Quotes by MASHAALLHA KHAN in Bitesapp read free

MASHAALLHA KHAN

MASHAALLHA KHAN

@mashaallhakhan600196
(349)

खुदा जाने क्या रोग लगा है उसको
जो मुझे भुल जाने की कसमे खाने लगा है
खुद से अनजान है शायद अब तक
जो मुझसे दूर होने की बाते करने लगा है
अगर किसी बात से खफा है तो आकार मुझे बताये
यू छोटी छोटी बात पर क्यू रूठ जाने लगा है
अब अगर बात हो उससे तो पता करे मसला क्या है
हूँ अगर कुसुर वार तो उसकी सजा क्या है .

Read More

मुझे नही पता इश्क क्या सजा देगा
लोग कहते है थोड़ा तो मजा देगा

दिल की धड़कन बड़ेगी , बड़ेगी बेचेनिया
रातो को कमबख्त जगा देगा

यू तो इश्क पर कई किताबे पड़ी
बाकी तो वक्त ही समझा देगा

कभी खुशी देगा कभी गम देगा
साला आँखो दरिया बना देगा .

Read More

तुमने मांगा हमने ला दिया
एक अहसान था जो चुका दिया

तुमसे नजर ना मिले अब शायद
इतना पराया हमे बना दिया

एक अहसास था तेरे होने का
नाजाने किसने भूला दिया

एक महक आयी तेरी ओर से
शायद तूने अतर बहा दिया

क्या नूर है तेरी हुस्न का
ये चांद को हरा दिया

किताबी थी खाली पन्नो की
तुमने ये क्या लिखवा दिया

हमतो बेहद समझदार थे
हमको ये कहा उलझा दिया

क्या करू तुम्हारा अब
हमको ये कहा पहुंचा दिया

कोई मजनू कहे कोई आवारा
तुमने हमको ये क्या बना दिया .

Read More

मेरे खामोश और तन्हा रहने का मतलब ये नही
कि मे हकीकत से अनजान हूँ
बस हर किसी से रूबरू होना मेरी फितरत नही .

हम चेहरे से ही मुस्कुराये तो अच्छा है
दिल से मुस्कुरायेंगे तो फसाद होगा .

कौन किसके लिए क्या है ये किसको परवाह
ये मतलबी लोग है जरूरत मे सामने आयेंगे .

मौहब्बत का मौहब्बत से इजहार करने दो
थोड़ा प्यार तुम्हे हमसे थोड़ा हमे करने दो
बहुत पलट लिये हमने किताबो के पन्ने
चलो अब अपनी मौहब्बत का अखबार पढ़ने दो .

Read More

रहे तेरी दुआ मुझ पर - चोथा हिस्सा
ये इस कहानी का चोथा हिस्सा (भाग ) है
तो प्लीज जाये कहानी पढ़े और रिवीयू दे
https://www.matrubharti.com/book/19982358/rahe-teri-dua-mujh-per-chotha-hissa

Read More

जिसे तुमने बुझा दिया वो चराग नही हूं मै

जिसे तुमने भुला दिया वो ख्वाब नही हूं मै

जो लबो तक रुक जाये वो अल्फाज नही हूं मै

जो हर पल बदल जाये वो अन्दाज नही हूँ मै

मुझे नफरत करो या मौहब्बत अब तुम्हारा खास
नही हूँ मै

जिसे जब चाहे तोड़ जाओ वो आज नही हू मै

जो तुमने कभी ना देखा को जज़्बात हूँ मै

मै अब हू उडता हुआ परिन्दा एक बाज हूं मै

एक नये दौर उभरा है उस नये दौर का आगाज हूँ मै .

Read More

तन्हा है तन्हाई से प्यार करते है
हमे सुकु मिलता है खुद को यू सजा देकर
ये तो रात जो हमे सब भुलवा देती है
मगर दिन है जो जलता है हमे यू देखकर .

Read More