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क्या नशे मे डूबा हू मे क्या तेरे असर मे है ..एक नशा है ऑखों मे दूसरा तेरे लबो मे है ...था उसकी गली का कोई तो ..जैसे यहाॅ पर कीसी को इशारा गया है ..
चश्मा पहने वाली की कद्र करे क्योकि उसने आपको देखने के लिए चश्मा पैसो से खरीदा है अब बोलो अंधा कोन है ...इसमे
चाय के काबिल भी नही होते कुछ लोग जिन्हे तुम खुने जिगर पिलाते हो
Happy birthday 🎂 🥳 Dr. SAHIBA... ❤️ ❤️ ❤️ 😍 कितना ख्याल रखा है पगली ने केक पर मेरा भी नाम लिखा है
ना नखरे वाली ना झुमके वाली ना बनावटी दिखाने वाली ना ही भाव खाने वाली हमे तो चाहिए संस्कार वाली जिसकी सादगी ही उसका गहना हो जिसकी ऑखें देखू तो काजल भी सरमा जाये बनावटी दूनिया से अलग सादगी की दिवानी जो दूर किसी वादी मे रहती मेरी सपनो की रानी मे जब उसके पास जाता हू उससे बात करता हू उसकी वो नजरे उपर नही उठती पढी लिखी अच्छी है मगर माॅडन जमाने से अलग किस से किस तरह बात करना है वह लहजे का सलिका यह अदा तो मुझे अच्छी लगती Dr. साहिबा..miss you ❤️ 😍
I Accepted हम कीसी को जबरजस्ती अपना नही बना सकते..!!!
आज कल की मोहब्बत बड़ी fast हो गई है. लडका. लड़की से अगर मे तुम्हारे हाथो पर कीस करु तो तुम क्या सोचती ... लड़की... यही सोचूंगी एक बेवकूफ पुरा थाईलैंड घुम सकता था मगर Airport से ही वापस चला गया
वज़ूद.... POEM..BY lotus 🪷 ,पाबंदियो से हट कर वजूद मेरा मुझे बंदिशे भाती नही है अगर उडने का हौसला बना लिया मेने कीसी की कोई चाल टीक नही पाती है चालबाजी कर सको तो कर लेना कसर बाकी हो तो उसको भी पुरी कर लेना वाकिफ नही हो अभी मैरी साख से तुमने अंधैरो मे भी तीर चलाये होगे अभी तुम्हारा सामना नही मुझसे ना जाने कितने तुम जैसे मैरे तुफान मे समाये होगे खुद की कहानी का कलाकार हू किसी और की कहानी का किस्सा नही जो है मेरा वजूद है मुझ मे आज हू मे कल का कीसी का किस्सा नही आजाद परिंदा हू अपने आसमान का कीसी की डोर से बंधा पतंग का माझां नही गुलामी खुद की करता हू मे आज भी कीसी के इशारे पर चलू मे वो बंदा नही काम करता हू मे अपनी मर्जी से कीसी की मर्जी से बंधा नही तुम्हारी हर कोशिश नाकाम कर दूंगा तुम्हारे हर मनसुबे को सरेआम कर दूंगा अगर बात मेरे मनसुबे पर आई अगर तो फीर तुम्हारी सख्सियत की नुमाईश कर दूंगा लहजा सिखते थे हम कभी सवाल खुद पर ऊठा तो सब भुल गये हमे बताते रहते है जो औकात सवाल वजूद पर उठा तो औकात अपनी भुल गये
आज तेरे शहर मे है दिल मे है तो कुछ कह दे नही तो चले जाएंगे हर बार की तरह
बदला बदला है मिजाज कुछ हुआ है क्या सच बताओ lotus को कुछ हुआ है क्या
कैसे लेकर फिरती हो तुम सामान इतना लेकर भारी हैरानी की बात है अभी तक हो तुम कॅवारी
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