नवभारत टीम का हार्दिक धन्यवाद मेरी रचना प्रकाशित करने के लिए (12-2-2024 सोमवार)
पुरानी चट्टान
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बरसों बरस किया इंतजार चट्टान ने
उस पर लिखा था नाम शायद राम ने
बनेगी अयोध्या में जो मूर्ति राम की
उसके लिए तपस्या की होगी चट्टान ने ।
मूर्तिकार को भी मिला होगा कभी वरदान
तेरे हाथों से बनेगी अयोध्या में मूर्ति महान
देश -विदेश में फैलेगी राम के नाम की गूंज
मंत्र -उच्चारणों से आएगी मूर्ति में जान।
समय का चक्र हमें यह आभास कराता है
समय पर ही मनुष्य सच्चा सुख पाता है
बरसों से सोई पड़ी थी वो पुरानी चट्टान
आज राम संग चट्टान की मूर्ति में जग समाता है।
पत्थरों से तराशी जाती हैं अनेक सुंदर मूर्तियां
मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च में दिखतीं हैं उसकी खूबियां
प्रकृति कराती है सदा ही सबको यह एहसास
चट्टानों में छुपी हुई हैं ईश्वर की नजदीकियां।
आभा दवे
मुंबई