*दोहा-सृजन हेतु शब्द--*
*संविधान,सरकार,गणतंत्र,सरपंच,राष्ट्र-पताका,*
1 संविधान
संविधान चलता तभी, चरित्र करें निर्माण।
जनता का हित साधकर, शोषित का कल्याण।।
2 सरकार
जन सेवक सरकार ही, करती है कल्याण।
यश अर्चन सम्मान सँग,करे प्रगति-निर्माण।।
3 गणतंत्र
गणतंत्र दिवस की घड़ी, सजी देहरी आज।
जनमानस हर्षित हुआ, बने राम के काज ।।
4 सरपंच
बनें गाँव सरपंच तब, करें अनोखे काम।
देश तरक्की कर सके, जग जाहिर हो नाम।।
5 राष्ट्र-पताका
राष्ट्र-पताका देश की, बनी हुई सिरमौर।
सोने की चिड़िया बने, आएगा नव-दौर।।
मनोजकुमार शुक्ल " मनोज "
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