justice Quotes in Hindi, Gujarati, Marathi and English | Matrubharti

justice Quotes, often spoken by influential individuals or derived from literature, can spark motivation and encourage people to take action. Whether it's facing challenges or overcoming obstacles, reading or hearing a powerful justice quote can lift spirits and rekindle determination. justice Quotes distill complex ideas or experiences into short, memorable phrases. They carry timeless wisdom that often helps people navigate life situations, offering clarity and insight in just a few words.

justice bites

मॉब लिंचिंग
#Justice

शहर में अनजान
नाम उसका अनजान
वह जिन लोगों के बीच में फसा
वो थे इंसान के नाम पर हैवान
क्या बताऊं उन दरिंदों ने बुरी तरह उसको फांसा अपने पास
अभी तो शुरुआत हुई थी अभी थी उसकी आंखों में एक आस
कोई तो होगा भीड़ में जो उसे आकर बचा लेगा
इन शैतानों को कोई तो जवाब देगा.................✍✍✍
जिनसे थी उसकी आस सब ने भीड़ में खड़े होकर अपना हाथ लपेटा
अगर वो उस हालत में दे सकता जवाब तो उनके लात धूंसो का भी देता
पर उन दरिंदों का जुल्म बढ़ता गया
उसको मज़हब के नाम पर छेड़ा गया
बस वो अंदर ही अंदर मरता गया..................✍✍✍
किसी ने लात मारी तो किसी ने ताने
भीड़ में कुछ तमाशा देखने वाले भी हो रहे थे दीवाने
पर कुछ लोगों का दिल भी पसीज गया फिर भी वो बन रहे थे अंजाने,
अब तो वो भी पूरा तमाशा देख रहे थे अपने हाथ बांधे
हैवान, शैतान, बुजदिल लोग उस पर वार पर वार कर रहे थे
कुछ लोग खड़े देख रहे थे, तो कुछ लोग उस पर पत्थर कंकर फेंक रहे थे..............✍✍✍
जिसके साथ ये घटना बीती थी वो पहले सबके लिए अनजान था
बाद में कानूनी शिनाख़्त के बाद पता चला नाम उसका सुल्तान था
वह अपने घर का इकलौता चिराग था
पर बेचारा वो उस दिन अपने घर कैसे लोटता
क्या बताऊं आंखें नम़ कर के लिख रहा हूँ
उस दिन तो वहाँ जुलूस निकला था उसकी मौत का.....✍✍✍
© chand Hussain
iG - MoonsFeeling

#justice

justify any person
not by his
face, his wealth or his power,
but always justify
him by his
attitude.

#Justice does not mean thinking only for others, thinking for one's own dreams is also self-justice...🤩
_Dhanni

What is #justice ?

If the decision is in our favor then it is justice otherwise injustice.

It is not necessary that all justice be done in the court of law. When nature does justice, she is very engaged and honest
 
#Justice
bhagvati

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16. सारमेयादन

धन लूटने वाले अथवा दूसरे की सम्पत्ति को नष्ट करने वाले को व्यक्ति को सारमेयादन नरक में गिरना पड़ता है। जहाँ सारमेय नामक विचित्र प्राणी उसे काट-काट कर खाते हैं।

17. अवीचि

दान एवं धन के लेन-देन में साक्षी बनकर झूठी गवाही देने वाले व्यक्ति को अवीचि नरक में, पर्वत से पथरीली भूमि पर गिराया जाता है; और पत्थरों से छेदा जाता है।

18. अयःपान:

मदिरापान करने वाले मनुष्य को अयःपान नामक नरक में गिराकर गर्म लोहे की सलाखों से उसके मुँह को छेदा जाता है।

19. पंरिमुखम

मासूम लोगो को बिना कानूनी प्रक्रिया से सजा देने वाले को सूअर जैसे जानवर के दातो टेल छोड़ दिया जाता है

20. क्षारकर्दम

अपने से श्रेष्ठ पुरूषों का सम्मान न करने वाला व्यक्ति क्षारकर्दम नामक नरक में असंख्य पीड़ाएँ भोगता है।

21. शूलप्रोत:

पशु-पक्षियों को मारकर अथवा शूल चुभोकर मनोरंजन करने वाले मनुष्य को शूलप्रोत नामक नरक में शूल चुभाए जाते हैं। कौए और बटेर उसके शरीर को अपनें चोंचों से छेदते हैं

22. कालासुथिरा 

भूख से पीड़ित अपने माता पिता और परिवार को प्रताड़ित करने को भी तेल में ही तला जाता है

23. अवटनिरोधन:

किसी को बंदी बनाकर, उसे अंधेरे स्थान पर रखने वाले व्यक्ति को अवटनिरोधन नामक नरक में रखकर विषैली अग्नि के धुएँ से कष्ट पहुँचाया जाता है।

24. पर्यावर्तन:

घर आए अतिथियों को पापी दृष्टि से देखने वाले व्यक्ति को पर्यावर्तन नामक नरक में रखा जाता है।जहाँ कौए, गिद्ध, चील, आदि क्रूर पक्षी अपनी तीखी चोंचों से उसके नेत्र निकाल लेते हैं।

25. असितपत्र्म

जो अपने धार्मिक कर्म  को ढंग से नहीं निभाते उनको बुरी आत्माओ से डराया जाता है

26. सूचीमुख:

सदा धन संग्रह में लगे रहने वाले और दूसरों की उन्नति देखकर ईर्ष्या करने वाले मनुष्य को सूचीमुख नरक में यमदूत सूई से वस्त्र की भाँति सिल देते हैं।

27. कालसूत्र:

पिता और ब्राह्मण से वैर करने वाले मनुष्य को इस नरक में कोड़ों से मारा जाता है; और दुधारी तलवार से छेदा जाता है।

#Justice

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गरुड़ पुराण के अनुसार कौनसे पाप के लिए कौनसी सज़ा है आइये जाने:

1. तमिसरा [Heavy flogging]

जो व्यक्ति दूसरों के धन ,स्त्री और पुत्र का अपहरण करता है, उस दुरात्मा को तामिस्र नामक नरक में यातना भोगनी पड़ती है। इसमें यमदूत उसे अनेक प्रकार का दण्ड देते हैं । उन्हें गरुड़ पुराण के अनुसार घोड़ो के द्वारा चलाये जाने वाले हथियार “गडा ” से कुचला जाता है

2. अन्ध्तामिसरा

जो पुरूष किसी के साथ विश्वासघात कर उसकी स्त्री से समागम करता है, उसे अंधतामिस्र नरक में घोर यातना भोगनी पड़ती है।इस नरक में वह नेत्रहीन हो जाता है।शादी के बाद पति या पत्नी को धोखा देने वाले को अचेत हालत में नरक कुण्ड में डाल दिया जात है

3. रोरवा

दुसरो के परिवार को ख़त्म करने या दुखी करने वाले को यमदूतो के द्वारा जननांगो पर चोट मारी जाती है

4. महारौरव

इस नरक में माँस खाने वाले रूरू जीव दूसरे जीवों के प्रति हिंसा करने वाले प्राणियों को पीड़ा देते हैं ।दुसरो की सम्पति हडपने वाले को जंगली जानवरों से प्रताड़ित किया जाता है

5. कुम्भीपाक

पशु-पक्षी आदि जीवों को मार कर पकाने वाला मनुष्य कुम्भीपाक नरक में गिरता है। यहाँ यमदूत उसे गरम तेल में उबालते हैं। भोजन के लिए मासूम लोगो की जान लेने वाले को यमदूतो के द्वारा गर्म तेल की कढ़ाही में तला जाता है |

6. असिपत्र

वेदों के बताए मार्ग से हट कर पाखण्ड का आश्रय लेने वाले मनुष्य को असिपत्र नामक नरक में कोड़ों से मारकर दुधारी तलवार से उसके शरीर को छेदा जाता है।

7. शूकरमुख

अधर्मपूर्ण जीवनयापन करने वाले या किसी को शारीरिक कष्ट देने वाले मनुष्य को शूकरमुख नरक मे गिराकर ईख के समान कोल्हू में पीसा जाता है।

8. अंधकूप

दूसरे के दुःख को जानते हुए भी कष्ट पहुचाने वाले व्यक्ति को अंधकूप नरक में गिरना पड़ता है। यहाँ सर्प आदि विषैले और भयंकर जीव उसका खून पीते हैं।

9. संदंश

धन चुराने या जबरदस्ती छीनने वाले प्राणी को संदंश नामक नरक में गिरना पड़ता है। जहाँ उसे अग्नि के समान संतप्त लोहे के पिण्डों से दागा जाता है।

10. तप्तसूर्मि

जो व्यक्ति जबरन किसी स्त्री से समागम करता है, उसे तप्तसूर्मि नामक नरक में कोड़े से पीटकर लोहे की तप्त खंभों से आलिंगन करवाया जाता है।

11. शाल्मली

जो पापी व्यक्ति पशु आदि प्राणियों से व्यभिचार करता है, उसे शाल्मली नामक नरक में गिरकर लोहे के काँटों के बीच पिसकर अपने कर्मों का फ़ल भोगना पड़ता है।

12. वैतरणी

धर्म का पालन न करने वाले प्राणी को वैतरणी नामक नरक में रक्त, हड्डी, नख, चर्बी, माँस आदि अपवित्र वस्तुओं से भरी नदी में फेंक दिया जाता है।

13. प्राणरोध

मूक प्राणियों का शिकार करने वाले लोगों को प्राणरोध नामक नरक में तीखे बाणों से छेदा जाता है।

14. विशसन

जो मनुष्य यज्ञ में पशु की बलि देतें हैं, उन्हें विशसन नामक नरक में कोड़ों से पीटा जाता है।

15. लालाभक्ष

कामावेग के वशीभूत होकर सगोत्र स्त्री के साथ समागम करने वाले पापी व्यक्ति को लालाभक्ष नरक में रहकर वीर्यपान करना पड़ता है।

कमश:

#Justice

#justice
without justice and love,peace will always be a great illusion...