, starts saving its power, 🔋
50% — it finds balance, calm in the flow, ⚖️
100% — it stops, knows it’s enough. ✋
Life’s the same —
know when to save your peace,
when to stay steady,
and when to stop giving more than you must.” 🌙💫
- Nensi Vithalani

nensivithalani.210365

ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं
कविता का शीर्षक है🌹 रंग बेरंग

mamtatrivedi444291

મુરલીનો મધુર સ્વર છે માધવ
ભગવદ ગીતાનું મૂળ છે માધવ
આરંભ છે અને અંત છે માધવ
હારેલાંઓની તાકાત છે માધવ
સાહસ છે ને વિશ્વગુરુ છે માધવ

Mr. Mehul sonni

moxmehulgmailcom

दुनिया को “धार्मिक” लोग चाहिए — ताकि वह अपनी असुरक्षा को पवित्रता की शक्ल दे सके।
इसलिए उसने मंदिर बनाए, ग्रंथ लिखे, कर्मकांड गढ़े।
पर इन सबके भीतर एक डर छिपा है —
कि कहीं भीतर की रिक्तता उजागर न हो जाए।

धार्मिक व्यक्ति वही है जो भीतर धर्महीन है —
क्योंकि जिसे सत्य मिल गया, उसे धर्म की घोषणा की ज़रूरत नहीं।
जो भीतर मौन है, उसे नाम का सहारा नहीं चाहिए।
जो भीतर जागा है, उसे ग्रंथ नहीं चाहिए।

जब तक मनुष्य “धार्मिक” बनने की कोशिश करता है,
वह धर्म से दूर भाग रहा है।
क्योंकि हर कोशिश किसी न किसी भय की संतान है।

धर्म कर्म नहीं — दृष्टि है।
वह भीतर की साधारणता है, जो किसी पहचान से बंधी नहीं।
जब तू बस मनुष्य रह जाता है — न हिंदू, न मुसलमान, न पंडित, न भिक्षु —
तभी धर्म जन्म लेता है।

bhutaji

સરળતા ,સૌમ્યતા, સહજતા
સમજણ ,સમર્પણ નો સમન્વય
એટલે લાભપાંચમ…
-કામિની

kamini6601

માવઠું બની અણધાર્યું
વાદળ વરસ્યું
રહી ગયું હશે કદાચ કોઈ
લાગણી તરસ્યું…
-કામિની

kamini6601