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rakeshsolanki1054

Pehle zindagi me thodi si tension thi......
Ab tension me thodi si zindagi bachi hai☹️☹️☹️☹️☹️

ishanimorya525gmail.com192047

🦋... SuNo ┤_★_
आंखें ना मिला कर संभलकर मुस्कुरा
देता हूं मैं, इस डर से...🥀

कि कहीं पकड़ में ना आ जाए उदासी
मेरी किसी को...🔥
╭─❀🥺⊰╯
╨────────━❥
♦❙➛ज़ख़्मी-ऐ-ज़ुबानी•❙♦
╨────────━❥

loveguruaashiq.661810

bhavnabhatt154654

bhavnabhatt154654

navyajaiswal6866

महकती राहों में बसा हूँ,
सफ़र का मुसाफ़िर नहीं हूँ,
अंधेरे की रातों में गुज़रा हूँ,
रोशनी ए सितमगार नहीं हूँ।
--
वक्त ए दुनिया में बेजा देखा हूॅं।,
लेकिन वाबस्त ए सौदागार नहीं हूँ,
तजावीज ए मस्ती, दुनिया में रहा हूँ,
ज़िंदगी में कोई, बादशाह नहीं हूँ।
--
ग़म की बरसात में नोजा ए गुसल हूँ,
दर्द याद शीशा, बहदवास नहीं हूँ,
दुआओं की महफ़िलों में शामिल हूँ,
यकिकी दुआ का सालिब नहीं हूँ।
--
किताबों की दुनिया में ख़ुद भी पढ़ा हूँ,
अबतो इस इलम का तालिब नहीं हूँ,
जहां के सवालों के जवाब भी दिए हैं,
वलबला मारूसियत ए साफि नहीं हूँ।
--
बेकस ज़िंदगी के सफ़र में गुज़रा हूँ,
मंज़िल या भटका, मुसाफ़िर नहीं हूँ,
बची रोज ये उम्मीदों के गले लगा हूँ,
स्याह अधंरी रात, ख्वाबों ए सालेह नहीं हूँ।

कारोबार की दुनिया में हूँ,
मुनाफ़े का शिकार नहीं हूँ,
सियासत की राहों में गुज़रा हूँ,
इक्तेदार ए हुकमरान नहीं हूँ।
--
दौलत की गफलतों में गुज़रा हूँ,
मिले सुकू बस कातिल नहीं हूँ,
मुसकदा ए राह में चला हूँ,
यारब मै वफ़ादार नहीं हूँ।
--
मीत नासही, यादों की दुनिया में हूँ,
वफा भी कहे कि, नवाएं कदीम नहीं हूँ,
तारीख के सफ़हों या बाग़ में गुज़रा हूँ,
फख्त ए कसूरवार हूॅं, नामदार नहीं हूँ।
--
वक्त के हुनर के फ़नों में हूँ,
साजदार हूॅं फ़नकार नहीं हूँ,
उचीदरो ए मिनार की दुनिया में हूँ,
नेकीपर कायम हूॅं रहबर नहीं हूँ।
--
सैंकड़ों रूपक सजा दिए, इस दूनियॉं में,
लिखारी हूॅं यही कि, एक फ़र्द नहीं हूँ,
बाख़ुदा की आरज़ू की दुनिया से हूँ,
मन्सूख ए अमल पर, मुतालिक नहीं हूँ।
--
इंसाफ़ के मैदान में हूँ, क़ाज़ी नहीं हूँ,
अक़्ल ओ फ़हम में हूॅं, निगाह नहीं हूँ।
हर जंग की सरहदों में हूँ,
फ़तह ए बादशाह नहीं हूँ,
आज़ादी के आलम में हूँ,
जहॉंपरदा, हमराह नहीं हूँ।
--
बगैरत प्यार की दुनिया में हूँ,
दुकाना बता, मोहब्बत ए यार नहीं हूँ,
रंज ओ ग़म के दरिया में गुज़रा हूँ,
कमतर ही सही, हमराह नहीं हूँ।
--
युही ख्वाबों की मानिंद गुज़रता हूँ,
हक़ीक़त ए इन्तहा, दीवाना नहीं हूँ।
समुन्दर बयार, तुफाना इनकानात हॅू
तमन्नाओं के सागर, लहर राजदार हूॅ।
--
@ जुगल किशोर शर्मा

jugalkishoresharma

"પપ્પા", ને માતૃભારતી પર વાંચો :,

https://www.matrubharti.com

વાંચો, લખો અને સાંભળો અગણિત રચનાઓ ભારતીય ભાષાઓમાં, તદ્દન નિઃશુલ્ક

#_krishna rajput 💞
#_kisuu 😜

avinashparmar224012

Happy Father's day.... 💐🍫🍫🤗

proud of my dad. 😇
Love you Daddy 🥰🤗

jighnasasolanki210025

shreeshah

yashibc123gmail.com135615

yashibc123gmail.com135615

"પપ્પા" એટલે કોઈ પુરુષને જીવનમાં મળતી સૌથી ઉત્તમ પદવી...❤️🌻💫🌈

monaghelani79gmailco

દ્રશ્યમાન...

જ્યારે મન હારી જાય ત્યારે કંઈક દ્રશ્યમાન હોય,
એ અદ્રશ્ય થઈને પણ ભીતરમાં દ્રશ્યમાન હોય...

મંજિલે ચાલતા ડગલે પગલે નિરાશા મળતી હોય,
છતાં શ્રદ્ધા રૂપી સાગર ભીતરમાં દ્રશ્યમાન હોય...

જ્યારે ભીંતર મનના પળેપળ ટુકડા થતા હોય,
અંતરને સ્પર્શતો શક્તિપુંજ ભીતરમાં દ્રશ્યમાન હોય...

કર્મો અકર્મોની વહેતી અવિરત શાશ્વત ધારા હોય,
એક પ્રભુ નામની આસ્થા ભીતરમાં દ્રશ્યમાન હોય...

નિરાશાની ગર્તામાં ઓઝલ થતા જીવનમાં હતાશા હોય,
આશા રૂપી સંપૂર્ણ શક્તિ સ્પંદન ભીતરમાં દ્રશ્યમાન હોય.

સમજી ને સમજી શકાતો નથી ભેદ પ્રકૃતિનો ગૂઢ હોય,
અત્ર તત્ર સર્વત્ર આદિ પરા શક્તિ ભીતરમાં દ્રશ્યમાન હોય.

દર્શુ રાધે રાધે....

jari

navyajaiswal6866