Hey, I am on Matrubharti! I am born and broughtup in Varanasi.I have done M.A in Psychology.Since childhood i had flare of writing short stories,poem,sairi etc,also love to drawing sketch.By profession i am a school teacher with experience of 10 yrs. Currently settled in Mumbai .Married living with husband and son.

RACHNA ROY लिखित कहानी "अतीत के पन्ने - भाग 42" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
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खाली नहीं रहा कभी , आंखों का ये मकान।
कभी अश्क निकल गए।तो उदासी ठहर गई।
शुभ प्रभात मित्रो।

subh prabhat dosto

अफसाना बना लेकर तेरे आंखों से जाम पीकर।
देखा है रातों को नींद में रोते हुए हैं; आशिक़ी तुझी से ही क्यों बताना भुल जाती हुं मैं डरती तो नहीं मैं किसी भी फंसाने से; बस डर लगता है तेरे अफसाने से....

-RACHNA ROY

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RACHNA ROY लिखित कहानी "अतीत के पन्ने - भाग 39" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
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एक शिक्षक के रूप में सबसे पहले एक मां ही होती है जो घर में बच्चे को अच्छे बुरे का फर्क बताती है, बड़े और बुजुर्ग के प्रति सम्मान की भावना पैदा करना सिखाती है।।।
एक मां ही वो जगत की शि क्षिका होती है जो बिना पढ़े लिखे ही ऐसा ज्ञान दे कर जाती है जो ताउम्र याद भी रहता है और कहीं खोता भी नहीं है पर कुछ सन्तान या छात्र छात्राएं इस अमूल्य धरोहर को संजोकर रखता है और कुछ कहीं ना कहीं खो देता है।
आप सभी को शिक्षिक दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं।।
चलो पढ़ाए सबको शिक्षित बनाएं

-RACHNA ROY

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good night 🌃

कोई क्या ही आज़माएगा मेरा सब्र मैंने तो मुस्करा कर वो भी छोड़ दिया जो मुझे जान से ज्यादा प्यार था।। शुभ प्रभात।।

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RACHNA ROY लिखित कहानी "प्यार का अनोखा रिश्ता - भाग १७" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
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प्यार नही निभा सकते ना सही
दोस्ती का नाते ही निभा लो
मेरे लिए काफ़ी होगा ....
टकराजाऊं कभी तो...
मुझे राम राम कह देना
बस चाहे जो हो
अंजान मत रहने देना... शुभ प्रभात मित्रो।

-RACHNA ROY

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