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RACHNA ROY

RACHNA ROY Matrubharti Verified

@rachnaroy7150
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अब तन्हा रहना अच्छा लगता है।
दिन हो या रात हो
अब तन्हा रहना अच्छा लगता है।
किसी की याद आएं नहीं
अब तन्हा रहना अच्छा लगता है।
सुकून है अब हर पल
क्योंकि अब तन्हा रहना अच्छा लगता है।
प्यार के लिए अब किसी का इन्तजार नहीं
अब तन्हा रहना अच्छा लगता है।
ख्वाहिशों का बोझ भी नहीं
अब तन्हा रहना अच्छा लगता है।
कोई गिला नहीं किसी से शिकायत नहीं
अब तन्हा रहना अच्छा लगता है।
बस अब बहुत हुआ दूसरों के लिए जीना
अब तन्हा रहना अच्छा लगता है।
कोई वादा नहीं कोई वफ़ा नहीं
अब तन्हा रहना अच्छा लगता है।
मुहब्बत की कोई गुंजाइश नहीं ना ही गुजारिश
अब तन्हा रहना अच्छा लगता है।
अब रोना भी आता है तो रोती नहीं
अब तन्हा रहना अच्छा लगता है।
बहुत गुस्से में भी आजकल काबू कर लेती हुं
अब तन्हा रहना अच्छा लगता है।
मुझे सबके बीच रहकर भी तनहा रहना अच्छा लगता है।
तन्हा, तन्हा, तन्हा।।।
रचना राय (लेखिका)

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.. रहे तुम ही निगाहों में...नजारे तो हज़ारों थे
हमे तुम पर यकीं था बस...सहारे तो हज़ारों थे

गुमां तुम पर हुआ यूं था...कि तूफान से भी टकराए
नहीं तो हर कदम पर...ये किनारे तो हज़ारों थे

हुई महताब से उल्फत...भला मिलता भी तो कैसे
गमे दिल की यही मुश्किल....सितारे तो हज़ारों थे

तुम्हे कैसे बताए अब... कि क्यूं तुमसे मुहब्बत हैं,
नज़रे ठहरी रही तुम पर...निहारे तो हज़ारों थे

हमे भी ना समझ आया... शिकायत भी करे कैसे
मिले हमको मुहब्बत में...इशारे तो हज़ारों थे

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कैसे हो सब दोस्त

good morning 🌄 all

रो पड़ा वो शख्स भी
मेरी हाथों की लकीरें देखकर
बोला तुझे मौत नहीं
किसी की बेवफाई मारेगी।

- RACHNA ROY

Happy Independence day