Most popular trending quotes in Hindi, Gujarati , English

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New bites

Great weather and some training 💚

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Short trips to the park in the middle of the day are what keeps a boost at my positivity 🩷

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15th birthday vibes

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Is it just me or does the house feel a little empty after Diwali has ended? I mean, taking apart all the Rangoli all the Jhumka and everything going back in the cupboards 🩷

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My 15th birthday experience was amazing. Enjoyed it at piano man with my Family great live Music, great company, and obviously perfect outfits and amazing food

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Celebrating my 15th birthday on 21 October 2025, on the same day as Diwali! With my two favourites, my Dog and cake 🍰

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#quotes byHMahak#WhispersOfSoul

habeebamahakmahak702298

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છઠ પૂજા તહેવાર સ્પેશિયલ...

આવતીકાલથી છઠ પૂજા પર્વ શરૂ થઈ રહ્યો છે, તો ચાલો જાણીએ એક એવા તહેવાર વિશે જેમાં આથમતા સૂર્યની પૂજા કરવામાં આવે છે.

વાંચવા અહીં ક્લિક કરો - https://vishakhainfo.wordpress.com/2025/10/24/chhath-puja/


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mothiyavgmail.com3309

ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं
कविता का शीर्षक है 🌹 लेखनी
https://youtu.be/QXTBfCavRIM?si=JHGHpmXVvUdXj9GC

mamtatrivedi444291

कपड़ों की तरह हो गया है इश्क़

कपड़ों की तरह हो गया है इश्क़,
मौसम के साथ बदल जाता है।
ठंड में लपेट लेते हैं एक-दूजे को,
गरमी में उतार फेंक दिया जाता है।

अब न नमी बची है न खुशबू,
बस "ब्रांड" का नाम रह गया है।
दिल की सिलाई उधड़ती भी नहीं,
बस नया "डिज़ाइन" चल गया है।

कभी धूप में फीका पड़ जाता है,
कभी बारिश में सिमट जाता है,
कभी किसी की नज़रों में अच्छा लगे तो,
वो भी अलमारी से निकल आता है।

अब प्यार नहीं, "फैशन" है मोहब्बत,
हर चेहरे पर नया लिबास चढ़ा है।
कपड़ों की तरह हो गया है इश्क़ —
नाप का भी, और मौक़े का भी बना है।

आर्यमौलिक

deepakbundela7179

Goodnight friends

kattupayas.101947

मैं आजाद नहीं - मुझे आजादी दो
मुझे अनाज मत दो -मैं भिखारी नहीं
मैं शारीरिक लाचार नहीं -मुझे रोजगार दो

stdmaurya.392853

बौद्धिक भीड़ और आध्यात्मिक पाखंड ✧
✍🏻 — 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲

आज जो “आध्यात्मिकता” मंचों और वीडियो क्लिपों में दिखाई देती है —
वह उतनी ही सजावटी है, जितनी खोखली।
लोग समझते हैं कि किसी ज्ञानी के पास जाकर आशीर्वाद ले लेना,
किसी पुस्तक पर हस्ताक्षर करवा लेना,
या किसी प्रवचन में भीड़ का हिस्सा बन जाना — यही साधना है।

पर यह वही पुराना खेल है, बस रूप बदल गया है।
पहले लोग मंदिरों और मठों में झुकते थे,
अब “आचार्यों” और “लाइव सेशन्स” में झुकते हैं।
पहले मूर्तियों के चरण छूते थे,
अब किसी गुरु के हाथों की तस्वीरें साझा करते हैं।

बदल केवल मंच का है — मानसिकता वही है।
लोग अब भी “किसी और” के माध्यम से मुक्ति चाहते हैं।
वे स्वयं में झाँकने से डरते हैं, क्योंकि वहाँ कोई भीड़ नहीं, कोई ताली नहीं।

ओशो ने कभी कहा था —
“मैं औषधि नहीं, दर्पण हूँ।”
पर लोग दर्पण से भी दवा माँगते हैं।
वे अपने भीतर झाँकने की बजाय यह सोचते हैं कि
“गुरु के हाथ का पानी पी लेने से” उनका रोग मिट जाएगा।
यह वही मूर्खता है जो कभी धर्मों को अंधा बना गई थी।

आज का “आध्यात्मिक उद्योग” बस शब्दों और मंचों का नया कारोबार है।
यह बौद्धिकता की भीड़ है — जहाँ जिज्ञासा है, पर तप नहीं;
जहाँ ज्ञान की बातें हैं, पर मौन का स्वाद नहीं।

सच्ची आध्यात्मिकता किसी सभा में नहीं,
बल्कि उस क्षण में जन्म लेती है —
जब इंसान अपने भीतर की भीड़ से उतरकर
एकदम अकेला रह जाता है।
जहाँ न कोई गुरु बचता है, न शिष्य।
बस एक मौन साक्षी — जो देखता है,
और उसी देखने में मुक्त हो जाता है।

भीड़ में आस्था आसान है —
मौन में सत्य कठिन।

bhutaji

ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं
कविता का शीर्षक है 🌹 यादों के रंग
https://youtu.be/NQAu7EXJU1A?si=3_3SlYPlqMTD5XqE

mamtatrivedi444291

*अध्यास* (Adhyasa) - एक दिलचस्प दार्शनिक शब्द! 😄

संस्कृत में, "अध्यास" का मतलब है **"आरोपण" या "भ्रांति"**। इसका उपयोग मुख्य रूप से *अद्वैत वेदांत* में होता है, जहाँ यह *मिथ्या ज्ञान* (गलत समझ) को दर्शाता है - जैसे रस्सी को सांप समझ लेना। यहाँ, एक चीज़ पर दूसरी चीज़ का आरोपण हो जाता है, जबकि वास्तविकता अलग होती है।

सरल भाषा में:
- आप किसी चीज़ को गलत समझते हैं, जबकि वो असल में कुछ और है।
- उदाहरण: अंधेरे में रस्सी को सांप समझना → भ्रांति! 😬
- अध्यास का खेल है - *"दिखता कुछ, है कुछ और!"*

क्या आप इसे किसी खास संदर्भ में जानना चाहते हैं, या फिर आध्यात्मिक चर्चा करनी है? 😊

अध्यास से दूर रहने के *5 सरल तरीके* 😊:

1. *विवेक (Discrimination)*
- *क्या है असल? क्या है दिखावा?* समझें। रस्सी vs सांप वाली भ्रांति को पहचानें! 🔍

2. *ज्ञान (Knowledge)*
- *सच्चाई जानें!* आत्म-ज्ञान, वेदांत पढ़ाई, या गुरुओं से सीखें। "मैं कौन हूँ?" पूछें। 🧘‍♂️

3. *ध्यान (Meditation)*
- मन शांत करें, *अभी और यहीं (present)* रहें। भटकाव कम होगा, अध्यास घटेगा! 🌟

4. *संयम (Self-control)*
- इंद्रियों को काबू में रखें। *देखा ≠ सच* — जांचें, कूदें नहीं! 😎

5. *सत्संग (Good Company)*
- *सच्चे लोगों* के साथ रहें, चर्चा करें। अध्यास की धुंध छंटेगी! 👫

मूल मंत्र:
"देखो, सोचो, परखो — भ्रम न पालो!"😄

yashibc123gmail.com135615

heyy everyone..what's up ..

dimpledas211732

गुनगुनाती रश्मियों से, द्वार नभ का सज रहा है |
सुर सजे खलिहान हैं ज्यों, पग में नूपुर बज रहा है |
ओस की बूंदें हैं बिखरी,मही पे मोती सी बनकर |
मुग्ध होकर गा रहे हैं, विहग सारे वृक्ष ऊपर |
तानकर कोहरे की चादर, छिप रहे हैं दिग -दिगंत,
फिर सुखद अनुभूतियाँ ले, आ गया प्यारा हेमंत |

~रिंकी सिंह ✍️

rinkisingh917128

પ્રારંભ સિનિયર સિટીઝન હોમ્સ ખાતે.

બિલકુલ શુદ્ધ હવા, પ્રદૂષણમુક્ત. ક્લબ હાઉસમાં જૂની ફિલ્મો, બિલિયર્ડ કે ટેબલટેનિસ જેવી ગેમ્સ, તહેવારોની સામુહિક ઉજવણી જેવી કે નવરાત્રી ગરબા, દિવાળી આરતી, ગણેશ ચતુર્થી જેવા. 70 ઉપરના બધા વયસ્કો પણ જે નાચે કે ગરબા કરે છે!
આજે જ કોઈ fb પોસ્ટ સિનિયર હોમ્સ વિશે વાંચી.
આ બધામાં ઘણા NRI છે. બીજાનાં બાળકો વિદેશમાં દૂર રહે છે.
બહારનો દેખાવ તો ખૂબ સરસ. દરેક નાની એવી વિલાની બહાર આઠ દસ પ્લાન્ટ રહે એવી જગ્યા.
એની તકલીફો પણ છે. શાક વગેરે 7 કિમી બાવળા જઈ લેવું પડે. 150 વિલા વચ્ચે એક શાકવાળો અઠવાડિયે બે કે ત્રણ દિવસ આવે ત્યારે વયસ્ક સન્નારીઓ નું પણ હુલ્લડ મચી જાય.
દૂધ, છાપું ગેટ પર ડિલિવર થાય પછી એમના માણસ કાર્ટ માં ઘેર સવારે આપી જાય પણ જો દૂધ બગડ્યું, કોઈ મહેમાન આવ્યું વ. તો ટીપું દૂધ ન મળે બીજી સવાર સુધી. કરિયાણું અને દવા એક બાવળાનો વેપારી પહોંચાડે છે પણ અમુક ઓર્ડર ભેગા થાય ત્યારે.
મકાનો માં એક નાનો રૂમ, એક પેસેજ જેવું કિચન, બેડરૂમ અને બહાર નાનો પેસેજ, ઓટલો.
આર્કિટેક્ટ પુત્રે ધ્યાન ખેંચ્યું કે ક્યાંય ક્રોસ વેન્ટિલેશન નથી અને ઉપર સ્લેબમાં પંચર રાખવું જોઈએ (એટલે બારીક છિદ્રો) જેથી ગરમ હવા ઉપરથી નીકળી જાય. એની ગેરહાજરીમાં રૂમ બપોરે ભઠ્ઠી જેવો તપે.
બાવળાથી આવવાના રસ્તે પાણી ભરાઈ જાય એટલે કટ ઓફ.
મેં અગાઉ ઘણી વાર કહ્યું છે એમ આ વ્યવસાય આરક્ષણની ચોથી પેઢીની દેન છે. એકાદ માર્ક માટે સંતાનો ઓસ્ટ્રેલિયા કેનેડા કે ન્યૂઝીલેન્ડ ભણવા જાય પછી ત્યાં જ સેટ થવાની આર્થિક મજબૂરી અને મા બાપ ની ઉંમર થાય એટલે ચિંતિત સંતાનો જ્યાં એમની સંભાળ લેવાય, કહેવાતી મેડિકલ કેર હોય ત્યાં મૂકે. એકલાં અટુલા વયસ્ક મા બાપ સંતાનોનું ભલું ઇચ્છી અહીં એમની જેવી સ્થિતિ વાળાં એની મા બાપો સાથે આનંદમાં રહે. બેય તરફ જે થોડું કે ઘણું સહન કરી જતું કરવું પડે એ મા બાપ સંતાનોને કે સંતાનો મા બાપ ને કહે નહીં.
તો જુઓ ત્યાંના ફોટાઓ.
મારે તો મારું ઘર જ મારું સ્વર્ગ. નન્હી સી દુનિયા નન્હે ખ્વાબ. સંતોષી જીવો.

sunilanjaria081256

हवा में घुलता हर इक रंग, सब कुछ तुम ही तो हो।
मेरे ख़याल, मेरी उमंग, सब कुछ तुम ही तो हो॥

नज़र जहाँ भी जाए, तेरा ही अक्स दिखता है,
ज़मीन पर है जो या आसमाँ पर, सब कुछ तुम ही तो हो॥

सुकून-ए-दिल हो, या धड़कन की हर सदा,
मेरी सुबह, मेरी शाम-ए-ग़म, सब कुछ तुम ही तो हो॥

जो लब पे आए, वो हर हर्फ़, जो दिल में उतरे, वो,
मेरी ज़ुबाँ, मेरी ख़ामोशी का दम, सब कुछ तुम ही तो हो॥

मुक़द्दर की लकीरों में छुपा हर राज़,
मेरी हयात का हासिल-ओ-रक़म, सब कुछ तुम ही तो हो॥

तुम्हारे बिन भला क्या वजूद है मेरा
मेरा करम, मेरा ईमान, मेरा भरम, सब कुछ तुम ही तो हो॥

palewaleawantikagmail.com200557

अंदाज कर
वक्त पर संभल
तूफ़ां सामने
फिर क्यों
चल-विचल
निर्झर सा झर
दो पल ठहर
चारो प्रहर
बस चलता चल
किंचित कठिन हैं
मंज़िल की डगर
तो क्या हुआ
यहाँ कुछ नहीं अचल
बढ़ तू बढ़ता चल
#डॉ_अनामिका
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Do you know that it is possible for us too, to live in the present if we attain the real knowledge of the Self and the doership?

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dadabhagwan1150

#WhispersOfSufiMahak ✨🌙

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