दोहे लिखे मनोज ने.....
दोहे लिखे मनोज ने, भाषा सहज सुबोध।
समझ सभी को आ सकें, हटें सभी अवरोध ।।
हिन्दी हिन्दुस्तान की, भारत को अभिमान।
भाषाओं में श्रे़ष्ठतम, संस्कृत का अभियान।।
धरा कनाडा में बड़ा, सरन घई का नाम।
हिंदी के प्रति हैं खड़े, करें अनोखे काम।।
वसुधा की संपादिका, स्नेहा जी का नाम।
ग्रंथों की हैं लेखिका, देश कनाडा धाम।।
अखिल विश्व हिंदी समिति, संयोजक गोपाल।
हिंदी का ध्वज ले चले, तिलक सजा है भाल।।
अनगिन लेखक हैं वहाँ, हिंदी के विख्यात।
साहित्य-कुंज, प्रयास में, लिखते हैं दिनरात।।
हिंदी को अपनाइए, बढ़ी जगत में शान।
मोदी ने भाषण दिए, हम सबको अभिमान ।।
मनोजकुमार शुक्ल " मनोज "