कोऊ ना कायम रहे ,
हाकिम दीन हजूर ।।
जनम लेय फिर जावणो ,
देख ओही दस्तूर ।।
शरण पड़े को साचवे ,
(ओ) धरण वडो तव धाम ।।
वरण छत्तीसों वाहरू ,
करण सिद्ध सब काम।।
करनल नित किरपा करण ,
सबल निरबल इ साथ ।।
भुजबल समरथ भगवती ,
हरपल राखण हाथ ।।2।।"""""જય માં ભગવતી"""""