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hi everyone
good evening friends
good morning friends
लिखा तो बहुत सब पर अब बस तुमको लिखना चाहती हुं जो कभी खत्म ना हो ऐसी अब एक कहानी लिखना चाहती हूं। - RACHNA ROY
शुभ रात्रि मित्रो
लफ़्ज़ों में बेरुख़ी दिल में मलाल रहने दो हमसे मुत्तालिक वो तल्ख़ ख़्याल रहने दो बांकी जो बचे हैं वो दिन भी गुजर जाएँगे उलझे हुए सब वक्त के हैं सवाल रहने दो बेतक़ल्लुफ है आज हमसे हरेक ग़म तेरा अब किस बात पे उठे नए बवाल रहने दो कुछ भी नहीं है बदला वक्त के निज़ाम का फिर तुम ही क्यों बदलो बहरहाल रहने दो अब उम्र ही कितनी बची है कैदे हयात की रंजिशें गर दिल में है तो इस साल रहने दो कुछ दिन इन आँखों में समन्दर बसर पाए कुछ दिन इन जख़्मों को खुशहाल रहने दो यूँ ही उदास होके गुमसुम से मत खड़े रहो आईने के मुकाबिल जलवे जमाल रहने दो..!!
सुनो न.. सुन रहे हो मुझे? न जाने क्यूं कभी कभी तुम बहुत याद आते हो, मेरा यकीन करो.. मैं बस खुशियों में याद करना चाहती हूं तुम्हे , मगर न चाहते हुए भी तुम मुझे दर्द में , मेरी तकलीफ़ में बहुत याद आते हो, मैंने हमेशा ही तुम्हे , अपनी ताकत बनाना चाहा है मगर, न जाने क्यूं हर बार , तुम मेरी कमजोरी बन जाते हो, मै जिन आंसुओ को थाम कर रख लेती हूं अपनी पलकों के किनारों पर , वो तुझे स्मरण कर अपने आप गालों पर लुढ़क आते हैं, व्यथित होकर मन चाहता है कि मै गले लगकर तुझसे कहूं हर पीड़ा अपनी, मगर फिर तुझे न पाकर , मन अथाह वेदनाओं से घिर जाता है, तुम्हारा न होना कितना तकलीफ देह है, ये बयां नहीं कर पाऊंगी कभी, क्योंकि मेरे पास वो शब्द ही नही, जो मेरे इस दर्द की शिद्दत को नाप सके, जो बता सके कि तुम्हारा न होना , मेरे लिए भी मृत्यु तुल्य ही है, जैसे सांसे लेते हुए भी, जिंदा न रहना... कैसी व्यथा है ये जिंदगी की भी,... कि किसी को भूलने के लिए , पहले वजूद अपना मिटाना पड़ता है..! (ये उनके लिए जिनकी जिंदगी से कोई उस जहां में गया है , जहां से लौटकर कोई नही आता...)🙂 ख़ैर....
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