भारत की स्वतंत्रता के पूर्व मुस्लिम लीग द्वारा 'सीधी कार्यवाही' की घोषणा से १६ अज्ञानहृदयग्रन्थेर्निःशेषविलयस्तदा ।समाधिना विकल्पेन यदाद्वैतात्मदर्शनम् ॥ अत्रात्मत्वं दृढीकुर्वन्नहमादिषु संत्यजन् ।उदासीनतया तेषु तिष्ठेद्घटपटादिवत् ॥ A rose is not its thorns, a peach is not its fuzz and a human being is not his or her crankiness.“Do not fear them. The Almighty is your strength, so fight, even when facing an enemy stronger than yourself”
16 अगस्त सन् १९४६ को कोलकाता में भीषण दंगे शुरु हो गये। इसे कलकत्ता दंगा या कलकत्ता का भीषण हत्याकांड कहते हैं। 1940 के दशक में भारत की संविधान सभा में मुस्लिम लीग और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दो सबसे बड़ी राजनीतिक दल थे। मुस्लिम लीग के पाकिस्तान की मांग की और ‘डायरेक्ट एक्शन डे’ का ऐलान किया था। इसके चलते, कलकत्ता में हिंसा हुई थी। करीब 72 घंटे की हिंसा में, हजारों लोग मौत के घाट उतारे गए, वहीं लाखों लोग रातों-रात बेघर हो गए। डायरेक्ट एक्शन डे ने भारत-पाकिस्तान का बंटवारा पक्का कर दिया था।