सुनो......!!
यूं रूठा ना करो,
हमें अच्छे से मनाना नहीं आता,
हमारी हर बात जिद नहीं होती,
कुछ मजबूरियां भी होती हैं,
मजबूरी समझ जाया करो बिना समझाए ही,
क्योंकि हमें अपनी मजबूरी को भी,
शब्दों में जताना नहीं आता,
सुनो ना.....!!
यूं रूठा ना करो हमसे,
हमें आपकी तरह अच्छे से मनाना भी नहीं आता......!!!