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New bites

रिश्तो में अनकहा दर्द

umabhatiaumaroshnika941412

पेरेंट्स की लड़ाई से सहमे बच्चे

umabhatiaumaroshnika941412

"माँ मेरी कलम"

मेरी कलम चलती है तेरी शक्ति से,
हर शब्द जन्म लेता है तेरी भक्ति से।

तू ही है मेरी प्रेरणा, तू ही साधना,
तेरे बिना अधूरी है मेरी हर रचना।

भावनाओं की धारा में तू ही बहती है,
विचारों की लहरों में तू ही कहती है।

जब भी मैं लिखती हूँ, तू ही झलकती है,
मेरे हर अक्षर में तेरी छवि चमकती है।

तू ही कलम की स्याही, तू ही शब्दों का रंग,
तेरे बिना सब सूना, तेरे बिना सब भंग।

माँ!
तू ही मेरी लेखनी की आत्मा है,
तू ही मेरी पूजा, तू ही मेरी प्रार्थना है।

archanalekhikha

नारी की व्यथा

umabhatiaumaroshnika941412

वो शहर भी रोया🥹, मेरे जाने के ग़म में😇,
जो हर दिन की मेरी धूप-छाँव का साथी था🤝।
मेरा गाँव भी मुस्कुराया😁, मेरे आने की खुशी में🥰,
जो मेरे बचपन की माटी और हवा का साथी था।
आज दोनों की आँखों से एक ही⛈️🌧️ बारिश बरसी है ☔⛈️⛈️🌦️,
एक ने मुझे खोया है💔💔, एक ने मुझे पाया है❤️💕।

puneetkatariya2436

I proud of you 36 RR Happy raising day

virdeepsinh

Goodnight friends

kattupayas.101947

शीर्षक – पत्र की पुकार

प्रिय पाठक,

क्या मैं आप सभी को याद हूँ? या तकनीकी सुविधाओं संग आप मुझे भूल गए?
मैं एक पत्र हूँ। आप मुझे चिट्ठी, ख़त, तार आदि के नाम से भी जानते हैं। एक समय में जिनसे मिलना संभव ना हो, उनसे संवाद का मैं प्रथम मार्ग था।
जब कोई मुझे पढ़ता था तो मैं उसके अधरों पर मुस्कान बिखेरता था। कभी मैं प्रेम की निशानी बनकर किसी किताब के पन्नों में अपना बसेरा बनाता था, तो कभी अनमोल धरोहर बन दराज़ के किसी कोने में यादों की महक बिखेरता था।
उस समय आज की भाँति तत्काल संदेश पहुँचाने की सेवा भी तो उपलब्ध नहीं थी। तो संदेश प्राप्ति की व्याकुल प्रतीक्षा जैसे सुंदर क्षण भी तो बनते थे। लेकिन अफ़सोस! तकनीकी सेवाओं के आदि पाठक क्या जाने इन सुंदर क्षणों के आनंद को!
मेरे माध्यम से भेजे गए संदेश मात्र संदेश नहीं अपितु लिखने वाले की भावनाएँ होते थे। साधारण पत्र के लिए नीली स्याही, प्रेम-पत्र के लिए लाल स्याही का सुंदर इस्तेमाल, शुभकामना-पत्र के लिए रंग-बिरंगी अनेकों स्याही संग सुंदर अलंकरण। वह सब भावनाएँ इन तकनीकी संदेशों में कहाँ!
लेकिन इस बदलते युग के साथ मेरा अस्तित्व मिटता जा रहा है। लोग अब ईमेल और मैसेजिंग ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं। मैं अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा हूँ।
क्या आप मुझे याद करते हैं? क्या आप मुझे अपने जीवन में वापस लाने के लिए तैयार हैं?

एक पत्र!

© सृष्टि स्नेही चौहान

kalamkar.srishti

संघर्ष बनाम सुविधा : हमारी पीढ़ी और आज के बच्चे

कभी दो पहियों की साइकिल पर बैठकर हम सफ़र तय करते थे।
धूप, लू, बारिश, ठंड — सबका सामना करते हुए भी किताबों को सीने से लगाकर रखते थे। उस वक़्त हमारे पास न ए.सी. था, न मोबाइल, न लैपटॉप। सिर्फ़ एक चीज़ थी — संघर्ष और पढ़ने की लगन।

माँ की बीमारी हो या भाई-बहनों की ज़िम्मेदारी, सब कुछ निभाकर भी पढ़ाई से मुँह न मोड़ते थे। यही वजह है कि उस दौर के बच्चे, जो सीमित साधनों में भी डटे रहे, आज अपनी मंज़िल तक पहुँचे।

आज की पीढ़ी को देखती हूँ तो सोच में पड़ जाती हूँ।
इतनी सुविधाएँ हैं — पंखा, कूलर, ए.सी., वॉशिंग मशीन, टीवी, मोबाइल, इंटरनेट, लैपटॉप… सब कुछ। बच्चों का बस एक ही काम है — पढ़ाई करना।
फिर भी ध्यान किताबों पर कम और स्क्रीन पर ज़्यादा है।

आजकल के बच्चे पूछते हैं — “आपने हमें क्या दिया?”
पर असल सवाल यह होना चाहिए कि — “हम अपनी सुविधाओं का सही इस्तेमाल क्यों नहीं कर पा रहे?”

संघर्ष की ताक़त

सच यह है कि जिन बच्चों ने कठिनाइयों के बीच पढ़ाई की, वही आगे बढ़े। जो तपे, वही निखरे। संघर्ष ने उन्हें मज़बूत बनाया।
आज भी अगर कोई बच्चा पूरी ईमानदारी से पढ़ाई करे, अपना समय सही जगह लगाए, तो वह किसी भी सुविधा से नहीं, बल्कि अपनी मेहनत से आगे निकलेगा।

सुविधा का सच

सुविधाएँ कभी बुरी नहीं होतीं, लेकिन अगर वे हमें आलसी बना दें तो वही हमारी सबसे बड़ी कमजोरी बन जाती हैं।
पढ़ाई, मेहनत और अनुशासन के बिना सिर्फ़ साधन किसी को सफल नहीं बना सकते।

archanalekhikha

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surya1991

આથમતો સુરજ અને વરસતી કાળી વાદલડી
લતાઓ પરના પીળા ફુલોને જોઈ ઠરે આંખલડી

naranjijadeja7114

Radhey Radhey...🌺💞🌺

gautamsuthar129584

ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं

mamtatrivedi444291

ममता गिरीश त्रिवेदी की कविताएं
कविता का शीर्षक है। साया

mamtatrivedi444291

काटो मे से भी फूल तोड़ लेंगे हम
तुम साथ हो हर रस्ता जोड़ लेंगे हम

और कोई गुनजाईस नही तुम्हे छोड़ दे
उससे पहले ये सांसे छोड़ देंगे हम .

mashaallhakhan600196

पुरुष का अनदेखा संघर्ष

हां, वह पुरुष भी इंसान ही है…
जिसके संघर्ष अक्सर किसी की आंखों को नहीं दिखते।
परिवार की हर जरूरत, हर इच्छा पूरी करने के लिए वह दिन-रात मेहनत करता है।
कभी मजदूर बन जाता है, कभी इंजीनियर, तो कभी बड़ा अफसर बनने का सपना लेकर रात-रात जागकर पढ़ाई करता है।

जब सफल हो जाता है तो सब उसकी तारीफ करते हैं,
पर जब असफल होता है तो वही लोग सवाल करने लगते हैं—
“बच्चों का पालन-पोषण कैसे होगा?”
तभी वह चुपचाप अपने तकिये में आंसू बहाता है, मन ही मन टूट जाता है।

पुरुष का दर्द कौन समझे?
जरा उसकी मां से पूछो, जिसने उसे संघर्ष करते देखा है।
या फिर उस पत्नी से पूछो, जो अपने पति के हर बोझ को अपना मानकर उसके साथ खड़ी रही।
वही सच्ची पत्नी है, वही सच्चा परिवार कहलाता है।

लेकिन आज की दुनिया में तस्वीर बदल गई है।
कई पत्नियाँ केवल घूमने-फिरने, बर्थडे, एनिवर्सरी और शॉपिंग को ही प्रेम और अधिकार मान बैठी हैं।
अगर वह सोचें—
“मेरे पति की कमाई चाहे कितनी भी हो, अगर एक रोटी है तो हम दोनों आधी-आधी खा लेंगे”—
तो जीवन बहुत आसान हो जाए।

पर अफसोस!
पुरुष का संघर्ष आज भी दिखाई नहीं देता।
वह हर दिन सिर्फ अपने परिवार के लिए जीता है, पर उसकी पीड़ा कोई नहीं देखता।

archanalekhikha

आप स्वयं पे संदेह कर रहे हैं जबकि अन्य लोग आपकी क्षमता से डरे हुए हैं ।।

reenachouhan428395

Life is like a shirt with many buttons.



When we fasten the first button, we take our first step toward our destination—with courage.

The second button closes with hope, the third with determination, and so on…

Every button we close brings us closer to the complete picture of our journey—just as every step, every choice, shapes the story of our life.

nensivithalani.210365

💙 Finally, the blue tick is added to my profile! ✔️✨



But this isn’t just a badge — it’s the symbol of a beautiful 5-month journey with all of you, my amazing readers. 🌸



Your love and inspiration push me to write more, dream bigger, and share stories from the heart. ✍️💫



This is just the beginning… in the future, I wish to reach more readers, more hearts, and spread more motivation. 🌟



Keep reading, keep inspiring, and don’t forget to share your thoughts with me — they mean the world. 🌍💖



💙 Thank you so much, all my readers!

Your love, support, and inspiration made this journey possible. 🌸



With gratitude,

Nensi Vithalani ✨

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👁️ ICL Surgery – A Clear Alternative to LASIK

Not everyone is eligible for LASIK due to thin corneas, high eye power, or other medical conditions. But that doesn’t mean you have to stay dependent on glasses or contact lenses.

✨ ICL (Implantable Collamer Lens) Surgery is a safe and effective solution for those who can’t undergo LASIK. The procedure involves placing a special lens inside the eye, offering permanent clear vision without altering the cornea.

✅ Benefits of ICL:

High-definition vision without glasses 👓

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Quick recovery with long-term results

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👉 Say goodbye to glasses and step into a clearer world today!

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netrameyecentre

જ્યાં સુધી 'પોતે' ભગવાન ના થાય, ત્યાં સુધી ભગવાન મળે નહીં. - દાદા ભગવાન

વધુ માહિતી માટે અહીં ક્લિક કરો: https://dbf.adalaj.org/EhS8N3zF

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dadabhagwan1150

ક્યારેક જીંદગીને પુછવા જેવું ખરું.
કે તારી પાસે સમય કેટલો?

જવાબ મળશે, તું પળને માણે તેટલો.
અરે સમજાયું નહીં, વિસ્તાર થી કહે,

જીંદગી સમયનો ભાગ છે,
તે સ્થિર સ્થિતિ માં ક્યાં છે.

પળોનો સરવાળો છે જીંદગી.
આખેઆખો સરવાળો પામવા પળો ગણવી પડશે.

અઘરું ગણિત છે, જરાય નહીં
થોડી બાદબાકી આવડે તો

કેવી રીતે,

જે પળો મળી છે, માણવા! પછી તેને
ઈર્ષા, અદેખાઈ,ન કામનો ક્રોધ, લાલચ,
કે પછી વેરઝેરની ભાવના થી ના કામની નારાજગી થી શું કામ બરબાદ કરવી.

તેના કરતાં આ બધી બાબતોની બાદબાકી કેવી રહે??

મનથી એક વખત કરવા જેવી ખરી ને?

જીંદગી કપાસના ફુલ જેવી,
હળવીફૂલ લાગશે શ્વેત જીવવા જેવી ખરેખર!

ગૌતમ બુદ્ધ,મહાવીર નો માર્ગ દેખાશે અને સ્પષ્ટ સમજાશે.

ત્યારે થોડી ક્ષણ અફસોસ જન્મશે કે ખોટી રીતે પળો ગુમાવી તે પણ ક્ષણિક માન્ય છે.

ક્યારેક શાંત મન કરવા ઘણુંબધું બાદ કરવું પડે.

બાદ કરવાથી પણ ક્યારેક જીંદગીનો સરવાળો સરળ થઈ જાય છે.
જીંદગીનો સરવાળો તો દરેકને પ્રિય જ હોય છે. ક્યારેક બાદબાકી!

parmarmayur6557

लोगो को आपके नाम से नही
आपके काम से दिक्कत है
जो सफल होते उनसे जलते है
और जो असफल उन्हे जलाते है
ये जिन्दगी है जनाब लोग ऐसे ही
रुलाते है .

mashaallhakhan600196