मित्रता दिवस पे
सुख दुःख में, अपनापन घोले ,
दोनों मिलें, तो एक ही बोलें ।
मौज भी लें, एक दूसरे कि लेकिन,
लगे भी मौज यही है ।
जी हां मित्र वहीं है ।
जो साये की तरह साथ हो,
दिखे नहीं, फिर भी दिख जाये।
पद पैसा और मान बड़ाई,
सब को भूल के मिलने आये ।
लेकिन जब मिलने को आये,
"स्वप्निल" थोक में,
गाली बक के जाये ।
उस मीठी गाली में भी लगता ,
जीवन का अमरत्व यहीं है ।
जी हां मित्र वहीं है ।
🙏❤️❤️🙏