माँ, आज मेरा जन्मदिन है,
पर दिल कहता है ये दिन आपका भी तो है।
क्योंकि आप ही ने मुझे इस दुनिया में लाया,
जीवन का पहला उपहार मुझे दिलाया।
आज आप पास नहीं हैं,
पर हर साँस में आपकी दुआएँ बसती हैं।
आपकी ममता की छाया आज भी साथ चलती है,
आपकी यादें ही मेरे दिल को संभालती हैं।
आपकी गोद का सुकून अब खामोश है,
पर उसकी गर्माहट अब भी मेरे अंदर जोश है।
आपने जो रास्ता दिखाया, वही मेरी पहचान है,
आप ही मेरी शक्ति, आप ही मेरी जान हैं।
माँ, हर जन्मदिन पर सबसे बड़ा धन्यवाद,
आपको है—
जिसने मुझे जन्म देकर,
इस दुनिया में जीने का हौसला दिया।
आप भले ही दूर सितारों में हों,
पर मेरी हर धड़कन में सिर्फ़ "माँ" हो। 🌹🙏पिताजी,
आज मैं जो भी हूँ,
आपकी मेहनत, आपकी सीख और आपके साए की वजह से हूँ।
आपने कभी अपने सपनों को पीछे छोड़कर,
मेरे लिए नई राह बनाई।
अपने संघर्षों को हंसकर सहा,
ताकि मेरी आँखों में कभी आंसू न आए।
आपका अनुशासन मेरा सहारा है,
आपकी बातें मेरी ताक़त का किनारा हैं।
आपकी डांट में भी प्यार था छुपा,
आपकी खामोशी में भी दुआओं का आसरा था।
पिताजी,
मेरे हर जन्मदिन पर,
माँ की ममता और आपकी परछाई दोनों मुझे याद आते हैं।
आप ही मेरे पहले हीरो हैं,
और हमेशा रहेंगे।
🙏💐 धन्यवाद, पिताजी 💐🙏
"माँ-बाप ही इस दुनिया की सबसे बड़ी दौलत हैं।
वे ही हमें जीना, सोचना और सही रास्ते पर चलना सिखाते हैं।
अगर आज मैं एक अच्छी इंसान और एक अच्छी नागरिक हूँ,
तो यह सिर्फ़ मेरे माता-पिता की सीख और परवरिश की वजह से है।
धन-दौलत और रिश्ते कभी साथ नहीं रहते,
लेकिन माँ-बाप का दिया संस्कार और आशीर्वाद
हमेशा ज़िंदगी का सहारा बनता है।
इसलिए आइए, हम सब अपने माँ-बाप का सम्मान करें,
क्योंकि वही हमारे असली भगवान हैं।"
🙏💐माँ-बाप: जीवन की सबसे बड़ी दौलत 🌺
दुनिया में सब रिश्ते बदल जाते हैं,
कोई साथ आता है, कोई साथ छोड़ जाता है।
लेकिन माँ-बाप ऐसे होते हैं,
जो जन्म से लेकर आख़िरी सांस तक
हमारे लिए सिर्फ़ देते ही रहते हैं।
माँ हमें जीना सिखाती है,
और पिता हमें दुनिया से लड़ना सिखाते हैं।
माँ की ममता और पिता का अनुशासन —
यही वो दो पंख हैं जिनसे इंसान उड़ना सीखता है।
यदि हम अच्छे इंसान हैं,
तो यह सिर्फ़ माँ-बाप की सीख का असर है।
यदि हमारी सोच साफ है,
तो यह उनकी परवरिश की छाप है।
यदि हम सच्चे नागरिक हैं,
तो यह उनकी दी हुई ईमानदारी का तोहफ़ा है।
माँ-बाप ही वो दर्पण हैं
जिसमें हम अपनी असली पहचान देखते हैं।
धन-दौलत, रिश्तेदार, दोस्त — सब पीछे छूट सकते हैं,
पर माँ-बाप की सीख और आशीर्वाद कभी नहीं छूटते।
इसलिए माँ-बाप ही हमारी सबसे बड़ी पूँजी हैं,
सबसे बड़ा मंदिर हैं,
और सबसे बड़ा भगवान भी वही हैं।
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